Madhya Pradesh – Geological Wonders on Epic TV: एपिक चैनल पर स्पेशल टेलीकास्ट में ओरछा, ढाला क्रेटर और एमपी के अन्य प्राचीन स्थलों के नीचे दबे रहस्यों की खोज करें, इन दिन होगा प्रसारण

मुंबई: इतिहास और पौराणिक कथाओं पर भारत का पहला खंडित चैनल एपिक जो मध्य प्रदेश में भूवैज्ञानिक आश्चर्यों पर दो एपिसोड प्रसारित करने के लिए पूरी तरफ से तैयार है. “भारत का हार्टलैंड” कहा जाने वाला मध्य प्रदेश प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक आश्चर्यों का खजाना है. दो एपिसोड का विशेष प्रसारण, मध्य प्रदेश-जियोलॉजिकल वंडर्स, 23 सितंबर और 30 सितंबर को शाम 7 बजे एपिक और एपिक ऑन पर प्रसारित किया जाएगा.

इसी के साथ 27 सितंबर और 4 अक्टूबर को शाम 7 बजे इन दोनों एपिसोड का दोबारा प्रसारण किया जाएगा. मध्य प्रदेश के भूवैज्ञानिक आश्चर्यों पर यह स्पेशल प्रसारण राज्य के कुछ सबसे मनोरम स्थलों पर केंद्रित होगा. एपिक पर दो एपिसोड का विशेष प्रसारण आपको ओरछा, ढाला क्रेटर और अन्य ऐतिहासिक स्थलों की प्राचीन दुनिया में वापस ले जाएगा. Varanasi International Cricket Stadium: वाराणसी को पीएम मोदी की बड़ी सौगात, पूर्वांचल में बनेगा पहला इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, प्रधानमंत्री आज करेंगे शिलान्यास

एपिक पर दो भागों का स्पेशल टेलीकास्ट निश्चित रूप से आपको हमारे पूर्वजों के जीवन के बारे में सोचने और कल्पना करने पर मजबूर कर देगा क्योंकि इसमें पूरी गहराई तक दिखाया जाएगा और कुछ ऐतिहासिक स्थलों के नीचे छिपे रहस्यों की खोज करेगा.

महाकाव्य पर मध्य प्रदेश के भूवैज्ञानिक आश्चर्यों की खोज करें

शो में खोजे जाने वाले मध्य प्रदेश के भूवैज्ञानिक आश्चर्यों पर संक्षिप्त जानकारी

भीमबेटका रॉक शेल्टर

भीमबेटका रॉक शेल्टर्स मूलतः लगभग 700 प्राकृतिक रॉक शेल्टरों की एक सीरीज है. इन गुफाओं में मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाने वाली पेंटिंग हैं. ऐसा कहा जाता हैं कि इनमें से कुछ पेंटिंग 30,000 साल पुरानी हैं. गुफाओं की उत्पत्ति पुरापाषाण और मध्यपाषाण काल ​​में हुई थी.

ओरछा

बता दें कि 1501 में बुंदेला राजपूत प्रमुख द्वारा स्थापित, ओरछा मध्य प्रदेश में बेतवा नदी के तट पर स्थित एक ऐतिहासिक शहर है, जो अपने भव्य महलों और जटिल नक्काशीदार मंदिरों के लिए जाना जाता है. महलों के शहर के रूप में प्रसिद्ध, यह क्लासिक भित्ति चित्रों, भित्तिचित्रों और छतरियों के लिए विश्व प्रसिद्ध है, जिनका निर्माण बुंदेला शासकों की स्मृति में किया गया था. ओरछा का पुरानी दुनिया का आकर्षण दुनिया भर के पर्यटकों पर जादू करता है.

रनेह वाटरफॉल्स

रनेह वाटरफॉल्स छतरपुर जिले में स्थित केन नदी पर एक प्राकृतिक वाटरफॉल्स है. केन नदी 5 किलोमीटर लंबी और 30 मीटर गहरी घाटी बनाती है जो गुलाबी और लाल से लेकर भूरे रंग के विभिन्न रंगों में शुद्ध क्रिस्टलीय ग्रेनाइट से बनी है. घाटी में झरनों की एक सीरीज है. बड़े और छोटे झरने पूरे साल बहते रहते हैं. अन्य मौसमी झरने मानसून के दौरान दिखाई देते हैं.

SpiceJet Exudes Confidence: बढ़ती कानूनी लड़ाइयों के बावजूद स्पाइसजेट आत्मविश्‍वास से लबरेज, पर क्या यह सच है?

नई दिल्ली, 8 जुलाई: जहां विमानन उद्योग में दिवालियेपन के मामलों और वित्तीय संकट की लहर चल रही है, वहीं स्पाइसजेट का दावा है कि एयरलाइन की आगे की संभावनाएं बेहतर हैं, साथ ही उसने अपनी कानूनी लड़ाइयों और सफल पुनर्भुगतान के करीब होने की ओर इशारा किया है विमान पट्टे पर देने वाली कंपनी एयरकैसल ने हाल ही में स्पाइसजेट के खिलाफ बकाया भुगतान न करने का दावा करते हुए एक नई दिवालिया याचिका दायर की है. यह भी पढ़े: SpiceJet भी होगी दिवालिया? NCLT में इस कंपनी ने दायर की याचिका, 12 जून को होगी सुनवाई

यह एयरलाइन के खिलाफ दायर किया गया तीसरा दिवालिया मामला है, क्योंकि एयरकैसल का लक्ष्य अपने ऋणों की वसूली के लिए कार्यवाही शुरू करना है हालांकि, एयरकैसल की दूसरी दिवालिया याचिका की स्थिरता के बारे में चिंताएं सामने आई हैं, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने एयरकैसल के कानूनी प्रतिनिधि से स्पष्टीकरण मांगा है एनसीएलटी ने अपने अनुरोध में प्रासंगिक कानूनी मिसालों का हवाला दिया है, जो याचिका की वैधता पर स्पष्टीकरण की जरूरत पर प्रकाश डालता है स्पाइसजेट के एक प्रवक्ता ने एयरलाइन के लंबे समय से लंबित कानूनी मामलों के निष्कर्ष के करीब पहुंचने पर आशा व्यक्त की.

