BSF Raising Day 2023 Wishes: सीमा सुरक्षा बल दिवस पर ये हिंदी विशेज HD Wallpapers और GIF Greetings के जरिए भेजकर दें बधाई

BSF Raising Day 2023 Wishes: भारत 2023 में 59वां बीएसएफ स्थापना दिवस (BSF Raising Day 2023 ) हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है. 1965 में गठित बीएसएफ की प्राथमिक भूमिका बांग्लादेश और पाकिस्तान के साथ साझा की गई भारत की सीमाओं की सुरक्षा करना है. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में भारतीय सशस्त्र कर्मी शामिल हैं जो भारत-बांग्लादेश और भारत-पाकिस्तान सीमाओं पर संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए समर्पित हैं. बीएसएफ स्थापना दिवस से कर्मी गुजरात, राजस्थान, पंजाब, जम्मू और कश्मीर में घूम रहे हैं, और पश्चिमी सीमाओं पर घुसपैठ की कोशिश कर रहे दुष्ट तत्वों से एलओसी (भारत-पाकिस्तान सीमा) की रक्षा कर रहे हैं. यह भी पढ़ें: 59th years of BSF 2023: देश की सुरक्षा सुनिश्चित करनेवाली विश्व की सबसे बड़ी ताकत बीएसएफ! जानें इसकी हैरतअंगेज कहानी!

वे भारत-बांग्लादेश सीमा पर पश्चिम बंगाल, मेघालय, असम, मिजोरम और त्रिपुरा में काम करते हैं. बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र उन्हें इन राज्यों में अंतरराष्ट्रीय सीमा के 50 किलोमीटर के भीतर कार्रवाई करने का अधिकार देते हैं. बेंगलुरु में बीएसएफ का नक्सल विरोधी मुख्यालय है. यह रेड कॉरिडोर क्षेत्र में नक्सलियों से लड़ने के लिए समर्पित विभिन्न बटालियनों को निगरानी प्रदान करता है. बीएसएफ ने पिछले 4 दशकों में नक्सल विरोधी और उग्रवाद विरोधी अभियानों में अनुकरणीय भूमिका निभाई है. इसने सेवन सिस्टर्स राज्यों में उग्रवाद से भी निपटा और पूरे भारत में राष्ट्र-विरोधी तत्वों को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस महत्वपूर्ण दिन पर हम आपके लिए ले आए हैं विशेज, जिन्हें आप HD Wallpapers, GIF Images, WhatsApp Stickers के जरिये भेजकर शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1. सीमा सुरक्षा बल की स्थापना दिवस पर
देश की सीमा की सुरक्षा करने वाले
माँ भारती के वीर जवानों को शुभकामनाएं

BSF Raising Day 2023 (Photo Credits: File Image)

2. देश की सीमाओं के निष्ठावान एवं साहसी प्रहरियों
को कोटि-कोटि नमन
बीएसएफ डे की बधाई

BSF Raising Day 2023 (Photo Credits: File Image)

3. हमारे सीमा प्रहरियों की वीरता और कर्तव्यनिष्ठा
हर भारतीय को गौरवान्वित एवं प्रेरित करती है.
बीएसएफ डे की बधाई

BSF Raising Day 2023 (Photo Credits: File Image)

4. सीमा पर हमारी रक्षा में तैनात देश के शूरवीर योद्धाओं को,
सीमा सुरक्षा बल के स्थापना दिवस की शुभकामनाएं.

BSF Raising Day 2023 (Photo Credits: File Image)

5. सीमा सुरक्षा बल के स्थापना दिवस पर
सभी जवानों और उनके परिजनों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं

BSF Raising Day 2023 (Photo Credits: File Image)

अपनी स्थापना के बाद से, राष्ट्रीय सुरक्षा में बीएसएफ के योगदान की महावीर चक्र के बहादुर प्राप्तकर्ता के रूप में एक समृद्ध विरासत है. 1990 में जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद के दौरान, बीएसएफ ने इसे पड़ोसी राज्यों हिमाचल प्रदेश और पंजाब तक फैलने से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

World AIDS Day 2023 Slogans: वर्ल्ड एड्स डे! शेयर करें जागरूकता फैलाने वाले ये हिंदी Quotes, GIF Images, Messages, SMS और WhatsApp Status

