Horoscope Today 1 December 2023: जानें कैसा होगा आज का दिन और किस राशि की चमकेगी किस्मत

1 दिसंबर के दिन कैसी रहेगी आपकी आर्थिक स्थिति और कौन से राशि की चमकेगी किस्मत? इसी कड़ी में पेश है शनिवार यानि आज का राशिफल

मेष: भागदौड़ भरे दिन के बावजूद आप फिर ऊर्जा और ताज़गी पाने में क़ामयाब रहेंगे. निवेश से जुड़े अहम फ़ैसले किसी और दिन के लिए छोड़ देने चाहिए. पुरखों की जायदाद की ख़बर पूरे परिवार के लिए ख़ुशी ला सकती है. बच्चे उम्मीदों पर खरे न उतरकर आपको निराश कर सकते हैं.
शुभांक- 9

वृष: अचानक आए अप्रत्याशित ख़र्चे आपके ऊपर आर्थिक तौर पर बोझ डाल सकते हैं. बुज़ुर्ग रिश्तेदार अपनी बेजा मांगों से आपको परेशान कर सकते हैं. व्यक्तिगत संबंध संवेदनशील और नाज़ुक रहेंगे. अपने जीवनसाथी के साथ कहा-सुनी करने से बचें.
शुभांक- 7

मिथुन: आज के दिन निवेश करने से बचना चाहिए. ऐसे विवादास्पद मुद्दों पर बहस करने से बचें, जो आपके और प्रियजनों के बीच गतिरोध पैदा कर सकते हैं. आपके प्रिय के साथ कुछ मतभेद उभर सकते हैं- साथ ही अपने साथी को अपना नज़रिया समझाने में भी तकलीफ़ महसूस होगी.
शुभांक- 5

कर्क: अपने जीवनसाथी के साथ कहा-सुनी करने से बचें. इस तरह तू-तू मैं-मैं करना बेकार के आरोपों और ग़ैरज़िम्मेदाराना वाद-विवद की वजह बनता है, जो दोनों को ही भावनात्मक तौर पर चोट पहुँचा सकता है. वित्तीय अनिश्चितता आपको मानसिक तनाव दे सकती है.
शुभांक- 11

सिंह: जितना आपने सोचा था, आपका भाई उससे ज़्यादा मददगार साबित होगा. रोमांस को झटका लगेगा और आपके क़ीमती तोहफ़े भी आज जादू चलाने में विफल रहेंगे. नई चीज़ों को सीखने की आपकी ललक क़ाबिल-ए-तारीफ़ है. आपको अपने दायरे से बाहर निकलकर ऐसे लोगों से मिलने-जुलने की ज़रूरत है, जो ऊँची जगहों पर हों.
शुभांक- 4

कन्या: मानसिक और नैतिक शिक्षा के साथ शारीरिक शिक्षा भी लें, केवल तभी सर्वांगीण विकास संभव है. याद रखें कि एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ दिमाग़ निवास करता है. लम्बे समय से अटके मुआवज़े और कर्ज़ आदि आख़िरकार आपको मिल जाएंगे. आप दोस्तों के साथ बेहतरीन वक़्त बिताएंगे, लेकिन गाड़ी चलाते वक़्त ज़्यादा सावधानी बरतें.
शुभांक- 6

तुला : तनाव से बचने के लिए अपना क़ीमती वक़्त बच्चों के साथ गुज़ारें. आप बच्चों की उपचार करने की शक्ति महसूस करेंगे. वे आध्यात्मिक तौर पर धरती पर सबसे ज़्यादा ताक़तवर और भावनात्मक लोग हैं. उनके साथ आप ख़ुद को ऊर्जा से लबरेज़ पाएंगे. प्रोपर्टी से जुड़े लेन-देन पूरे होंगे और लाभ पहुँचाएंगे.
शुभांक- 5

वृश्चिक: आपको अपनी भावनाओं को नियन्त्रित करने में कठिनाई होगी, लेकिन आस-पास के लोगों से झगड़ा न करें नहीं तो आप अकेले रह जाएंगे. अपने प्रिय की पुरानी बातों को माफ़ करके आप अपनी ज़िंदगी में सुधार ला सकते हैं. ऐसा लगता है कि आप इस समय अपने वैवाहिक जीवन के सबसे खूबसूरत पल बिताने के लिए के लिए जा रहे हैं.
शुभांक- 1