प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी सक्रिय रूप से सभी चल रहे मामलों को निपटा रही है, जो एयरलाइन के लिए अच्छे दिनों का संकेत है उन्होंने कहा, “लंबी कानूनी लड़ाई की पृष्ठभूमि के बीच इन मामलों को सुलझाने के लिए स्पाइसजेट की प्रतिबद्धता पिछली चुनौतियों से निपटने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाती है प्रवक्ता ने कहा, “स्पाइसजेट ने सिटी यूनियन बैंक को 100 करोड़ रुपये का पुनर्भुगतान भी सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है 25 करोड़ रुपये की अंतिम किस्त का भुगतान 30 जून, 2023 को किया गया, जिससे 2012 में लिया गया पूरा ऋण खाता प्रभावी रूप से बंद हो गया.

प्रवक्ता ने कहा, “सिटी यूनियन बैंक को पुनर्भुगतान स्पाइसजेट के क्यू 400 विमान के लिए एक प्रमुख पट्टादाता नॉर्डिक एविएशन कैपिटल (एनएसी) के साथ एक सफल निपटान समझौते के बाद किया गया है एनएसी के साथ समझौता एनएसी द्वारा स्पाइसजेट को पट्टे पर दिए गए क्यू 400 के लिए सभी पिछली देनदारियों को हल करता है और वापसी और प्रेरण को सक्षम बनाता है स्पाइसजेट के बेड़े में तीन अतिरिक्त विमान शामिल होंगे.

हालांकि, एक अन्य मामले में आर्थिक रूप से संकटग्रस्त एयरलाइन स्पाइसजेट को पिछले महीने लंदन उच्च न्यायालय ने दो विमान पट्टे देने वाली कंपनियों, जीएएसएल आयरलैंड और वीएस एमएसएन को 15 मिलियन डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया था अदालती कार्यवाही के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि स्पाइसजेट ने अदालत के कार्यक्रम में देरी करने के लिए कई प्रयास किए सूत्रों के अनुसार, एक बिंदु पर, एयरलाइन की कानूनी टीम ने फीस का भुगतान न करने का हवाला देते हुए मामले से हाथ खींच लिया.

इसके बाद स्पाइसजेट ने यह दावा करते हुए अधिक समय का अनुरोध किया कि वे एक नई कानूनी टीम को नियुक्त करने की प्रक्रिया में हैं हालांकि, अदालत इन बहानों से प्रभावित नहीं हुई और इस बात पर जोर दिया कि कार्यवाही जारी रहनी चाहिए, जिससे एयरलाइन के खिलाफ एक संक्षिप्त निर्णय आया। सूत्रों ने कि स्पाइसजेट ने ऐसे सभी दावों का खंडन किया है.

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्पाइसजेट की उस अर्जी को भी खारिज कर दिया, जिसमें काल एयरवेज और कलानिधि मारन को 75 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए समय बढ़ाने की मांग की गई थीपीठ में मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा ने कहा कि स्पाइसजेट का आवेदन अदालत के आदेशों के बावजूद भुगतान से बचने के लिए केवल देरी की रणनीति थी उन्होंने विशेष रूप से वाणिज्यिक मामलों में अदालती आदेशों का पालन करने के महत्व पर जोर दिया.

फरवरी में शीर्ष अदालत ने स्पाइसजेट को एक मध्यस्थ पुरस्कार के तहत अपनी ब्याज देनदारी के लिए तीन महीने के भीतर कल एयरवेज और कलानिधि मारन को 75 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा था कि भुगतान करने में विफलता के परिणामस्वरूप पूरा पुरस्कार डिक्री धारकों के पक्ष में निष्पादन योग्य हो जाएगा शुक्रवार को स्पाइसजेट का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने दो महीने का समय बढ़ाने का अनुरोध किया था, क्योंकि शुरुआती तीन महीने की समय सीमा 13 मई को समाप्त हो गई थी उन्होंने अदालत से मामले को आगे की चर्चा के लिए 3-4 दिनों में सूचीबद्ध करने के लिए कहा था.

हालांकि, करंजावाला एंड सी के अधिवक्ताओं के निर्देश पर वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने आरोप लगाया कि स्पाइसजेट सुप्रीम कोर्ट सहित सभी अदालतों के आदेशों की अवहेलना कर रहा है उन्होंने दलील दी कि एयरलाइन ने अपनी संपत्ति का खुलासा करने वाला हलफनामा दायर करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के 2020 के आदेश का पालन नहीं किया है.