World AIDS Day 2023 Slogans: लाइलाज व गंभीर बीमारी एचआईवी/एड्स (HIV/AIDS) के प्रति दुनिया भर के लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस यानी वर्ल्ड एड्स डे (World AIDS Day) मनाया जाता है. दरअसल, एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) का खतरा वैश्विक स्तर पर बढ़ा हुआ है, जो ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) के कारण होता है. असुरक्षित यौन संबंध के अलावा यह गंभीर बीमारी कई और तरीकों से फैल सकती है. कई रिपोर्ट्स से पता चलता है कि दुनियाभर में एड्स (AIDS) और एचआईवी (HIV) संक्रमण को लेकर लोगों में कई सारी गलतफहमियां हैं, ऐसे में इस बीमारी को लेकर लोगों तक सही जानकारी पहुंच सके और लोग इसके प्रति जागरूक हो सकें, इसलिए 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है.

एड्स, एचआईवी वायरस के संक्रमण से होने वाली एक जानलेवा बीमारी है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाकर, शरीर के संक्रमण और बीमारी से लड़ने की क्षमता को काफी कमजोर कर देती है. एसटीआई के अलावा यह संक्रमण संक्रमित रक्त चढ़ाने, संक्रमित व्यक्ति को लगे इंजेक्शन का उपयोग करने, संक्रमित मां से उसके बच्चे में फैल सकता है. वर्ल्ड एड्स डे के इस खास अवसर पर आप इन हिंदी स्लोगन, कोट्स, जीआईएफ इमेजेस, मैसेजेस, एसएमएस, वॉट्सऐप स्टेटस के जरिए इस लाइलाज बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने में अपना योगदान दे सकते हैं. यह भी पढ़ें: World AIDS Day 2023 Quotes: विश्व एड्स दिवस पर इन हिंदी Slogans, Facebook Messages, WhatsApp Stickers, Photo SMS के जरिए फैलाएं जागरूकता

1- रिश्ते के प्रति रहें वफादार,

नहीं बनेंगे एड्स के भागीदार.

वर्ल्ड एड्स डे

वर्ल्ड एड्स डे 2023 (Photo Credits: File Image)

2- आज से तुम खाओ कसम,

सुरक्षित बनाओ यौन संबंध.

वर्ल्ड एड्स डे

वर्ल्ड एड्स डे 2023 (Photo Credits: File Image)

3- एड्स पीड़ितों का हौसला बढ़ाएं,

इस बीमारी से पीड़ित को उपचार बताएं.

वर्ल्ड एड्स डे

वर्ल्ड एड्स डे 2023 (Photo Credits: File Image)

4- विश्व एड्स दिवस पर है यही नारा,

एड्स रहित हो देश हमारा…

वर्ल्ड एड्स डे

वर्ल्ड एड्स डे 2023 (Photo Credits: File Image)

5- न साथ रहने से फैलेगा न ही छूने से फैलेगा,

एचआईवी/एड्स तो सिर्फ असावधानी से फैलेगा.

वर्ल्ड एड्स डे

वर्ल्ड एड्स डे 2023 (Photo Credits: File Image)

बता दें कि एचआईवी से संक्रमित होने के करीब 2 से 4 सप्ताह के भीतर फ्लू जैसी बीमारी विकसित होने लगती है. इससे संक्रमित व्यक्ति में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, गले में खराश, मुंह में घाव और वजन घटने जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं. शुरुआत में ये लक्षण इतने हल्के होते हैं कि लोगों का इस पर ध्यान नहीं जाता है, लेकिन समय के साथ-साथ यह रोग और इसके लक्षण गंभीर रूप लेने लगते हैं.

हालांकि अभी तक इस संक्रमण को खत्म करने या इसे रोकने का कोई कारगर इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन कुछ मेडिकल रिपोर्ट्स में इसके उपचार के ट्रायल का जिक्र मिलता है, बावजूद इसके इसे लाइलाज बीमारी ही माना जाता है, इसलिए कहा जाता है कि एचआईवी संक्रमण से बचाव ही इसका सबसे बेहतर इलाज है.

