देश की खबरें | संसद के विशेष सत्र की घोषणा पर कांग्रेस ने कहा-यह अडाणी मामले में सरकार की घबराहट का संकेत

मुंबई/नयी दिल्ली, 31 अगस्त संसद का विशेष सत्र बुलाने के फैसले के बाद कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि अडाणी समूह के खिलाफ नये खुलासे होने से सरकार ‘‘घबरा’’ गई है और विपक्षी दलों की बैठक के चलते समाचारों का प्रबंधन करने की कवायद के तहत विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की गई है।
यह पूछे जाने पर कि सरकार ने सितंबर में पांच दिवसीय विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की है और इससे क्या संकेत मिलता है, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘‘यह कुछ घबराहट का संकेत है…उसी तरह की घबराहट तब हुई थी जब मैंने संसद भवन में भाषण दिया था, घबराहट के कारण अचानक उन्हें मेरी संसद सदस्यता रद्द करनी पड़ी थी।’’
उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘तो, मुझे लगता है, यह घबराहट की बात है क्योंकि ये मामले प्रधानमंत्री के बहुत करीब हैं और जब भी आप अडाणी मामले को छूते हैं, तो प्रधानमंत्री बहुत असहज और बहुत घबरा जाते हैं।’’
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इस विशेष सत्र के दौरान भी अडाणी समूह के मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच की मांग सदन के भीतर और बाहर जारी रहेगी।
रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर आरोप लगाया, ‘‘समाचारों का प्रबंधन, मोदी शैली है। आज समाचारों में ‘मोडानी घोटाले’ पर नवीनतम खुलासे छाए हुए हैं। कल मुंबई में उभरते भारतीय दलों की बैठक होगी। कैसे प्रतिकार करें? जब मानसून सत्र तीन सप्ताह पहले ही समाप्त हुआ है तो ऐसे समय संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र की घोषणा की गई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बहरहाल, जेपीसी की मांग संसद के अंदर और बाहर गूंजती रहेगी।’’
इससे पहले, खोजी पत्रकारों के वैश्विक नेटवर्क ‘ऑर्गेनाइजड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ (ओसीसीआरपी) ने अडाणी समूह पर गुपचुप तरीके से अपने ही कंपनियों के शेयरों में निवेश का आरोप लगाया है।
ओसीसीआरपी की रिपोर्ट मे कहा गया है कि प्रवर्तक परिवार के सहयोगियों द्वारा मॉरीशस स्थित ऐसे निवेश कोष का इस्तेमाल करके समूह की कंपनियों में गुपचुप तरीके से सैकड़ों अरब डॉलर का निवेश किया गया, जिनका कोई अता-पता नहीं है। हालांकि, अडाणी समूह ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। इस निवेश की वजह से 2013 से 2018 के दौरान समूह की कंपनियों के शेयरों में जोरदार उछाल आया।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमृत काल के बीच ‘संसद का विशेष सत्र’ 18 से 22 सितंबर को बुलाया गया है, जिसमें पांच बैठकें होंगी। संसद के इस विशेष सत्र के एजेंडे के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है।

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देश की खबरें | गुरुग्राम : शराब के नशे में धुत लोगों ने दिल्ली-जयपुर राजमार्ग पर सीएनजी स्टेशन के कर्मियों पर हमला किया

गुरुग्राम, 31 अगस्त दिल्ली-जयपुर राजमार्ग पर स्थित सीएनजी स्टेशन के एक प्रबंधक और दो कर्मियों पर नशे में धुत लोगों के एक समूह ने कथित रूप से हमला किया जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गये। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के मुताबिक बुधवार मध्य रात्रि को आरोपियों ने तीनों लोगों की लाठियों से कथित तौर पर पिटाई की। पुलिस ने बताया कि समूह के दो लोगों को सीएनजी स्टेशन के अन्य कर्मचारियों ने मौके पर ही पकड़ लिया जबकि बाकी अपनी कार से भाग गये।
पुलिस ने बताया कि खेड़की दौला पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस के मुताबिक घटना बुधवार देर रात लगभग एक बजे की है, जब एक कार राजमार्ग पर स्थित नखरोला गांव के निकट असम ऑयल पेट्रोल पंप एवं सीएनजी स्टेशन पर पहुंची।
पुलिस ने बताया कि कार में सवार सभी लोग नशे में धुत थे और जब कार में गैस भर गई तो इसके बाद वे गाड़ी से बाहर निकले।
पुलिस के अनुसार सीएनजी स्टेशन के कर्मी कृष्ण कुमार ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि जब एक अन्य कर्मी आकाश ने उनसे पैसे मांगे तो उन्होंने उसके साथ दुर्व्यवहार किया और मामला बढ़ गया।
कृष्ण कुमार ने अपनी शिकायत में कहा कि सुखबीर, आकाश और बीजू गंभीर रूप से घायल हुए हैं और अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा है।
पुलिस के मुताबिक, मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया।
पुलिस ने बताया कि शिकायत के बाद बृहस्पतिवार को खेड़की दौला पुलिस थाने में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 148 (दंगा करने), 149 (गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होने), 323 (चोट पहुंचाने), 506 (आपराधिक धमकी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दो लोगों की पहचान मानेसर के रहने वाले प्रवेश और नवीन के रूप में हुई है जबकि पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।