इस साल 29 मई को, दिल्ली उच्च न्यायालय ने निष्पादन कार्यवाही में स्पाइसजेट और उसके प्रमुख अजय सिंह को काल एयरवेज और कलानिधि मारन को पुरस्कार के तहत पूरी निष्पादन योग्य राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने समय विस्तार देने से इनकार कर दिया, और एक स्पष्ट संदेश भेजने की आवश्यकता पर जोर दिया कि उसके आदेशों का पालन किया जाना चाहिए, खासकर वाणिज्यिक मामलों में अदालत ने स्पाइसजेट के आवेदन को खारिज कर दिया और पुरस्कार के पूर्ण कार्यान्वयन का आदेश दिया.

स्पाइसजेट के एक प्रवक्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश ने फरवरी 2023 में जारी उसके पिछले आदेश की पुष्टि की है प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्षों द्वारा फैसले को चुनौती देने वाली मुख्य याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में निपटान के लिए लंबित है स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने कहा, “यह मामला 579 करोड़ रुपये की मूल राशि पर ब्याज के भुगतान से संबंधित है, जिसका भुगतान पहले ही किया जा चुका है.

West Bengal Formation Day 2023: कोलकाता से दार्जिलिंग तक, पश्चिम बंगाल स्थापना दिवस पर करें इन जगहों की सैर

West Bengal Formation Day 2023: पश्चिम बंगाल दिवस 2023 (West Bengal Day) 20 जून को मनाया जाएगा. यह दिन पश्चिम बंगाल की स्थापना (West Bengal Foundation Day) और विकास का जश्न मनाता है, इसलिए यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है. पूर्वी भारत में स्थित पश्चिम बंगाल (West Bengal) एक महान विविधता वाला क्षेत्र है, जो विभिन्न सभ्यताओं का घर रहा है और अपनी सांस्कृतिक विविधता के लिए विख्यात है. पश्चिम बंगाल का एक समृद्ध इतिहास भी है जिसे इसके शहरों के बुनियादी ढांचे और स्मारकों के माध्यम से दर्शाया गया है.

पश्चिम बंगाल शक्तिशाली हिमालय से बंगाल की खाड़ी तक, अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण यह लोगों को आकर्षित करने के लिए आश्चर्यजनक परिदृश्य प्रदान करता है. अगर आप इतिहास प्रेमी और खूबसूरत स्थलों की सैर करने के शौकीन हैं तो पश्चिम बंगाल स्थापना दिवस पर आप कोलकाता, दार्जिलिंग, सिलिगुड़ी, हावड़ा और दीघा जैसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों की सैर कर सकते हैं. यह भी पढ़ें: West Bengal State Formation Day 2023 Wishes: पश्चिम बंगाल फ़ॉर्मेशन डे पर ये Quotes, Images और HD Wallpapers भेजकर इस ख़ास दिन को करें सेलिब्रेट

पश्चिम बंगाल दिवस पर करें इन स्थलों की सैर

Best Luxury Trains In India: भारत की 5 आलीशान ट्रेनें, जिसके आगे फेल हैं, फाइव स्टार होटल की शान! किराया इतना कि कर लें विदेश भ्रमण!

पर्यटन के दृष्टिकोण से भारत बेहद समृद्धशाली देश माना जाता है, प्रतिदिन दुनिया भर से लाखों पर्यटक यहां आते हैं, वहीं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रेलवे भी बड़ी भूमिका निभा रही है. वर्तमान में देश में कई लग्जरी ट्रेनें दौड़ रही हैं, जिससे सफर करना एक अलहदा अनुभव माना जायेगा. यद्यपि इन ट्रेनों में सफर करना इतना महंगा है, कि इतनी कीमत में विदेश ट्रिप करके वापस आया जा सकता है. इन ट्रेनों की खूबी यह है कि देशी-विदेशी पर्यटक देश के यादगार धरोहरों का दर्शन का लाभ तो उठाते ही हैं, साथ ही इन ट्रेनों में सफर करके खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं. यहां हम देश में चल रही 5 ऐसी लग्जरियस ट्रेनों के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिसके बारे में सुनकर आप भी हैरान रह जायेंगे.

1- महाराजा एक्सप्रेस

भारतीय लग्जरी ट्रेनों में सर्वश्रेष्ठ ट्रेन है महाराजा एक्सप्रेस. यह दुनिया की सबसे शानदार पांच ट्रेनों में एक है. इसकी शुरुआत 2010 में हुई थी. यह देश के सबसे रोमांचक जगहों से गुजरती हुई महाराजा एक्सप्रेस आपको भारत की संस्कृति और विरासत से अवगत कराती है. यहां आतिथ्य सत्कार हेतु खूबसूरत बार, भव्य सुइट्स, प्रोफेशनल खानसामे किसी भी अतिथि का दिल जीत लेगा. इसकी भव्यता और सुविधाओं को देखते हुए साल 2012, 2013 और 2014 में ‘विश्व की अग्रणी लग्जरी ट्रेन’ चुना गया. महाराजा एक्सप्रेस इन रूटों पर चलती है यह भी पढ़ें :

महाराजा एक्सप्रेस ट्रेन रूट

हेरिटेज ऑफ़ इंडिया यात्राः मुंबई सीएसटी से उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर, जयपुर, रणथंबोर, आगरा और दिल्ली (किराया 4,58, 280 रूपये)

ट्रेजस ऑफ़ इंडिया यात्राः दिल्ली, आगरा, रणथम्बोर, जयपुर पुनः दिल्ली (2,57,950 रुपये)

जेम्स ऑफ़ इंडिया यात्राः दिल्ली, आगरा, रणथम्बोर और जयपुर (किराया 2,57,950 रूपये)

इंडियन पैनोरमा यात्राः दिल्ली, जयपुर, सवाई माधोपुर, आगरा, ग्वालियर, खजुराहो, वाराणसी, लखनऊ से दिल्ली. (किराया, 4,00,660 रुपये)