BSF Raising Day 2023 Greetings: बीएसएफ रेसिंग डे पर ये HD Wallpapers और GIF Images भेजकर दें बधाई

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) भारत के पांच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में एक सम्मानित स्थान रखता है. बीएसएफ स्थापना दिवस, जो हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है, 1965 में बल की स्थापना का प्रतीक है. बीएसएफ का निर्माण 1965 के भारत-पाक युद्ध का प्रत्यक्ष परिणाम था और इसका प्राथमिक उद्देश्य भारत की सीमाओं की अखंडता सुरक्षा सुनिश्चित करना है और बीएसएफ के बहादुर पुरुष और महिलाएं हमारी सीमाओं की रक्षा करने, तस्करी को रोकने, सीमावर्ती समुदायों के बीच जागरूकता फैलाने और विभिन्न सीमा पार अपराधों को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार हैं. इस महत्वपूर्ण दिन पर हम आपके लिए ले आए हैं विशेज, जिन्हें आप HD Wallpapers, GIF Images, WhatsApp Stickers के जरिये भेजकर शुभकामनाएं दे सकते हैं. यह भी पढ़ें: World AIDS Day 2023 Quotes: विश्व एड्स दिवस पर इन हिंदी Slogans, Facebook Messages, WhatsApp Stickers, Photo SMS के जरिए फैलाएं जागरूकता

1. बीएसएफ डे की बधाई

BSF Raising Day 2023 (Photo Credits: File Image)

2. सीमा सुरक्षा बल स्थापना दिवस की शुभकामनाएं

BSF Raising Day 2023 (Photo Credits: File Image)

3. सीमा सुरक्षा बल स्थापना दिवस की बधाई

BSF Raising Day 2023 (Photo Credits: File Image)

4. बीएसएफ डे 2023

BSF Raising Day 2023 (Photo Credits: File Image)

5. हैप्पी बीएसएफ डे

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World AIDS Day 2023 Quotes: विश्व एड्स दिवस पर इन हिंदी Slogans, Facebook Messages, WhatsApp Stickers, Photo SMS के जरिए फैलाएं जागरूकता

World AIDS Day 2023 Quotes in Hindi: हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस यानी वर्ल्ड एड्स डे (World AIDS Day) मनाया जाता है और इस खास मौके पर एचआईवी (HIV) संक्रमण के प्रति सभी उम्र के लोगों को जागरूक किया जाता है. एचआईवी/एड्स (HIV/AIDS) के प्रति जागरूकता को बढ़ाने के मकसद से हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) यानी डब्ल्यूएचओ (WHO) एक थीम निर्धारित करती है और इस साल विश्व एड्स दिवस ‘Let Communities Lead’ यानी ‘समुदायों को नेतृत्व करने दें’ विषय के साथ सेलिब्रेट किया जा रहा है. यह थीम इस बात पर प्रकाश डालती है कि एड्स से प्रभावित लोग अपने जीवन को बेहतर बनाने, अपनी आवाज उठाने और कार्रवाई करने में सक्षम बनें. डब्ल्यूएचओ ने इस दिवस को मनाने की शुरुआत साल 1988 में की थी. इस दिन को मनाने का उद्देश्य एचआईवी/एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करना और इस बीमारी से प्रभावित लोगों को समर्थन करना है.

विश्व एड्स दिवस पर एचआईवी/एड्स के बारे में दुनिया भर में जागरूकता फैलाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, ताकि इससे पीड़ित लोग कलंक और भेदभाव के बिना समाज में सुरक्षित व सम्मानजनक जीवन जी सकें. इस अवसर पर आप इन हिंदी कोट्स, स्लोगन, फेसबुक मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फोटो एसएमएस के जरिए एड्स के प्रति जागरुकता फैलाने में अपना सहयोग दे सकते हैं.

1- खुद को शिक्षित और जागरूक बनाओ,

एड्स की बीमारी से पूरे परिवार को बचाओ.

विश्व एड्स दिवस

विश्व एड्स दिवस 2023 (Photo Credits: File Image)

2- हर दिन सुरक्षा दिन, सुरक्षा को अवकाश नहीं,

आपकी सुरक्षा, आपके परिवार की सुरक्षा.

विश्व एड्स दिवस

विश्व एड्स दिवस 2023 (Photo Credits: File Image)

3- एड्स से बचाव का आसान विकल्प,

सुरक्षित यौन संबंध का संकल्प.