धनु : आपको अपने काम में बहुत बड़ा फ़ैसला लेना पड़ सकता है. समय पर तेज़ क़दम उठाना आपको औरों से आगे ले जाएगा. आप अपने सहकर्मियों से कोई उपयोगी सलाह भी पा सकते हैं. उन लोगों पर नज़र रखें जो आपको ग़लत राह पर ले जा सकते हैं या फिर ऐसी जानकारी दे सकते हैं जो आपके लिए नुक़सानदेह साबित हो सकती है.
शुभांक- 9

मकर : आप घूमने-फिरने और पैसे ख़र्च करने के मूड में होंगे- लेकिन अगर आपने ऐसा किया तो बाद में आपको पछताना पड़ सकता है. आपको परिवार के सदस्यों के साथ थोड़ी दिक़्क़त होगी, लेकिन इस वजह से अपनी मानसिक शान्ति भंग न होने दें. आपकी थकी और उदास ज़िन्दगी आपके जीवन-साथी को तनाव दे सकती है.
शुभांक- 11

कुंभ: आस-पास के लोगों का सहयोग आपको सुखद अनुभूति देगा. दिन बहुत लाभदायक नहीं है- इसलिए अपनी जेब पर नज़र रखें और ज़रूरत से ज़्यादा ख़र्चा न करें. बच्चे उम्मीदों पर खरे न उतरकर आपको निराश कर सकते हैं. सपनों को साकार करने के लिए उन्हें प्रोत्साहन देने की ज़रूरत है.
शुभांक- 2

मीन: शांत और तनाव-रहित रहने की कोशिश करें, इससे आपकी मानसिक दृढ़ता बढ़ेगी. अचानक आए अप्रत्याशित ख़र्चे आपके ऊपर आर्थिक तौर पर बोझ डाल सकते हैं. आप दोस्तों के साथ बेहतरीन वक़्त बिताएंगे, लेकिन गाड़ी चलाते वक़्त ज़्यादा सावधानी बरतें. आपका रचनात्मक काम आस-पास के लोगों को अचरज में डाल देगा और आपको काफ़ी सराहना मिलेगी.
शुभांक- 1

Mahaparinirvan Diwas 2023: क्या है महापरिनिर्वाण दिवस? जानें डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्य-तिथि से इसका क्या संबंध है?

Mahaparinirvan Diwas 2023: प्रत्येक वर्ष 6 दिसंबर को पूरे देश में संविधान के जनक डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि बड़ी शिद्दत के साथ मनाई जाती हैं. इसी दिन महापरिनिर्वाण दिवस भी मनाया जाता है. आखिर 6 दिसंबर को डाक्टर भीमराव आंबेडकर के निधन के दिन ही महापरिनिर्वाण दिवस क्यों मनाया जाता है? इन दोनों अवसरों का 6 दिसंबर से क्या संबंध है? और इनका क्या महत्व है? आइये जानते हैं विस्तार से..यह भी पढ़ें: 59th Years of BSF 2023: देश की सुरक्षा सुनिश्चित करनेवाली विश्व की सबसे बड़ी ताकत बीएसएफ! जानें इसकी हैरतअंगेज कहानी!

क्या है महापरिनिर्वाण?

परिनिर्वाण का हिंदी में शाब्दिक अर्थ है मृत्यु के पश्चात निर्वाण. वस्तुत: महापरिनिर्वाण बौद्ध धर्म के प्रमुख सिद्धांतों एवं लक्ष्यों में से एक है. गौरतलब है कि अपने निधन से पूर्व डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने हिंदू धर्म त्याग कर बौद्ध धर्म में स्वीकार कर लिया था, इस कारण से भीमराव आंबेडकर का अंतिम संस्कार भी बौद्ध धर्म की विधि से हुआ था. बौद्ध धर्म के कई सिद्धांतों एवं लक्ष्यों में से एक परिनिर्वाण दिवस, इसके मुताबिक जो व्यक्ति निर्वाण करता है, वह दुनिया भर के सांसारिक मोह, माया, इच्छा, जीवन की पीड़ा से मुक्त रहता है, तथा जीवन चक्र से भी मुक्त रहता है. आम व्यक्ति के लिए निर्वाण को हासिल करना आसान नहीं है, इसे हासिल करने के लिए सदाचारी एवं धर्म सम्मत जीवन व्यतीत करना पड़ता है. बौद्ध धर्म में 80 साल के भगवान बुद्ध के निधन को महापरिनिर्वाण कहा जाता है.