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देश की खबरें | बिहार के औरंगाबाद में तालाब में डूबने से पांच बच्चों की मौत

औरंगाबाद/पटना, 31 अगस्त बिहार के औरंगाबाद जिले में बृहस्पतिवार को एक तालाब में डूबने से पांच बच्चों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सलैया थाना अंतर्गत सोनारचक गांव में यह घटना तब हुई जब बृहस्पतिवार दोपहर करीब दो बजे सभी पांच बच्चे राखी बंधवाने के बाद तालाब में नहाने गए थे।
मृतकों की पहचान शुभम (11), नीरज कुमार (12), धीरज (10), प्रिंस (12) और अमित (12) के रूप में हुई है। सभी पीड़ित सोनारचक गांव के रहने वाले हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना पर दुख जताते हुए सभी मृतकों के निकटतम परिजनों को चार-चार लाख रूपये की अनुग्रह राशि अविलम्ब उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
औरंगाबाद के अनुमंडल दंडाधिकारी (एसडीएम) विजयंत ने कहा, ‘‘ग्रामीणों के अनुसार, अपनी बहनों से राखी बंधवाने के बाद, सभी पांच बच्चे तालाब में स्नान करने गए थे। ग्रामीणों के एक समूह ने तालाब के किनारे से कुछ शोर सुना। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने बच्चों को तालाब से बाहर निकाला लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।’’
आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस के मौके पर काफी देर से पहुंचने का आरोप लगाते हुए गांव की मुख्य सड़क को जाम कर दिया। बाद में पुलिसकर्मियों ने उन्हें तितर-बितर कर दिया।

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भाजपा 25 लाख सोशल मीडिया योद्धाओं के जरिए करेगी 10 करोड़ मतदाताओं को साधने की कोशिश

नई दिल्ली: भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देशभर में 25 लाख सोशल मीडिया के योद्धाओं को तैयार करने की योजना बनाई है. पार्टी का लक्ष्य इन 25 लाख सोशल मीडिया योद्धाओं के जरिए विपक्षी गठबंधन में शामिल दलों और उनके नेताओं के खिलाफ देशभर में एक माहौल बनाने का है, ताकि लोकसभा चुनावों में जनता भाजपा के साथ ही खड़ी रहे.

भाजपा की एक कोशिश यह भी है कि विपक्षी दलों के गठबंधन के आंतरिक अन्तर्विरोधों को ज्यादा से ज्यादा उभारने के साथ-साथ राहुल गांधी को सेन्टर में रखकर लगातार उन पर निशाना साधा जाए, ताकि जनता की नजर में 2024 का लोक सभा चुनाव नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी का चुनाव बन जाए. Green Hydrogen Producer: सीएम योगी का दावा, यूपी बनेगा देश का सबसे बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन निर्माता

सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के ये 25 लाख सोशल मीडिया योद्धा देश के 10 करोड़ मतदाताओं तक पहुंचकर गांधी परिवार और कांग्रेस की सरकारों के साथ-साथ विपक्षी गठबंधन में शामिल अन्य दलों को चलाने वाले परिवारों और उनकी सरकारों से जुड़े तथ्यों से वोटरों को खासकर नए वोटरों को अवगत कराएंगे. भाजपा ने सोशल मीडिया के जरिए विपक्षियों को घेरने के इस अभियान को ‘मिशन शंखनाद’ का नाम दिया है.

बताया जा रहा है कि पार्टी सितंबर के पहले सप्ताह तक प्रदेश स्तर पर सभी राज्यों में इस अभियान को लेकर सोशल मीडिया टीम के साथ सम्मलेन एवं बैठक के कार्यक्रम को पूरा कर लेगी. इसके बाद पार्टी देश के सभी राज्यों में क्षेत्रीय,जिला एवं मंडल स्तर पर सोशल मीडिया योद्धाओं के साथ बैठक करेगी, जिसमें पहले चरण के तहत पार्टी एक लाख सोशल मीडिया के योद्धाओं की टीम को तैयार करेगी. इसके बाद देशभर में चुने गए इन एक लाख सोशल मीडिया योद्धाओं का बड़े स्तर पर सम्मेलन करवाया जाएगा.