विश्व एड्स दिवस

विश्व एड्स दिवस 2023 (Photo Credits: File Image)

4- एचआईवी को अपना सबसे बुरा दुश्मन बनने दो,

एचआईवी/एड्स से लड़े अपना जीवन न खोएं, एचआईवी से दूर रहे.

विश्व एड्स दिवस

विश्व एड्स दिवस 2023 (Photo Credits: File Image)

5- जो सुरक्षा से दोस्ती तोड़ेगा,

वह एक दिन दुनिया भी छोड़ेगा.

विश्व एड्स दिवस

विश्व एड्स दिवस 2023 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि विश्व एड्स दिवस इस लाइलाज और जानलेवा बीमारी से निपटने व इसके प्रति जन जागरूकता फैलान का एक अच्छा मौका होता है, इसलिए इस दिन इस गंभीर बीमारी की नई दवाओं के साथ-साथ उपचार में होने वाले सुधार के लिए समर्थन जुटाने का प्रयास किया जाता है. इसके साथ इस दिवस का मकसद यह तय करना होता है कि एचआईवी/एड्स से प्रभावित लोगों तक स्वास्थ्य सेवाएं आसानी से पहुंच सके.

Mahaparinirvan Diwas 2023: क्या है महापरिनिर्वाण दिवस? जानें डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्य-तिथि से इसका क्या संबंध है?

Mahaparinirvan Diwas 2023: प्रत्येक वर्ष 6 दिसंबर को पूरे देश में संविधान के जनक डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि बड़ी शिद्दत के साथ मनाई जाती हैं. इसी दिन महापरिनिर्वाण दिवस भी मनाया जाता है. आखिर 6 दिसंबर को डाक्टर भीमराव आंबेडकर के निधन के दिन ही महापरिनिर्वाण दिवस क्यों मनाया जाता है? इन दोनों अवसरों का 6 दिसंबर से क्या संबंध है? और इनका क्या महत्व है? आइये जानते हैं विस्तार से..यह भी पढ़ें: 59th Years of BSF 2023: देश की सुरक्षा सुनिश्चित करनेवाली विश्व की सबसे बड़ी ताकत बीएसएफ! जानें इसकी हैरतअंगेज कहानी!

क्या है महापरिनिर्वाण?

परिनिर्वाण का हिंदी में शाब्दिक अर्थ है मृत्यु के पश्चात निर्वाण. वस्तुत: महापरिनिर्वाण बौद्ध धर्म के प्रमुख सिद्धांतों एवं लक्ष्यों में से एक है. गौरतलब है कि अपने निधन से पूर्व डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने हिंदू धर्म त्याग कर बौद्ध धर्म में स्वीकार कर लिया था, इस कारण से भीमराव आंबेडकर का अंतिम संस्कार भी बौद्ध धर्म की विधि से हुआ था. बौद्ध धर्म के कई सिद्धांतों एवं लक्ष्यों में से एक परिनिर्वाण दिवस, इसके मुताबिक जो व्यक्ति निर्वाण करता है, वह दुनिया भर के सांसारिक मोह, माया, इच्छा, जीवन की पीड़ा से मुक्त रहता है, तथा जीवन चक्र से भी मुक्त रहता है. आम व्यक्ति के लिए निर्वाण को हासिल करना आसान नहीं है, इसे हासिल करने के लिए सदाचारी एवं धर्म सम्मत जीवन व्यतीत करना पड़ता है. बौद्ध धर्म में 80 साल के भगवान बुद्ध के निधन को महापरिनिर्वाण कहा जाता है.

महापरिनिर्वाण दिवस सेलिब्रेशन !

भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष एवं संविधान के रचयिता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि 6 दिसंबर को मनाई जाती है. महापरिनिर्वाण दिवस के दिन श्रद्धालु भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर फूल चढ़ाते हैं और दीपक अथवा मोमबत्तियां जलाकर उन्हें याद करते हैं, इसके पश्चात उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है. इस दिन बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने मुंबई में लाखों श्रद्धालु एकत्र होते हैं. इस दिन बौद्ध भिक्षुओं समेत कई लोग पवित्र गीत गाकर बाबासाहेब के नाम की जय जयकारा लगाते हैं इस तरह मुंबई के साथ- साथ पूरे भारत में 6 दिसंबर को महा परिनिर्वाण मनाया जाता है.