इंडियन स्प्लेंडर यात्राः इस यात्रा की शुरुआत दिल्ली, आगरा, रणथंबोर, जयपुर, बीकानेर, उदयपुर, बालासिनोर एवं मुंबई में समाप्त होती है. (4,00,660 रूपये)

2- पैलेस ऑन व्हील्स

महाराजा एक्सप्रेस के बाद देश की दूसरी लग्जरियस ट्रेन है पैलेस ऑन व्हील्स. यह ट्रेन 1982 में शुरू हुई थी, 2009 में नवीनीकृत करके उसे दोबारा लॉन्च किया गया. इस शाही रेल में राजस्थान की हेरिटेज और सांस्कृतिक परम्परा को देखकर देश-विदेश के पर्यटक रोमांचित हो जाते हैं. ट्रेन में आधुनिक साज-सज्जा और सभी पर्यटक सुख-सुविधाओं का समावेश किया गया है. इस ट्रेन में शानदार केबिन, भारतीय चित्रकला को दर्शाते वॉलपेपर, स्टॉक बार, शानदार आतिथ्य, एवं हस्तशिल्प के कलात्मक उपयोग से सुसज्जित पहियों पर एक महल का अहसास कराती है. इसे दुनिया की चौथी सबसे शानदार ट्रेन माना जाता है. राजस्थान यात्रा के लिए सबसे बेहतरीन ट्रेन है.

पैलेस ऑन व्हील्स के रूटः (दिल्ली-जयपुर-सवाई माधोपुर-चित्तौड़गढ़-उदयपुर-जैसलमेर-जोधपुर-भरतपुर-आगरा-दिल्ली) इन शहरों के पर्यटन स्थलों की सैर कराती है.

इसका किरायाः विदेशी यात्रियों के लिए US$3500 + 4.5 प्रश सेवा कर, भारतीय यात्रियों के लिए: रूपये 2,10,000 + 4.5% सेवा कर

3- द डेक्कन ओडिसी

द डेक्कन ओडिसी पहियों पर भागता 5-स्टार होटल सरीखा है, जो देश के प्रमुख आकर्षक स्थलों का भ्रमण कराता है. इस ट्रेन में यात्रियों के लिए रॉयल ट्रीटमेंट, महल जैसा इंटीरियर, सैकड़ों किस्म के व्यंजन, लाउंज, कॉन्फ़्रेंस कार, ऑनबोर्ड स्पा जैसी सुविधाएं किसी का भी मन मोह लेगी. इस ट्रेन का देश में वही स्थान है, जो साउथ अफ्रीका में ब्लू ट्रेन और युरोप में ओरिएंट एक्सप्रेस का है.

द डेक्कन ओडिसी का रूटः मुंबई से रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, गोवा, बेलगाम, कोल्हापुर, पुणे, नासिक, औरंगाबाद, अजंता-एलोरा फिर मुंबई लौटती है.

इसका किरायाः अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए: US$5,810 + 4.5% सेवा कर, भारतीय यात्रियों के लिए: INR 3,71,900 + 4.5% सेवा कर

4. स्वर्ण रथ (Golden Chariot)

गोल्डन चैरियट भारत की शानदार लग्जरी ट्रेनों में एक है, जो दक्षिण भारत के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों तक ले जाती है. साल 2008 में लॉन्च किया गया स्वर्ण रथ अपने शानदार आतिथ्य के लिए जाना जाता है. ट्रेन में शाही आंतरिक सज्जा वाले एसी कक्ष, बार, विभिन्न प्रकार के व्यंजन परोसने वाले रेस्तरां, एक मिनी जिम, आयुर्वेद स्पा और अन्य 5 स्टार सुविधाएं इस लग्जरी ट्रेन मे है. 2013 में इसे ‘एशिया की अग्रणी लग्जरी ट्रेन’ के रूप में सम्मानित किया जा चुका है.

स्वर्ण रथ के रूटः बैंगलोर, काबिनी, मैसूर, हसन, हम्पी, बादामी, गोवा, बेंगलुरु

इसका किरायाः अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए: US$8,260 + 4.5% सेवा कर, भारतीय यात्रियों के लिए: INR 3,08,000 + 4.5% सेवा कर

5. रॉयल ओरिएंट ट्रेन

राजस्थान और गुजरात के विशेष क्षेत्रों को कवर करने वाली रॉयल ओरिएंट ट्रेन भारत के सबसे लग्जरियस ट्रेनों में से एक है. इस ट्रेन में महलनुमा शैली के आरामदायक केबिन, प्रशिक्षित आतिथ्य सत्कार करने वाले शेफ, वॉटरिंग होल बार के साथ बहु-व्यंजनों से युक्त रेस्तरां, शाही स्नानघर, पुस्तकालय और लगभग सभी सुविधाएं जो 5 फाइव स्टार होटल में सुलभ है.

रॉयल ओरिएंट के रूट: दिल्ली-चित्तौड़गढ़, उदयपुर, जूनागढ़, वेरावल, सासन गिर, भीलवाड़ा.पालिताना, सरखेज, अहमदाबाद, जयपुर, दिल्ली. इन स्टेशनों के सभी पर्यटन स्थलों की सैर कराती है.