महापरिनिर्वाण दिवस सेलिब्रेशन !

भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष एवं संविधान के रचयिता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि 6 दिसंबर को मनाई जाती है. महापरिनिर्वाण दिवस के दिन श्रद्धालु भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर फूल चढ़ाते हैं और दीपक अथवा मोमबत्तियां जलाकर उन्हें याद करते हैं, इसके पश्चात उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है. इस दिन बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने मुंबई में लाखों श्रद्धालु एकत्र होते हैं. इस दिन बौद्ध भिक्षुओं समेत कई लोग पवित्र गीत गाकर बाबासाहेब के नाम की जय जयकारा लगाते हैं इस तरह मुंबई के साथ- साथ पूरे भारत में 6 दिसंबर को महा परिनिर्वाण मनाया जाता है.

अंबेडकर की पुण्य-तिथि पर महापरिनिर्वाण दिवस क्यों मनाते हैं ?

गरीब एवं दलित वर्ग की स्थिति और जीवन में सुधार लाने में भीमराव अंबेडकर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, उन्होंने समाज सेवा सहित रूढ़िवादी प्रथाओं को समाप्त करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बौद्ध धर्म के अनुयायियों का मानना है कि उनके बौद्ध गुरु डॉक्टर भीमराव अंबेडकर एक सदाचारी थे, भीमराव अंबेडकर के अनुयायियों के मुताबिक डॉ भीमराव भी अपने कार्यों से निर्वाण प्राप्त कर चुके थे, इसलिए उनकी पुण्य-तिथि के अवसर को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है. गौरतलब है, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने कई सालों तक बौद्ध धर्म का अध्ययन कर 14 अक्टूबर 1956 को बौद्ध धर्म अपनाया था. मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार बौद्ध धर्म के नियम के मुताबिक हुआ था. मुंबई के दादर चौपाटी में जिस जगह डॉक्टर अंबेडकर का अंतिम संस्कार किया गया था, चैत्यभूमि के नाम से जाना जाता है. आज के दिन यहां बाबासाहेब आंबेडकर के लाखों श्रद्धालुओं का मेला लगता है.

Margashirsha Festival-Vrat List 2023: मार्गशीर्ष माह जब सतयुग की शुरुआत हुई थी? जानें इस माह पड़ने वाले व्रत एवं त्योहार!

सनातन धर्म में मार्गशीर्ष माह का विशेष महत्व बताया गया है. इस माह बहुत से पर्व एवं व्रत आने वाले हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के बाद अब मार्गशीर्ष माह की शुरुआत हुई है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार हिंदू पंचांग के इस नौवें माह को अगहन मास भी कहते हैं. हिंदू धर्म ग्रंथों में यह माह भगवान श्री कृष्ण को समर्पित बताया गया है. भागवद गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा भी है कि मार्गशीर्ष माह मैं ही हूं. वहीं कुछ ज्योतिषियों की मानें तो पूर्णिमा का चंद्रमा मृगशिरा नक्षत्र में होने के कारण इस महीने को मार्गशीर्ष कहते हैं. आइये बात करते हैं, कि इस माह मोक्षदा एकादशी, विवाह पंचमी और गीता जयंती के अलावा और कौन-कौन से प्रमुख व्रत एवं त्योहार पड़ने वाले हैं.

मार्गशीर्ष मास का महत्व

मार्गशीर्ष माह 28 नवंबर 2023 से शुरू होकर 26 दिसंबर 2023 मंगलवार को समापन होगा. हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास की तरह मार्गशीर्ष माह भी काफी फलदायक होता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना एवं स्तुति की जाती है. बहुत सारे लोग इस माह यमुना नदी के तट पर स्नान-ध्यान करते हैं. पुरोहितों की मानें तो ऐसा करने से अगले-पिछले जन्म के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी मार्गशीर्ष माह से सतयुग की शुरुआत हुई थी. एक अन्य कथा के अनुसार कश्यप ऋषि ने भी इसी माह कश्मीर की रचना की थी. यह माह जप, तप एवं ध्यान के लिए सर्वोत्तम बताया गया है. यहां प्रस्तुत है मार्गशीर्ष माह के प्रमुख व्रत एवं पर्वों की सूची. यह भी पढ़ें : Margashirsha Guruvar Vrat 2023 Dates In Maharashtra: मार्गशीर्ष माह की हुई शुरुआत, यहां देखें महालक्ष्मी व्रत की तिथियां