अंबेडकर की पुण्य-तिथि पर महापरिनिर्वाण दिवस क्यों मनाते हैं ?

गरीब एवं दलित वर्ग की स्थिति और जीवन में सुधार लाने में भीमराव अंबेडकर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, उन्होंने समाज सेवा सहित रूढ़िवादी प्रथाओं को समाप्त करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बौद्ध धर्म के अनुयायियों का मानना है कि उनके बौद्ध गुरु डॉक्टर भीमराव अंबेडकर एक सदाचारी थे, भीमराव अंबेडकर के अनुयायियों के मुताबिक डॉ भीमराव भी अपने कार्यों से निर्वाण प्राप्त कर चुके थे, इसलिए उनकी पुण्य-तिथि के अवसर को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है. गौरतलब है, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने कई सालों तक बौद्ध धर्म का अध्ययन कर 14 अक्टूबर 1956 को बौद्ध धर्म अपनाया था. मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार बौद्ध धर्म के नियम के मुताबिक हुआ था. मुंबई के दादर चौपाटी में जिस जगह डॉक्टर अंबेडकर का अंतिम संस्कार किया गया था, चैत्यभूमि के नाम से जाना जाता है. आज के दिन यहां बाबासाहेब आंबेडकर के लाखों श्रद्धालुओं का मेला लगता है.

Margashirsha Guruvar Vrat 2023 Dates In Maharashtra: मार्गशीर्ष माह की 13 दिसंबर होगी शुरुआत, यहां देखें महालक्ष्मी व्रत की तिथियां

Margashirsha Guruvar Vrat 2023 Dates In Maharashtra: मार्गशीर्ष हिंदुओं के लिए एक पवित्र महीना है. मार्गशीर्ष माह में घर-घर में महालक्ष्मी का व्रत रखा जाता है. यह व्रत मार्गशीर्ष माह के प्रत्येक गुरुवार को रखा जाता है. इस अवसर पर कई घरों में श्रावण मास की तरह मार्गशीर्ष माह में भी मांसाहार नहीं किया जाता है. तो इस साल यह मार्गशीर्ष महीना कब शुरू होगा और कब तक रहेगा? जानें इसके बारे में. इस वर्ष मार्गशीर्ष माह में किस गुरुवार को महालक्ष्मी व्रत रखा जाएगा इसकी जानकारी भी जान लें, ताकि उस अवसर पर पूजा के अनुरूप घट सजाने और अन्य तैयारियां करने में आपको आसानी होगी. यह भी पढ़ें: Vivah Muhurat 2023: 27 नवंबर से पुनः बजेंगी शहनाइयां! जानें नवंबर-दिसंबर में कौन-कौन सी बन रही हैं शुभ तिथियां!

इस वर्ष कब शुरू होगा मार्गशीर्ष महीना?

महाराष्ट्र में इस साल मार्गशीर्ष महीना 13 दिसंबर से शुरू होगा. तो पहला गुरुवार 14 दिसंबर को है. 12 दिसंबर को शाम 6 बजकर 24 मिनट पर अमावस्या की समाप्ति के बाद मार्गशीर्ष माह शुरू होगा. मार्गशीर्ष मास 13 दिसंबर से शुरू हो रहा है और यह मास 11 जनवरी को शाम 5:27 बजे समाप्त होगा। इस वर्ष मार्गशीर्ष माह में 4 गुरुवार को महालक्ष्मी व्रत मनाया जाएगा.

मार्गशीर्ष गुरुवार 2023 व्रत तिथियां

पहला गुरुवार – 14 दिसंबर

दूसरा गुरुवार – 21 दिसंबर

तीसरा गुरुवार – 28 दिसंबर

चौथा गुरुवार – 4 जनवरी

मार्गशीर्ष माह में प्रत्येक गुरुवार को महालक्ष्मी के प्रतीकात्मक रूप में घट स्थापित करने की प्रथा है. घट को महालक्ष्मी के रूप में सजाया जाता है. हर गुरुवार को हार और वेणी (गजरा) चढ़ाकर पूजा की जाती है. महिलाएं सुबह-शाम घट पूजा कर पूरे दिन व्रत रखती हैं. मार्गशीर्ष माह के आखिरी गुरुवार को महिलाओं के लिए हल्दी कुमकुम का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. इस अवसर पर, सवाशना महिलाओं को अपने घरों में आमंत्रित किया जाता है और उन्हें हल्दी कुंकु और वाना के रूप में उपहार दिया जाता है.