इसका किरायाः अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए: US$200 + 4.5% सेवा कर, भारतीय यात्रियों के लिए: INR 7,480 + 4.5% सेवा कर

Tourists in Himachal: हिमाचल में पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड तीन गुना से अधिक का इजाफा

शिमला, 21 नवंबर : हिमाचल प्रदेश में कोविड-19 के चलते सुस्ती के बाद पर्यटन ने गति पकड़ ली है और इस साल 31 अक्टूबर तक पर्यटकों की संख्या में पिछले साल की इस अवधि के मुकाबले तीन गुना से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से मुहैया कराये गये आंकड़ों के मुताबिक राज्य में इस साल एक जनवरी से 31 अक्टूबर के बीच 1.28 करोड़ पर्यटक पहुंचे जिनमें 28232 विदेशी हैं. आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल इसी अवधि में राज्य में पर्यटकों की संख्या केवल 41.03 लाख दर्ज की गई थी.

कोरोना वायरस महामारी के कारण राज्य में पर्यटन और अन्य संबंधित उद्योगों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा, क्योंकि पर्यटकों की संख्या वर्ष 2020 में काफी घट गई. वर्ष 2019 के दौरान राज्य में 1.72 करोड़ पर्यटक पहुंचे, लेकिन वर्ष 2020 में यह संख्या लुढ़ककर 32.13 लाख हो गई. हालांकि, वर्ष 2021 में इसमें थोड़ा सुधार हुआ और पर्यटकों की यह संख्या 56.37 लाख हो गई.
इस साल सबसे अधिक 20.63 लाख पर्यटक जून महीने में राज्य में आये, जबकि जनवरी में सबसे कम 7.69 लाख पर्यटक आए. यह भी पढ़ें : Delhi MCD Elections 2022: एमसीडी में भाजपा जो 15 साल में नहीं कर पाई, आप उसे 5 साल में हासिल करगी- मनीष सिसोदिया

कुल्लू और लाहौल स्पीति में कुल 30.4 लाख पर्यटक पहुंचे जो वर्ष 2022 के पिछले 10 महीनों के दौरान राज्य में आये पर्यटकों की कुल संख्या का 23.8 फीसदी है. रोहतांग दर्रे में 13058 फुट ऊंचे पहाड़ के नीचे निर्मित अटल सुरंग (सदाबहार सड़क) पर्यटकों की पसंदीदा जगह बनकर उभरी है. हिमाचल प्रदेश पर्यटन प्रदेश पर्यटन विभाग निगम (एचपीटीडीसी) के प्रबंध निदेशक एवं पर्यटन निदेशक अमित कश्यप ने कहा, ‘‘कोविड-19 के कारण जो लोग घरों में फंसे हुए थे, उन्होंने अब बाहर निकलना शुरू कर दिया है.’

Uttarakhand Sthapna Diwas 2022: उत्तराखंड की इन जगहों पर उठाएं खूबसूरत वादियों और प्रकृति का लुफ्त, ये हैं बेस्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन

उत्तराखंड में घूमने के लिए एक से बढ़कर एक जगह है, जिन्हें देखने के लिए देश-विदेश से हजारों लोग पहुंचते हैं. उत्तराखंड के प्राकृतिक नजारे हर किसी का मन मोह लेते हैं. चारों ओर पहाड़ों की खूबसूरती, स्वच्छ नदियां, वाटरफॉल्स, वादियां, झील और बेहतरीन वातावारण के कारण यह राज्य सालभर पर्यटकों से भरा रहता है. यहां घूमने के लिए कई खूबसूरत जगहें हैं. उत्तराखंड के पर्यटन स्थल सिर्फ भारतीयों ही नहीं बल्कि विदेशी सैलानियों की भी पसंदीदा जगहों में से हैं.

सर्द मौसम में पहाड़ों में घूमने का अपना ही आनंद है. अगर आप ठंड में पहाड़ों की सैर करने का प्लान कर रहे हैं या इस बार विंटर में उत्तराखंड में आपको कई ऐसे टूरिस्ट डेस्टिनेशन मिल जाएगी. यहां हम आपको उत्तराखंड के बेहतरीन पर्यटक स्थलों के बारे में बता रहे हैं जहां घूमने से आपको अपार आनंद मिलेगा. हम आपको कुछ टूरिस्ट स्पॉट बता रहे हैं जो काफी आकर्षक, सुंदर और प्रसिद्ध हैं.

औली

उत्तराखंड स्थित औली गांव अपनी खूबसूरती के कारण सैलानियों की पहली पसंद बना रहता है. यहां आप बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच कई मजेदार एडवेंचर भी ट्राई कर सकते हैं.

मसूरी

पहाड़ों की रानी मसूरी भारत के प्रमुख हिल स्टेशन में से एक है. यह देहरादून से महज 35 किमी की दूरी पर है. मसूरी और उसके आसपास कई फेमस टूरिस्ट स्पॉट हैं. कुछ प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण कैम्पटी फाल, मसूरी झील, सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस, झरीपानी फॉल, लाल टिब्बा, क्लाउड्स एंड चाइल्डर्स लॉज, कैमल बैक रोड, भट्टा फॉल आदि हैं.

 

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धनौल्टी

मसूरी घूमने जा रहे हैं तो वहां से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित धनौल्टी की सैर भी जरूर करें. हर तरफ हरियाली से घिरे धनौल्टी को आप काफी कम पैसों में अच्छे से एक्सप्लोर कर सकते हैं. कम पैसों में भी धनौल्टी की ट्रिप आपके लिए बेस्ट हो सकती है.