मार्गशीर्ष मास 2023 व्रत-त्योहारों की सूची

* 28 नवंबर 2023 (मंगलवार) रोहिणी व्रत, मार्गशीर्ष प्रारंभ

* 30 नवंबर 2023 (गुरुवार) गणाधिप संकष्टी चतुर्थी

* 05 दिसंबर 2023 (मंगलवार) काल भैरव जयंती, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी

* 08 दिसंबर 2023 (शुक्रवार) – उत्पन्ना एकादशी

* 10 दिसंबर 2023 (रविवार) – प्रदोष व्रत

* 11 दिसंबर 2023 (सोमवार)- मासिक शिवरात्रि

* 12 दिसंबर 2023 (मंगलवार) दर्श अमावस्या

* 16 दिसंबर 2023 (शनिवार)- धनु संक्रांति, विनायक चतुर्थी

* 17 दिसंबर 2023 (रविवार)- विवाह पंचमी

* 18 दिसंबर 2023 (सोमवार)- स्कंद षष्ठी

* 20 दिसंबर 2023 (बुधवार)- मासिक दुर्गाष्टमी

* 22 दिसंबर 2023 (शुक्रवार) गीता जयंती, मोक्षदा एकादशी व्रत

* 23 दिसंबर 2023 (शनिवार) मत्स्य द्वादशी

* 24 दिसंबर 2023 (रविवार) प्रदोष व्रत

* 26 दिसंबर 2023 (मंगलवार) दत्तात्रेय जयंती, अन्नपूर्णा जयंती, त्रिपुर भैरवी जयंती, मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत

Margashirsha Guruvar Vrat 2023 Dates In Maharashtra: मार्गशीर्ष माह की 13 दिसंबर होगी शुरुआत, यहां देखें महालक्ष्मी व्रत की तिथियां

Margashirsha Guruvar Vrat 2023 Dates In Maharashtra: मार्गशीर्ष हिंदुओं के लिए एक पवित्र महीना है. मार्गशीर्ष माह में घर-घर में महालक्ष्मी का व्रत रखा जाता है. यह व्रत मार्गशीर्ष माह के प्रत्येक गुरुवार को रखा जाता है. इस अवसर पर कई घरों में श्रावण मास की तरह मार्गशीर्ष माह में भी मांसाहार नहीं किया जाता है. तो इस साल यह मार्गशीर्ष महीना कब शुरू होगा और कब तक रहेगा? जानें इसके बारे में. इस वर्ष मार्गशीर्ष माह में किस गुरुवार को महालक्ष्मी व्रत रखा जाएगा इसकी जानकारी भी जान लें, ताकि उस अवसर पर पूजा के अनुरूप घट सजाने और अन्य तैयारियां करने में आपको आसानी होगी. यह भी पढ़ें: Vivah Muhurat 2023: 27 नवंबर से पुनः बजेंगी शहनाइयां! जानें नवंबर-दिसंबर में कौन-कौन सी बन रही हैं शुभ तिथियां!

इस वर्ष कब शुरू होगा मार्गशीर्ष महीना?

महाराष्ट्र में इस साल मार्गशीर्ष महीना 13 दिसंबर से शुरू होगा. तो पहला गुरुवार 14 दिसंबर को है. 12 दिसंबर को शाम 6 बजकर 24 मिनट पर अमावस्या की समाप्ति के बाद मार्गशीर्ष माह शुरू होगा. मार्गशीर्ष मास 13 दिसंबर से शुरू हो रहा है और यह मास 11 जनवरी को शाम 5:27 बजे समाप्त होगा। इस वर्ष मार्गशीर्ष माह में 4 गुरुवार को महालक्ष्मी व्रत मनाया जाएगा.

मार्गशीर्ष गुरुवार 2023 व्रत तिथियां

पहला गुरुवार – 14 दिसंबर

दूसरा गुरुवार – 21 दिसंबर

तीसरा गुरुवार – 28 दिसंबर

चौथा गुरुवार – 4 जनवरी

मार्गशीर्ष माह में प्रत्येक गुरुवार को महालक्ष्मी के प्रतीकात्मक रूप में घट स्थापित करने की प्रथा है. घट को महालक्ष्मी के रूप में सजाया जाता है. हर गुरुवार को हार और वेणी (गजरा) चढ़ाकर पूजा की जाती है. महिलाएं सुबह-शाम घट पूजा कर पूरे दिन व्रत रखती हैं. मार्गशीर्ष माह के आखिरी गुरुवार को महिलाओं के लिए हल्दी कुमकुम का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. इस अवसर पर, सवाशना महिलाओं को अपने घरों में आमंत्रित किया जाता है और उन्हें हल्दी कुंकु और वाना के रूप में उपहार दिया जाता है.