59th Years of BSF 2023: देश की सुरक्षा सुनिश्चित करनेवाली विश्व की सबसे बड़ी ताकत बीएसएफ! जानें इसकी हैरतअंगेज कहानी!

सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ जिसके कारण हर भारतीय चैन की नींद सोता है, जो दिन-रात जागकर दुर्गम मौसम में भी एक अभेद दीवार की तरह देश की सीमाओं को सुरक्षित और संरक्षित रहती हैं. बीएसएफ हमारे देश की पहली रक्षा पंक्ति है. जिसकी स्थापना साल 01 दिसंबर 1965 में हुई और अनेकों बार आतंकियों की घुसपैठ एवं सीमा पर हमले को सफलतापूर्वक निपटने में सफल रही हैं. हमें गौरवान्वित होना चाहिए कि 59वें वर्ष में हमारी सीमा सुरक्षा बल विश्व की सबसे बड़ी अग्रिम पंक्ति की ताकत बन चुकी है. आइये जानते हैं इस संदर्भ में कुछ जानकारी और कुछ चौंकाने वाले तथ्य..

बीएसएफ स्थापना दिवस का इतिहास

दिनांक 09 अप्रैल 1965 को पाकिस्तान ने भारत के कच्छ स्थित सरदार पोस्ट, बेरिया बेट और छार बेट पर अचानक हमला कर दिया था. पाकिस्तान के इस विश्वासघात और अप्रत्याशित हमले का जवाब देने के लिए भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की स्थापना करने का निर्णय लिया. योजना थी कि इस फोर्स को पाकिस्तानी सेना से लड़ने के लिए सशस्त्र प्रशिक्षित किया जाएगा. भारत के सुरक्षा सचिवों की समिति की सिफारिशों के बाद 01 दिसंबर 1965 को 25 बटालियन के साथ सीमा सुरक्षा बल की स्थापना की गयी. इस अति प्रतिष्ठित सैन्य बल के पहले संस्थापक खुसरो फिरोज रुस्तम थे. यह भी पढ़ें : Mahatma Jyotiba Phule Quotes In Marathi: महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि पर उनके ये 10 महान विचार शेयर कर करें याद

बीएसएफ स्थापना दिवस का महत्व

पाकिस्तानी आक्रमण को तार-तार करने के इरादे से शुरू किये गये सीमा सुरक्षा बल ने कालांतर में कई सफल कारनामे किये. मसलन 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान बीएसएफ ने भारत की सुरक्षा में अभेद दीवार बनकर पाकिस्तान के नापाक इरादों को धूल-धूसरित किया. पाकिस्तान और बांग्लादेश से घुसपैठ रोकने में काफी हद तक सफल रहे. बीएसएफ प्रत्येक वर्ष संयुक्त राष्ट्र मिशन हेतु सेवाओं के लिए अपने कर्मियों को भेजकर विशेष योगदान देता है. उसने गुजरात के सांप्रदायिक दंगों के दौरान आपसी भाईचारा और सौहार्द कायम करने में अहम भूमिका निभाई. पिछले दो सालों से बीएसएफ कर्मी मणिपुर में उग्रवादियों से लड़ाई कर रहे हैं. वो बीएसएफ ही थी, जिसकी देखरेख में जम्मू-कश्मीर की सीमा पर बाड़ लगाने का कार्य सम्पन्न हुआ. इस बाड़े के कारण आतंकवादी की घुसपैठ पर काफी हद तक रोक लगी है.

दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बीएसएफ

साल 1965 में 25 बटालियन से शुरू हुई बीएसएफ आज करीब 192 बटालियन और 2.57 लाख सशस्त्र सैनिकों सहित दुनिया की सबसे बड़ी बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स बन चुकी है. बीएसएफ गृह मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में काम करने वाली केंद्र सरकार नियंत्रित सरकारी एजेंसी है. बीएसएफ एकमात्र केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है, जिसकी अपनी एयर टियर स्मोक युनिट (TSU) है, टीएसयू दंगा विरोधी बलों हेतु आंसू गैस हथियारों के उत्पादन के लिए जिम्मेदार है. यह अन्य देशों के लिए भी यह सुविधाएं निर्यात करता है. बीएसएफ के पास एक अलग ऊंट और कुत्तों की विंग भी है, जो कच्छ के रेगिस्तान और भारत-पाकिस्तान सीमा जैसे दुर्गम क्षेत्रों पहुंचने के मार्ग को प्रशस्त करती है. आज बीएसएफ के पास महिला कर्मियों का बैच भी सक्रिय, जो महिलाओं की नियमित तलाशी, पुरुष समकक्षों के साथ अन्य ड्यूटी भी करती है तथा सीमा की रखवाली भी करती है