नैनीताल

नैनीताल कुमाऊं मंडल का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है. यहां कई खूबसूरत ताल यानी झील हैं. नैनीताल में नैना देवी मंदिर,नैनी झील,तल्ली एवं मल्ली ताल, त्रिॠषि सरोवर,मॉल रोड, एरियल रोपवे प्रमुख जगह हैं. नैनीताल में ​आप नौकायन, राफ्टिंग का आनंद ले सकते हैं.

कौसानी

शांति, सुकून और असीम आनंद चाहते हैं तो एक बार कौसानी की सैर जरूर करें. उत्तराखंड में नदी किनारे बसा कौसानी गांव अपने मनमोहक नजारों के लिए जाना जाता है. यहां आप दरपूंछ, त्रिशूल चोटी और नंदा देवी का शानदार व्यू देख सकते हैं.

 

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चकराता

देहरादून ज़िले में स्थित चकराता एक मन मोह लेने वाला पर्वतीय पर्यटक स्थल है. यह देहरादून से 98 किलोमीटर दूर है. यह सुंदर प्राकृतिक स्थान​ और ट्रैकिंग के लिए फेमस है.

 

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फूलों की घाटी

वैली ऑफ फ्लावर्स यानी फूलों की घाटी का रूख एक बार जरूर करें. उत्तराखंड के चमोली जिले में गोविंद घाट से कुछ किलोमीटर की ट्रेकिंग करने के बाद वैली ऑफ फ्लावर्स का खूबसूरत नजारे आपका दिन बना देंगे.

 

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लैंसडाउन

उत्तराखंड के लैंसडाउन में बर्फ से ढके पहाड़ों के अलावा हर तरफ फैली हरियाली आपके लिए परफेक्ट लोकेशन साबित हो सकती है. यहां आप ट्रैकिंग और बोटिंग ट्राई करके आप अपनी ट्रिप का पूरा आनंद उठा सकते हैं.

चोपता हिल स्टेशन

चोपता के गढ़वाल क्षेत्र में रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है. चोपता ‘भारत में मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से भी जाना जाता है. एक बहुत खूबसूरत हिल स्टेशन है. चोपता में आपको दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर देखने को मिलेगा यह मंदिर तुंगनाथ के नाम से बहुत प्रसिद्ध है.

मुनस्यारी

मुनस्यारी की खूबसूरती के कारण इस हिल स्टेशन को सभी बेहद पसंद करते हैं. चारों तरफ घने जंगल और बर्फीली चोटियां बरबस ही पर्यटकों को अपनी तरफ खींच लेती हैं. मुनस्यारी में एक से बढ़कर एक पर्यटक स्थल हैं.

 

Dhanteras 2022: कौन हैं भगवान धन्वंतरि? क्यों और कैसे करते हैं धनतेरस पर इनकी पूजा? जानें धन्वंतरी और यम के दीपों में अंतर?

कार्तिक मास कृष्ण पक्ष के 13 वें दिन धनत्रयोदशी के रूप में मनाया जाता है. इस पर्व के साथ ही संपूर्ण भारत में पांच दिवसीय दिवाली (दीपावली) महोत्सव प्रारंभ हो जाता है. इस दिन शुभ मुहूर्त के अनुरूप माँ लक्ष्मी के साथ धन के देवता कुबेर एवं भगवान धनवंतरी की पूजा होती है. यहां जानेंगे कि भगवान धन्वंतरी कौन हैं, इनकी पूजा क्यों और किस तरह से की जाती है? तथा इस पूजा से क्या लाभ प्राप्त होता है? इस वर्ष 23 अक्टूबर 2022, रविवार को धनतेरस का पर्व मनाया जायेगा.

भगवान धन्वंतरी का महात्म्य
धनतेरस को पारंपरिक रूप से धन त्रयोदशी कहा जाता है. यह तिथि शुभता के प्रतीक के रूप में माना जाता है. धर्म कथाओं के अनुसार देवताओं एवं दानव ने अमृत प्राप्ति के लिए संयुक्त रूप समुद्र-मंथन किया था, तब कार्तिक मास की त्रयोदशी के दिन समुद्र तल से चौदह रत्नों के साथ भगवान धन्वंतरी का भी उद्भव हुआ था. भगवान विष्णु के इस अवतार के हाथ में दिव्य अमृत से भरा अमृत-कलश था. इसी आधार पर इन्हें चिकित्सा के भगवान के रूप में पूजा जाता है. हिंदू धर्म में भगवान धन्वंतरी को आयुर्वेद का देवता भी माना जाता है. धनतेरस के दिन इनकी पूजा कर उनसे स्वस्थ जीवन के लिए याचना की जाती है. यह भी पढ़ें : Diwali 2022 Mehndi Design: दिवाली पर ये खूबसूरत मेहंदी डिजाइन अपने हाथों में रचाकर अपने त्योहार में लगाए चार चांद, देखें वीडियो

कौन हैं भगवान धन्वंतरी?
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार समुद्र-मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरी का प्रकाट्य हुआ था. इनकी उत्पत्ति के समय इनके एक हाथ में कलश था. इसमें अमरता का वरदान था. इन्हें भगवान विष्णु का अवतार भी माना जाता है. भगवान धन्वंतरी की औषधियों का देवता अथवा देवताओं के चिकित्सक के रूप पूजा की जाती है. यह पूजा धनतेरस के दिन विशेष रूप से की जाती है.

धन्वंतरी की पूजा विधि
धनतेरस के दिन प्रातःकाल घर की सफाई करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. अब घर के मंदिर में सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा करें. तत्पश्चात माँ लक्ष्मी का ध्यान कर उनके नाम का दीप प्रज्वलित करें. अब भगवान धन्वंतरी की विधिवत ढंग से पूजा करें. अब भगवान धन्वंतरी का ध्यान कर निम्न मंत्र का जाप करें.