Horoscope Today 29 November 2023: जानें कैसा होगा आज का दिन और किस राशि की चमकेगी किस्मत

29 नवम्बर के दिन कैसी रहेगी आपकी आर्थिक स्थिति और कौन से राशि की चमकेगी किस्मत? इसी कड़ी में पेश है बुधवार यानि –  आज का राशिफल

मेष- आज आप निर्धारित कार्य समय पर पूरा करेंगे, सहकर्मी सहयोग करेंगे. मायके से शुभ समाचार मिल सकता है, सेहत अच्छी रहेगी. करीबी से मनमुटाव हो सकता है.
शुभ उपाय- आधा कप फीका दूध पिएं.
शुभ रंग- लाल

वृषभ- आज आप फिजूलखर्च से बचें और निर्धारित काम समय पर पूरा करें. विद्यार्थियों के लिए दिन अच्छा नहीं है लेकिन सेहत अच्छी रहेगी.शुभ समाचार मिल सकता है.
शुभ उपाय – केसर के दूध का भोग लगाएं
शुभ रंग- पीला

मिथुन-आज आप कोई नया काम शुरु ना करें, यात्रा टाल दें. वाद-विवाद स दूर रहें, मानहानि का योग है.माता-पिता की कोई बात आज ना टालें.
शुभ उपाय- कपूर की आरती करें.
शुभ रंग- हरा

कर्क-आज आपके परिवार में कलह हो सकता है, तनाव बढ़ेगा. खर्च बढ़ेगा, सेहत बिगड़ सकती है.वाणी पर संयम रखें. जल्दबाजी से बचें.
शुभ उपाय- हरी सब्जियों का सूप पिएं
शुभ रंग- नारंगी

सिंह- आज आपको विदेश से शुभ समाचार मिलेगा, दोस्तों के साथ दिन बिताएंगे. सेहत अच्छी रहेगी लेकिन काम पूरा करने में आलस करेंगे.
शुभ उपाय- घर में किसी बुजुर्ग को कोई तोहफा दें.
शुभ रंग- भगवा

कन्या- आज आपको धन लाभ होगा लेकिन बीमारी पर खर्च बढ़ सकता है. कारोबारियों को उनका रुका पैसा मिलेगा. यात्रा का योग है.
शुभ उपाय –  मिश्री खाकर घर से निकलें.
शुभ रंग- सफेद

तुला- आज आप क्रिएटिव तरीके से काम पूरे करेंगे, आत्मविश्वास बढ़ेगा. दोस्तों के साथ घूमने जा सकते हैं, सेहत अच्छी रहेगी. पत्नी की कोई बात न टालें.
शुभ उपाय- खाने के बाद गुड़ खाएं.
शुभ रंग-गुलाबी

वृश्चिक- आज आप कानूनी मामलों से दूर रहें, तनाव से दूर रहें. दुर्घटना का योग है, वाहन सावधानी से चलाएं. नए रिश्ते बनेंगे. कोर्ट से जुड़े मामले सुलझेंगे.
शुभ उपाय- कपूर की आरती करें.
शुभ रंग- सफ़ेद

धनु- आज आपको आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक क्षेत्र में लाभ होगा. करीबी से मनमुटाव करने से बचें. शादी की बात पक्की हो सकती है, घूमने जाएंगे.
शुभ उपाय- शिव चालीसा का पाठ करें.
शुभ रंग- नीला

मकर-आज आपका सहकर्मियों के साथ तनाव दूर होगा और उनसे लाभ भी होगा. किसी करीबी से मनमुटाव हो सकता है. कार्य में सफलता मिलेगी लेकिन आज ज्यादा भावुक रहेंगे.
शुभ उपाय-  खाना खाने से पहले रोटी गाय को खिलाएं
शुभ रंग- बैगनी

कुंभ- आज कारोबार में वृद्धि होगी, मान-सम्मान मिलेगा. रुका पैसा मिलेगा, सरकारी काम बनेंगे. जल्दबाजी में कोई फैसला ना लें. आपका दिन अच्छा बीतेगा.
शुभ उपाय- शिवलिंग पर जल चढ़ाएं.
शुभ रंग- क्रीम

मीन- आज आपको धनलाभ होगा और परिवार में सुख-शांति रहेगी. सोच-समझकर काम करेंगे तो नुकसान से बचेंगे.दोस्त से विवाद हो सकता है.
शुभ उपाय-  किसी का जूठा ना खाएं.
शुभ रंग- पीला

Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2023 Date: कब है गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत? जानें इस व्रत का महात्म्य, मुहूर्त एवं पूजा विधि!