बीएसएफ स्थापना दिवस समारोह

बीएसएफ स्थापना दिवस समारोह पूरे देश में बड़े उत्साह और स्वाभिमान के साथ मनाया जाता है. इस दिन विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. जिसके तहत देश की आन-बान-शान के लिए लड़कर शहीद हुए सैनिकों को याद कर उन्हें सम्मानित किया जाता है. इस अवसर पर विभिन्न किस्मों के सांस्कृतिक समारोह आयोजित करने के अलावा, बीएसएफ डीआइजी उन लोगों के लिए विशिष्ट वीरता पुरस्कारों की घोषणा करते है, जिनके शौर्य और साहस के कारण पूरा देश सुरक्षित रहता है. इस अवसर पर वार्षिक बीएसएफ स्थापना दिवस परेड आयोजित की जाती है, जिसमें बीएसएफ के जवान गर्व से मार्च करते हैं. इस दिन को राष्ट्रीय पर्व चिह्नित करने के लिए राष्ट्रीय ध्वज भी फहराया जाता है.

Mahatma Jyotiba Phule Quotes In Marathi: महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि पर उनके ये 10 महान विचार शेयर कर करें याद

Mahatma Jyotiba Phule Quotes In Marathi: महात्मा ज्योतिराव फुले पुण्यतिथि (Mahatma Jyotiba Phule Punyatithi) हर साल 28 नवंबर को मनाई जाती है. वह एक जाति-विरोधी कार्यकर्ता, लेखक, विचारक और समाज सुधारक थे. जिनका जन्म महाराष्ट्र में हुआ था. भारत में, सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने में उनके प्रयासों और योगदान का सम्मान करने के लिए हर साल ज्योतिबा फुले जयंती मनाई जाती है. इस दिन देश के नागरिकों को बहुआयामी समाज सुधारक के बारे में बेहतर समझ होनी चाहिए. ज्योतिबा, जैसा कि वे आमतौर पर जाने जाते थे, और उनकी पत्नी, सावित्रीबाई फुले ने भारत में महिलाओं की स्कूली शिक्षा के लिए काम किया. वे महिलाओं के लिए कक्षाओं में भाग लेना संभव बनाने वाले पहले व्यक्ति थे. यह भी पढ़ें: Mahatma Jyotiba Phule Death Anniversary 2023: पिछड़े वर्गों के सशक्तिकरण में महात्मा फुले का विराट योगदान, जानिए उनके जीवन की महत्वपूर्ण बातें

महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि पर हम सभी को समाज में उनके योगदान को याद करना चाहिए और उसका जश्न मनाना चाहिए. हमें उन कठिनाइयों पर भी विचार करना चाहिए जिनका उन्होंने एक समाज सुधारक के रूप में सामना किया और उनके द्वारा किए गए बलिदानों पर विचार किया. ज्योतिराव गोविंदराव फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में हुआ था. मूल रूप से “गोरहे” परिवार के रूप में जाना जाने वाला, ज्योतिराव का परिवार “माली” जाति से था. ब्राह्मण सामाजिक रूप से मालियों से दूर रहते थे, क्योंकि वे उन्हें निचली जाति के लोगों के रूप में देखते थे. परिवार को “फुले” नाम दिया गया क्योंकि ज्योतिराव के पिता और चाचा फूल विक्रेता थे. ज्योतिराव केवल नौ महीने के थे जब उनकी माँ की मृत्यु हो गई.

आज महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि है, इस अवसर पर हम आपके लिए ले आए उनके कुछ महान विचार जिन्हें शेयर कर और अपने जीवन में शामिल कर अपना और दूसरों का जीवन बदल सकते हैं.