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय धन्वंतरय
अमृता कलश हस्तय, सर्व माया विनाशाय:

त्रैलोक नाथय, श्री महाविष्णवे नमः
इस मंत्र का जाप करने वाले जातक का स्वास्थ्य अच्छा रहता है, तथा शारीरिक और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है. मंत्र का जाप करते हुए भगवान को फूल, अक्षत, रोली अर्पित करें और प्रसाद में फल एवं मिष्ठान चढ़ाएं. इसके बाद भगवान धन्वंतरी के साथ माँ लक्ष्मी की आरती उतारें. घर के बाहर एक दीप प्रज्वलित करके भगवान धन्वंतरी से सुख, शांति और अच्छी सेहत के लिए प्रार्थना करें तथा सभी को प्रसाद वितरित करें.

भगवान धन्वंतरी और यम के दीप में क्या है अंतर

धन त्रयोदशी की शाम मुख्य द्वार पर कुल 13 दीपक और घर के अंदर भी 13 दीप प्रज्वलित करते हैं. यह कार्य सूर्यास्त के पश्चात ही करते हैं. फर्क बस इतना है कि भगवान धन्वंतरी का दीप सूर्यास्त के पश्चात पूजा पूरी करके प्रज्वलित करते हैं, जबकि यम के नाम का दीपक परिवार के सभी सदस्यों के घर आने और खाने-पीने के पश्चात सोने से पूर्व प्रज्वलित किया जाता है. यम को एक साल पुराने दीया में तेल एवं लंबी बत्ती के साथ प्रज्वलित कर घर से बाहर दक्षिण दिशा में ले जाकर नाली अथवा कूड़े के ढेर के पास रखना चाहिए. दीप रखते समय इस मंत्र का जाप करना चाहिए.

‘मृत्युना पाशहस्तेन कालेन भार्यया सह।
त्रयोदश्यां दीपदानात्सूर्यज: प्रीतयामिति।

इसके पश्चात जल अर्पित कर बिना दीपक को देखे घर लौट आयें.

MP Tourism: फैमिली और दोस्तों के साथ अपने वीकेंड को बनाएं यादगार, मध्य प्रदेश के इस खूबसूरत पर्यटन स्थल का करें दीदार

MP Tourism: घुमक्कड़ी के शौकीन लोग अक्सर वीकेंड (Weekend) पर अपनी फैमिली या दोस्तों के साथ किसी खूबसूरत पर्यटन स्थल (Beautiful Tourist Place) पर सैर-सपाटे के लिए निकल जाते हैं. घूमने-फिरने के शौकीन लोग हमेशा वेकेशन (Vacation) के लिए नए-नए डेस्टिनेशन की तलाश करते रहते हैं. अगर आप भी अपने वीकेंड को यादगार बनाने के लिए किसी खूबसूरत डेस्टिनेशन की तलाश कर रहे हैं तो आपको मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सेलानी द्वीप (Selani Island) का दीदार जरूर करना चाहिए. मध्य प्रदेश में पवित्र ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास स्थित सेलानी एक शांत द्वीप है, जिसकी प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है. यहां आने वाले सैलानी ताजा वातावरण के साथ यहां के अद्भुत रोमांच का लुत्फ उठा सकते हैं. अगर आप इस पर्यटन स्थल पर आते हैं तो एमपीटी सेलानी टापू जंगल रिजॉर्ट (MPT Selani Tapu Jungle Resort) में आप अपनी फैमिली या दोस्तों के साथ ठहर सकते हैं.

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Father’s Day: फादर्स डे पर अपने पिता के साथ इन कॉकटेल का आनंद उठाए

नई दिल्ली, 19 जून : फादर्स डे के मौके पर शाम को अपने पिता के साथ बिताएं और उस व्यक्ति के लिए एक गिलास उठाएं जिसे आप सबसे ज्यादा पसंद करते हैं.

ग्रे गूज इस अवसर का जश्न मनाने में आपकी मदद करने के लिए कुछ मनोरंजक कॉकटेल व्यंजनों को साझा करता है. अंजीर मार्टिनी. यह भी पढ़ें : Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ के 90वें एपिसोड के लिए लोगों से विषयों पर मांगे सुझाव

ग्रे गूज वोदका के साथ एक समृद्ध, फ्रूटी जी मार्टिनी कॉकटेल का आनंद लें, जो आपके कुछ पसंदीदा फॉल फ्लेवर, जैसे अनार और मेपल सिरप को जोड़ती है.

Travel 2022: हिल के साथ थोड़ा थ्रिल हो जाये! भारत के 5 रोमांचक वन सफारी! आइये रूबरू हों वन्य जीवों की लाइफ स्टाइल से!

अगर गर्मी की छुट्टियों को खुशनुमा और रोमांचक बनाना चाहते हैं, औेर हिल स्टेशनों से मन उकता चुका है, तो आप सपरिवार को किसी जंगल सफारी भ्रमण के लिए निकलना चाहिए, क्योंकि ये रोमांचकारी होने के साथ ही इस दिन को एक यादगार बना देंगे. हमारे देश में लगभग हर राज्य में एक से बढ़कर एक अभ्यारण्य हैं, जहां तमाम पैंथर्स, शेर, जंगली सुअर, चीता, जंगली बिल्लियां, मगरमच्छ, जंगली कुत्ते जैसे खूंखार वन्य जीवों से आप रूबरू हो सकते हैं. यही नहीं यहां आप पक्षियों, बंदरों की सैकड़ों प्रजातियों के साथ सेल्फी ले सकते हैं.यहां हम आपको 5 ऐसे वन सफारियों के बारे में बतायेंगे, जिन्हें जानने के बाद आप यहां आने से खुद को रोक नहीं सकेंगे.

