मुंबई/नयी दिल्ली, 31 अगस्त संसद का विशेष सत्र बुलाने के फैसले के बाद कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि अडाणी समूह के खिलाफ नये खुलासे होने से सरकार ‘‘घबरा’’ गई है और विपक्षी दलों की बैठक के चलते समाचारों का प्रबंधन करने की कवायद के तहत विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की गई है।
यह पूछे जाने पर कि सरकार ने सितंबर में पांच दिवसीय विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की है और इससे क्या संकेत मिलता है, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘‘यह कुछ घबराहट का संकेत है…उसी तरह की घबराहट तब हुई थी जब मैंने संसद भवन में भाषण दिया था, घबराहट के कारण अचानक उन्हें मेरी संसद सदस्यता रद्द करनी पड़ी थी।’’
उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘तो, मुझे लगता है, यह घबराहट की बात है क्योंकि ये मामले प्रधानमंत्री के बहुत करीब हैं और जब भी आप अडाणी मामले को छूते हैं, तो प्रधानमंत्री बहुत असहज और बहुत घबरा जाते हैं।’’
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इस विशेष सत्र के दौरान भी अडाणी समूह के मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच की मांग सदन के भीतर और बाहर जारी रहेगी।
रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर आरोप लगाया, ‘‘समाचारों का प्रबंधन, मोदी शैली है। आज समाचारों में ‘मोडानी घोटाले’ पर नवीनतम खुलासे छाए हुए हैं। कल मुंबई में उभरते भारतीय दलों की बैठक होगी। कैसे प्रतिकार करें? जब मानसून सत्र तीन सप्ताह पहले ही समाप्त हुआ है तो ऐसे समय संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र की घोषणा की गई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बहरहाल, जेपीसी की मांग संसद के अंदर और बाहर गूंजती रहेगी।’’
इससे पहले, खोजी पत्रकारों के वैश्विक नेटवर्क ‘ऑर्गेनाइजड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ (ओसीसीआरपी) ने अडाणी समूह पर गुपचुप तरीके से अपने ही कंपनियों के शेयरों में निवेश का आरोप लगाया है।
ओसीसीआरपी की रिपोर्ट मे कहा गया है कि प्रवर्तक परिवार के सहयोगियों द्वारा मॉरीशस स्थित ऐसे निवेश कोष का इस्तेमाल करके समूह की कंपनियों में गुपचुप तरीके से सैकड़ों अरब डॉलर का निवेश किया गया, जिनका कोई अता-पता नहीं है। हालांकि, अडाणी समूह ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। इस निवेश की वजह से 2013 से 2018 के दौरान समूह की कंपनियों के शेयरों में जोरदार उछाल आया।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमृत काल के बीच ‘संसद का विशेष सत्र’ 18 से 22 सितंबर को बुलाया गया है, जिसमें पांच बैठकें होंगी। संसद के इस विशेष सत्र के एजेंडे के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है।
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