प्रवाहाच्या विरुद्ध दिशेला तेच पोहू शकतात ज्यांचे निर्धार ठाम असतात, ज्यांना कुठलेतरी ध्येय गाठायचे असते.
– महात्मा ज्योतिबा फुले

Mahatma Jyotiba Phule Quotes (Photo Credits: File Image)

नवीन विचार तर दररोज येत असतात पण त्यांना सत्यात उतरविणे हाच खरा संघर्ष आहे.
– महात्मा ज्योतिबा फुले

Mahatma Jyotiba Phule Quotes (Photo Credits: File Image)

रतात तोपर्यंत राष्ट्रीय भावना बळकट होणार नाही जोपर्यंत खाणे पिणे आणि वैवाहिक संबंधांवर जातीचे बंधन तसंच आहे.
– महात्मा ज्योतिबा फुले

Mahatma Jyotiba Phule Quotes (Photo Credits: File Image)

समाजातील खालच्या वर्गाची तोपर्यंत बुद्धिमत्ता,नैतिकता, प्रगती आणि समृद्धी चा विकास होणार नाही जोपर्यंत त्यांना शिक्षण दिले जात नाही.
– महात्मा ज्योतिबा फुले

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ध्येय नसलेली लोक साबणाच्या फेसासारखी असतात काही क्षणांसाठी दिसतात आणि क्षणानंतर नाहीशी होतात
– महात्मा ज्योतिबा फुले

Mahatma Jyotiba Phule Quotes (Photo Credits: File Image)

विद्वेविना मती गेली, मती विना निती गेली,
नीतिविना गती गेली, गतिविना वित्त गेले,
वित्ताविना शूद्र खचले, इतके अनर्थ एका महाविद्वेने केले.
– महात्मा ज्योतिबा फुले

Mahatma Jyotiba Phule Quotes (Photo Credits: File Image)

ज्योतिराव एक प्रतिभाशाली व्यक्ति थे, लेकिन वित्तीय कठिनाइयों के कारण उन्हें कम उम्र में स्कूल छोड़ना पड़ा. उन्होंने अपने पिता के साथ पारिवारिक खेत पर काम करना शुरू किया. युवा प्रतिभा के कौशल ने एक पड़ोसी को प्रभावित किया. जिसने उसके पिता को उसे स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए मना लिया.

महात्मा ज्योतिराव फुले ने 1841 में पूना के स्कॉटिश मिशन हाई स्कूल में पढ़ाई की और 1847 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. वहां वह सदाशिव बल्लाल गोवंडे नामक एक ब्राह्मण के साथ जीवन भर के लिए घनिष्ठ मित्र बन गए. जब ज्योतिराव केवल तेरह वर्ष के थे, तब उन्होंने सावित्रीबाई से विवाह किया.

Kartik Purnima 2023: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर 70 से अधिक देशों के राजदूत-राजनयिक पहुंचे वाराणसी, नमो घाट पर सांस्कृतिक प्रदर्शन देखते आये नजर- VIDEO

Kartik Purnima 2023: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर 70 से अधिक देशों के राजदूत और राजनयिक वाराणसी  पहुंचे हैं. वाराणसी पहुंचने के बाद नमो घाट पर सांस्कृतिक प्रदर्शन  देखते नजर आये. वाराणसी दौरे पर आये. ये प्रमुख हस्तियां यहां कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मिट्टी के दीये जलाते हुए देखेंगे और गंगा आरती और देव दीपावली भी देखेंगे.  जानकारी के अनुसार इस यात्रा का आयोजन विदेश मंत्रालय (एमईए) द्वारा किया गया है.

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Haryana 300-Kg Cake: हरियाणा के पंचकुला में गुरु नानक जयंती के अवसर पर 300 किलो का केक बनाया गया, देखें वीडियो

Haryana 300-Kg Cake:  देशभर में आज  गुरु नानक की जयंती (Guru Nanak Jayanti) मनाई जा रही है.  गुरु नानक की जयंती के ख़ास मौके पर हरियाणा में पंचकुला में 300 किलो का केक तैयार किया गया है.  इस ख़ास केस को लेकर आयोजक बॉबी सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि “हम हर साल केक तैयार करते हैं और लंगर की व्यवस्था की जाती है. हम 22-23 साल से इस लंगर का आयोजन कर रहे हैं”

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