सासन गिर नेशनल पार्क गुजरात

अफ्रीका के बाद सासन गिर नेशनल पार्क दुनिया का एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां आप खुली जीप में स्वच्छंद घूमते हुए शेर, चीते, तेंदुआ आदि को एकदम करीब से देख सकते हैं. तलाला गिर शहर के पास स्थित इस 1424 वर्ग किमी में फैले अभ्यारण्य में तमाम किस्म के पशु, पक्षी, अजगर इत्यादि मिलेंगे. साल 2015 की गणना के अनुसार यहां 525 शेर, 300 से अधिक तेंदुए, कई प्रजाति के हिरण, एवं बारहसिंगा, सांभर, 200 से अधिक प्रजाति के पक्षी तथा कमलेश्वर पार्क में भारी संख्या में मगरमच्छ हैं. इसके अलावा यहां कमलेश्वर बांध, जंजीर वाटरफॉल्स, कनकाई मंदिर और देवलिया गिर इंटरप्रिटेशन जोन भी देखने योग्य है. यानी पर्यटन का कंपलीट पैकेज.

अनामलाई टाइगर रिजर्व, वालपराई

कोयंबटूर (तमिलनाडु) स्थित अन्नामलाई पहाड़ियों की गोद में स्थित पोलाची एवं वेलपराई गांव में एक संरक्षित क्षेत्र है. 110 वर्ग किमी में बसा यह अभ्यारण्य पहले इंदिरा गांधी वन्य जीव अभयारण्य के नाम से प्रसिद्ध था. यहां गोल्डन सियार, तेंदुए, जंगली बिल्लियां, चीतल, काकड़, मूषक मृग, जंगली सुअर, बोनेट मकाक, धारीदार गलेवाला नेवला, सुर्ख नेवला, बड़ी गिलहरी, और पाम गिलहरियां देखी जा सकती हैं. इसके साथ ही 250 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां भी हैं, जिनमें जलकाग, बतख, छोटी बत्तख, जंगली मुर्गी, स्पोर फॉल. मोर. कठफोड़वा, किंग फिशर्स, सफ़ेद सारस, सफेद बगुला, रंग बिरंगी मछलियां, ईगल, बाज़ इत्यादि भी हैं.

सुंदरवन, पश्चिम बंगाल

साल 1948 में बसा सुंदरवन 12 माह हरा-भरा होने से पर्यटक खुद को प्रकृति के करीब महसूस करते हैं. करीब 1330 वर्ग किमी में फैला यह राष्ट्रीय उद्यान परिक्षेत्र 7 नदियों से घिरा है. यहां बाघों एवं हिरणों की तमाम प्रजातियां मिलेंगी. यहां पर्यटकों को तमाम दर्शनीय स्थलों का देखने का आनंद मिलेगा. सुकन्या खली वॉच टावर, जो बाघों को करीब से देखने के लिए उपयुक्त है, सजनेखाली वॉच टावर, मगरमच्छों एवं अन्य जलीय जंतुओं के उपयुक्त है, नेतिधोपानी स्थित नीला झील हर किसी को बरबस आकर्षित करता है, एवं सजनेखाली पक्षी अभयारण्य में सैकड़ों किस्म की दुर्लभ पक्षियां देखने को मिलेगी.

काबिनी, कर्नाटक

काबिनी कर्नाटक के प्रमुख पर्यटन स्थलों में एक है. एक बार आने वाले पर्यटक बार-बार आना पसंद करेगा. यह पर्यटन स्थल काबिनी नाम से विख्यात नदी के किनारे स्थित है. यहां तमाम किस्म की प्राकृतिक दुर्लभ वनस्पतियां देखने को मिलेंगी. काबिनी कावेरी की सहायक नदी है. वन का रोमांच पाने के लिए कर्नाटक में यह सर्वश्रेष्ठ स्थानों में एक है. यहां बाघ, तेंदुआ, जंगली हाथियों, हिरणों की विभिन्न प्रजातियां, और कई सारे प्रवासी पक्षियां देखे जा सकते हैं. काबिनी के बिना कर्नाटक की यात्रा पूरी हो ही नहीं सकती. काबिनी नदी समृद्ध वनस्पतियों एवं जीवों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. यहां आने पर पर आप नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान, हाथी सफारी, काबिनी बांध आदि दर्शनीय स्थल हैं.

सफेद बाघ की सफारी, रीवा

जब भारत के बेस्ट वाइल्ड लाइफ डेस्टिनेशन की बात आती है तो मध्य प्रदेश का नाम सबसे ऊपर लिया जाता है. हाल ही में मुकुंदपुर (रीवा) के जंगलों में दुनिया के पहले सफेद टाइगर सफारी की शुरुआत की गई है. इसके साथ ही मध्य प्रदेश का वाइल्ड लाइफ टूरिज्म दुनिया के मैप पर भी आ गया. सफेद बाघ जैसी अनोखी प्रजाति के बाघ को देखना अपने आप में एक अलग एक्सपीरियंस है रीवा से करीब 14 किमी दूर है मुकुंदपुर जंगल जिसे सफेद बाघों का घर माना जाता है. कहते हैं कि 1951 में महाराजा मार्तण्ड सिंह ने पहली बार सफेद बाघों को देखा था.