सनातन धर्म के अनुसार भगवान गणेश जी की पूजा करने से सारे विघ्न मिट जाते हैं, और जातक की हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं. गणेश जी की पूजा के लिए हमारे धर्म शास्त्रों में माह में दो विशिष्ट दिन विनायक चतुर्थी और संकष्टी चतुर्थी निर्धारित किया है. पूर्णिमा के बाद कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं. मार्गशीर्ष माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी गणाध्यक्षाय संकष्टी चतुर्थी कहते हैं. इस वर्ष 30 नवंबर को मनाई जाएगी. इस विशेष दिन गणेश जी की पूजा और व्रत करने से जीवन के सारे दुख-दर्द दूर होते हैं. आइए जानते हैं गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व, मूल तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि इत्यादि.

गणधिप चतुर्थी का महत्व

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी किसी भी गणेश भक्त के लिए बहुत महत्वपूर्ण व्रत है. मान्यता है कि जो भक्त इस व्रत के नियमों का पूरी निष्ठा से पालन करते हैं, और शुभ मुहूर्त में गणेश जी की उपासना करते हैं, गणेश जी की कृपा से उन्हें सौभाग्य, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है. ‘गणाधिप’ शब्द उन गणों की श्रेणियों के नेतृत्व को संदर्भित करता है, जिसकी अध्यक्षता भगवान गणेश करते हैं. यह बहुत महत्वपूर्ण एवं कठिन व्रत है. इस दिन श्रद्धालु सूर्योदय से चंद्रोदय तक कठोर निर्जला उपवास रखते हैं और संध्याकाल में भगवान गणेश की पूजा करने के पश्चात चंद्रोदय होने पर चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करते हैं. यह भी पढ़ें : Mahatma Jyotiba Phule Quotes In Marathi: महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि पर उनके ये 10 महान विचार शेयर कर करें याद

गणाधिपति संकष्टी चतुर्थी मुहूर्त

कार्तिक कृष्ण चतुर्थी प्रारंभ: 02.24 PM ( 30 नवंबर 2023)

कार्तिक कृष्ण चतुर्थी समाप्त: 03.31 PM ( 01 दिसंबर 2023)

चूंकि संकष्टी चतुर्थी की पूजा सायंकाल को होती हैं, इसलिए गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत एवं पूजा-अनुष्ठान 30 नवंबर 2023 को रखा जाएगा.

चंद्रोदय: 07.54 PM (30 नवंबर 2023)

गणाधिप पूजा-विधि:

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी को ब्रह्म मुहूर्त में स्नानादि से निवृत्ति होकर लाल वस्त्र धारण कर गणेश जी का ध्यान करें, और व्रत एवं पूजा का संकल्प लें. घर के मंदिर की अच्छे से सफाई करें. लाल वस्त्र बिछाएं, इस पर विघ्न विनाशक श्रीगणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें. शाम के समय मंदिर के समक्ष उत्तर की ओर मुंह करके बैठें. धूप दीप प्रज्वलित करें. और निम्न श्लोक का उच्चारण करें

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा

अब गणेश जी की प्रतिमा पर पहले पंचामृत और इसके बाद गंगाजल से स्नान कराएं. लाल पुष्प, लाल चंदन, सुगंध, दूर्वा की 21 गांठें अर्पित करें. भोग में गणेश जी को मोदक या तिल का लड्डु चढ़ायें. चंद्रोदय होने पर चंद्रमा को अर्घ्य दें और उनकी आरती उतारें. इसके पश्चात व्रत का पारण करें.

Horoscope Today 28 November 2023: जानें कैसा होगा आज का दिन और किस राशि की चमकेगी किस्मत

28 नवम्बर के दिन कैसी रहेगी आपकी आर्थिक स्थिति और कौन से राशि की चमकेगी किस्मत? इसी कड़ी में पेश है मंगलवार यानि आज का राशिफल

मेष – ज्ञान- विज्ञान की वृद्धि होगी और सज्जनों का साथ भी होगा. प्रियजनों से समागम का अवसर मिलेगा. धर्म- कर्म के प्रति रूचि जागृत होगी. व्यापार में स्थिति अची रहेगी.
शुभांक- 9

वृष- कारोबारियों के लिए आज का दिन लाभदायक रहेगा. लेन-देन में आ रही बाधा दूर होगी. परिवार जानो का सहयोग प्राप्त होगा. स्वास्थ्य उत्तम रहेगा.
शुभांक- 8

मिथुन- मनोरथ सिद्ध होंगे. बाहरी और अंदरूनी सहयोग मिलता रहेगा. लेन-देन में आ रही बाधा को दूर करने के प्रयास सफल होंगे. धार्मिक कार्य में मन लगेगा.
शुभांक- 9

कर्क- स्वास्थ्य में ताजगी बनने से नई उर्जा का संचार होगा. नौकरी में स्थिति सामान्य ही रहेगी.शुभ कार्यो का लाभदायक परिणाम होगा. जीवनसाथी का परामर्श लाभदायक रहेगा.
शुभांक- 8

सिंह- सुनियोजित तरीके से कार्य आरम्भ करे, सफल होंग. पुराने मित्रो का समागम होगा. धर्म के प्रति रुच जागृत होगी. रुका हुआ लाभ आज प्राप्त हो सकता है.
शुभांक- 5

कन्या- दाम्पत्य जीवन में मधुरता बनी रहेगी. कामकाज में आ रही बाधा दूर होगी. दूसरो के प्रपंच में ना पड़कर अपने काम पर ध्यान दें. व्यापार में आ रही बाधा दूर होगी.
शुभांक – 4

तुला- किसी से वाद- विवाद अथवा कहासुनी होने का भय रहेगा. जल्दबाजी में कोई भूल न करें. समय नकारात्मक परिणाम देने वाला बन रहा है.
शुभांक- 2

वृश्चिक- शारीरिक सुख के लिए व्यसनों का त्याग करे. आलस बनी रहेगी. कार्यसिद्ध होने में देर लगेगी. मांगलिक कार्य होने की सम्भावना है. शिक्षा में रूचि बढ़ेगी.
शुभांक- 5

धनु- संतोष से सफलता मिलेगी. नौकरी में स्थिति सामान्य रहेगी. जीवनसाथी का परामर्श लाभदायक सिद्ध होगा. कामकाज में आ रही बाधा दूर होगी.
शुभांक – 1

मकर- समय नकारात्मक परिणाम देने वाला बन रहा है. मन अशांत रहेगा. अपने हितैषी समझे जानेवाले आपको पीठ पीछे नुकसान पहुचने की कोशिश करेंगे.
शुभांक- 1

कुंभ- आज आप आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक क्षेत्र में लाभ होगा. शादी की बात पक्की हो सकती
है, घूमने जाएंगे.
शुभ अंक-5

मीन- आज आपके फिजूलखर्च से बचें और निर्धारित काम समय पर पूरा करें. विद्यार्थियों के लिए दिन अच्छा नहीं है लेकिन सेहत अच्छी रहेगी.
शुभ अंक-4

Mahatma Jyotiba Phule Quotes In Marathi: महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि पर उनके ये 10 महान विचार शेयर कर करें याद

Mahatma Jyotiba Phule Quotes In Marathi: महात्मा ज्योतिराव फुले पुण्यतिथि (Mahatma Jyotiba Phule Punyatithi) हर साल 28 नवंबर को मनाई जाती है. वह एक जाति-विरोधी कार्यकर्ता, लेखक, विचारक और समाज सुधारक थे. जिनका जन्म महाराष्ट्र में हुआ था. भारत में, सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने में उनके प्रयासों और योगदान का सम्मान करने के लिए हर साल ज्योतिबा फुले जयंती मनाई जाती है. इस दिन देश के नागरिकों को बहुआयामी समाज सुधारक के बारे में बेहतर समझ होनी चाहिए. ज्योतिबा, जैसा कि वे आमतौर पर जाने जाते थे, और उनकी पत्नी, सावित्रीबाई फुले ने भारत में महिलाओं की स्कूली शिक्षा के लिए काम किया. वे महिलाओं के लिए कक्षाओं में भाग लेना संभव बनाने वाले पहले व्यक्ति थे. यह भी पढ़ें: Mahatma Jyotiba Phule Death Anniversary 2023: पिछड़े वर्गों के सशक्तिकरण में महात्मा फुले का विराट योगदान, जानिए उनके जीवन की महत्वपूर्ण बातें

महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि पर हम सभी को समाज में उनके योगदान को याद करना चाहिए और उसका जश्न मनाना चाहिए. हमें उन कठिनाइयों पर भी विचार करना चाहिए जिनका उन्होंने एक समाज सुधारक के रूप में सामना किया और उनके द्वारा किए गए बलिदानों पर विचार किया. ज्योतिराव गोविंदराव फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में हुआ था. मूल रूप से “गोरहे” परिवार के रूप में जाना जाने वाला, ज्योतिराव का परिवार “माली” जाति से था. ब्राह्मण सामाजिक रूप से मालियों से दूर रहते थे, क्योंकि वे उन्हें निचली जाति के लोगों के रूप में देखते थे. परिवार को “फुले” नाम दिया गया क्योंकि ज्योतिराव के पिता और चाचा फूल विक्रेता थे. ज्योतिराव केवल नौ महीने के थे जब उनकी माँ की मृत्यु हो गई.

आज महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि है, इस अवसर पर हम आपके लिए ले आए उनके कुछ महान विचार जिन्हें शेयर कर और अपने जीवन में शामिल कर अपना और दूसरों का जीवन बदल सकते हैं.

प्रवाहाच्या विरुद्ध दिशेला तेच पोहू शकतात ज्यांचे निर्धार ठाम असतात, ज्यांना कुठलेतरी ध्येय गाठायचे असते.
– महात्मा ज्योतिबा फुले

Mahatma Jyotiba Phule Quotes (Photo Credits: File Image)

नवीन विचार तर दररोज येत असतात पण त्यांना सत्यात उतरविणे हाच खरा संघर्ष आहे.
– महात्मा ज्योतिबा फुले

Mahatma Jyotiba Phule Quotes (Photo Credits: File Image)

रतात तोपर्यंत राष्ट्रीय भावना बळकट होणार नाही जोपर्यंत खाणे पिणे आणि वैवाहिक संबंधांवर जातीचे बंधन तसंच आहे.
– महात्मा ज्योतिबा फुले

Mahatma Jyotiba Phule Quotes (Photo Credits: File Image)

समाजातील खालच्या वर्गाची तोपर्यंत बुद्धिमत्ता,नैतिकता, प्रगती आणि समृद्धी चा विकास होणार नाही जोपर्यंत त्यांना शिक्षण दिले जात नाही.
– महात्मा ज्योतिबा फुले

Mahatma Jyotiba Phule Quotes (Photo Credits: File Image)

ध्येय नसलेली लोक साबणाच्या फेसासारखी असतात काही क्षणांसाठी दिसतात आणि क्षणानंतर नाहीशी होतात
– महात्मा ज्योतिबा फुले

Mahatma Jyotiba Phule Quotes (Photo Credits: File Image)

विद्वेविना मती गेली, मती विना निती गेली,
नीतिविना गती गेली, गतिविना वित्त गेले,
वित्ताविना शूद्र खचले, इतके अनर्थ एका महाविद्वेने केले.
– महात्मा ज्योतिबा फुले

Mahatma Jyotiba Phule Quotes (Photo Credits: File Image)

ज्योतिराव एक प्रतिभाशाली व्यक्ति थे, लेकिन वित्तीय कठिनाइयों के कारण उन्हें कम उम्र में स्कूल छोड़ना पड़ा. उन्होंने अपने पिता के साथ पारिवारिक खेत पर काम करना शुरू किया. युवा प्रतिभा के कौशल ने एक पड़ोसी को प्रभावित किया. जिसने उसके पिता को उसे स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए मना लिया.

महात्मा ज्योतिराव फुले ने 1841 में पूना के स्कॉटिश मिशन हाई स्कूल में पढ़ाई की और 1847 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. वहां वह सदाशिव बल्लाल गोवंडे नामक एक ब्राह्मण के साथ जीवन भर के लिए घनिष्ठ मित्र बन गए. जब ज्योतिराव केवल तेरह वर्ष के थे, तब उन्होंने सावित्रीबाई से विवाह किया.

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