पार्टी की योजना दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, गुवाहाटी, लखनऊ, वाराणसी, भोपाल, ग्वालियर, इंदौर और कन्याकुमारी सहित देश के 100 बड़े शहरों में इनका सम्मेलन आयोजित करने की है. इन सम्मेलनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित मोदी सरकार के मंत्री, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के अलावा भाजपा के दिग्गज नेता संबोधित करेंगे.

इन एक लाख सोशल मीडिया के योद्धाओं की टीम के जरिए भाजपा देश भर में स्थानीय स्तर तक जाकर 25 लाख सोशल मीडिया योद्धाओं की बड़ी टीम तैयार करेगी जो आगे चलकर सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म्स यहां तक कि निजी व्हाट्सएप के जरिए भी देश के 10 करोड़ मतदाताओं से सोशल मीडिया के जरिए संपर्क साधेंगे. ये सोशल मीडिया योद्धा लोकसभा स्तर तक जाकर कम से कम 100 लाभार्थियों के वीडियो भी शेयर करेंगे, जिसमें वे लाभार्थी स्वयं यह बताएंगे कि मोदी सरकार की किस योजना का उन्हें लाभ मिला और इससे उनके जीवन में क्या-क्या बदलाव आया है.

इसके साथ ही सोशल मीडिया के ये योद्धा विपक्षी गठबंधन में शामिल नेताओं के उन वीडियो को भी ढूंढ-ढूंढकर सोशल मीडिया पर डालेंगे, जिसमें ये नेता एके-दूसरे की आलोचना करते नजर आ रहे होंगे.

One Nation-One Election पर बोले ओवैसी, राज्यसभा में बीजेपी के पास बहुमत नहीं, विपक्ष शासित कई राज्य इसे स्वीकार नहीं करेंगे

One Nation-One Election: केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विशेष सत्र बुलाये जाने की जानकारी दी है, जो 18 सितंबर से शुरू होकर 22 सितंबर तक चलेगा. संसद के विशेष सत्र और सत्र के एजेंडे की अटकलों पर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी का कहना है, ”हम शुरू से ही विशेष सत्र की मांग कर रहे थे क्योंकि चीन ने भारत की 2000 वर्ग किमी जमीन पर कब्जा कर लिया है. डेपसांग और डेमचोक को छोड़ना…जब वे एक विशेष सत्र बुलाएंगे, तो हमें उम्मीद है कि पीएम चीन पर चर्चा की अनुमति देंगे.

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि रोहिणी आयोग ने अपनी रिपोर्ट दी है. इसलिए, हम मांग करते हैं कि मोदी सरकार विशेष सत्र में एक विधेयक लाए ताकि 50% आरक्षण की सीमा का पार किया जा सके. हम तीसरी मांग करते हैं कि इसरो वैज्ञानिकों और नीरज चोपड़ा को संसद में आमंत्रित किया जाए और सम्मानित किया जाए.

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- अटकलें हैं कि क्या वन नेशन, वन इलेक्शन होगा – ऐसा नहीं हो सकता. यह भारत के संविधान के खिलाफ होगा क्योंकि संघवाद भारत की बुनियादी संरचना का एक हिस्सा है. बीजेपी के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है. साथ ही, विपक्ष शासित कई राज्य इसे स्वीकार नहीं करेंगे… हम मोदी से मांग करते हैं सरकार को अभी देश को बताना चाहिए कि शीतकालीन सत्र कब होगा.”

देश की खबरें | टीएमसी ने राहुल-अभिषेक ‘मुलाकात’ का स्वागत किया, प्रदेश कांग्रेस का सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना

कोलकाता, 31 अगस्त तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने बृहस्पतिवार को पार्टी के नेता अभिषेक बनर्जी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच ‘मुलाकात’ को ‘‘भाजपा के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने’’ की दिशा में स्वागत योग्य कदम बताया। वहीं, प्रदेश कांग्रेस ने कहा कि यह टीएमसी द्वारा देश के मूड को भांपते हुए सबसे पुरानी पार्टी के करीब आने का एक प्रयास है।
बुधवार सुबह बनर्जी के नयी दिल्ली स्थित राहुल गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की खबरें आई हैं। एक प्रमुख बंगाली दैनिक ने इस बैठक की खबर दी है। हालांकि, टीएमसी ने अभी तक इस बात को स्वीकार करते हुए कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है कि ऐसी कोई बैठक हुई।
पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री एवं टीएमसी नेता ब्रत्य बसु ने कहा, ‘‘हम देश के दो प्रमुख राजनीतिक दलों के दो वरिष्ठ नेताओं के बीच ऐसी बैठकों का स्वागत करते हैं। भाजपा के खिलाफ लड़ाई में हम ऐसी बैठकों का स्वागत करते हैं। स्वाभाविक रूप से, विपक्षी खेमे के महत्वपूर्ण नेता मिलेंगे और भाजपा को हराने की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे। ऐसी और बैठकें नियमित रूप से होनी चाहिए।’’
उनके सुर में सुर मिलाते हुए टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने कहा, ‘‘मौजूदा परिस्थितियों में भाजपा के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करना सबसे महत्वपूर्ण बात होनी चाहिए।’’
सेन ने कहा, ‘‘कांग्रेस की प्रदेश इकाई भाजपा से मुकाबला करने के बजाय हमारे खिलाफ लड़ने में अधिक रुचि रखती है। लेकिन हमें नहीं लगता कि कांग्रेस नेतृत्व उन विचारों से सहमत है। वर्तमान परिस्थितियों में भाजपा के खिलाफ लड़ना सबसे महत्वपूर्ण बात होनी चाहिए। हम इस बैठक का स्वागत करते हैं।’’
हालांकि, टीएमसी नेतृत्व ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि क्या यह बैठक 2024 के लोकसभा चुनावों में राज्य में टीएमसी-कांग्रेस गठबंधन के पहले की बैठक है। उन्होंने कहा, ‘‘अभी इस पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।’’
टीएमसी और कांग्रेस का 2001 और 2011 के विधानसभा चुनावों तथा 2009 के लोकसभा चुनावों में तालमेल था। कांग्रेस का वर्तमान में बंगाल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे के साथ गठबंधन में है।
बैठक पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने आश्चर्य जताया कि क्या टीएमसी भाजपा के खिलाफ मुकाबले की अपनी क्षमता पर बार-बार सवाल उठने के बाद कांग्रेस के करीब आने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ महीने पहले तक टीएमसी पूरी तरह से कांग्रेस और राहुल गांधी के खिलाफ थी। सफल भारत जोड़ो यात्रा और कर्नाटक चुनाव में जीत के बाद हालात बदले हुए नजर आ रहे हैं। अब टीएमसी अपनी नीति को गुपचुप रूप से भाजपा समर्थक से कांग्रेस की सहयोगी बनाने की कोशिश कर रही है।’’
लोकसभा में कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘टीएमसी नेतृत्व ने देश के बदलते रुख को महसूस किया है, जो भाजपा शासन से छुटकारा पाने का प्रयास कर रहा है।’’
अभिषेक-राहुल की कथित बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने आश्चर्य जताया कि एक राजनीतिक बैठक के बारे में इतनी गोपनीयता क्यों है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘कांग्रेस को स्पष्ट रूप से सामने आना चाहिए कि वे टीएमसी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों का समर्थन करते हैं या नहीं। इतनी गोपनीयता क्यों है? वे क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हैं?’’

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Manipur Violence: मणिपुर में 29 अगस्त से अब तक पांच लोगों की मौत, 18 घायल, अधिकारियों ने दी बड़ी जानकारी

इंफाल: मणिपुर के बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों में पिछले 72 घंटों के दौरान कुकी और मेइती के बीच लगातार गोलीबारी के कारण कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गए. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. एक अधिकारी ने कहा कि बिष्णुपुर जिले के खोइरेंटक तलहटी और चुराचांदपुर जिले के चिंगफेई और खौसाबुंग इलाकों में दोनों समूहों के बीच गोलीबारी जारी है.

उन्होंने कहा कि हिंसा 29 अगस्त को शुरू हुई जब खोइरेंटक क्षेत्र में भारी गोलीबारी के बाद लगभग 30 वर्षीय एक ग्रामीण स्वयंसेवी की मौत हो गई. अधिकारियों के मुताबिक, बुधवार शाम को कुछ घंटों की शांति के बाद गोलीबारी की ताजा शुरुआत बृहस्पितवार सुबह हुई. उन्होंने बताया कि बुधवार को हिंसा के दौरान सिर में चोट लगने से घायल हुए एक व्यक्ति की मिजोरम के रास्ते गुवाहाटी ले जाते समय मौत हो गई. Maharashtra: महाराष्ट्र के मंत्रालय में बम रखने की दी धमकी, झूठी कॉल करने वाला आरोपी गिरफ्तार

अधिकारियों ने बताया कि हिंसा में घायल हुए एक अन्य व्यक्ति की बृहस्पतिवार सुबह लगभग नौ बजे चुराचांदपुर जिले के अस्पताल में मौत हो गई. उन्होंने बताया कि चिंगफेई इलाके में बुधवार शाम हुई गोलीबारी में घायल हुए पांच लोगों में से तीन को चुराचांदपुर जिला अस्पताल लाया गया था.

बिष्णुपुर के नारायणसेना गांव के पास मंगलवार को हिंसा की विभिन्न घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई थी और छह अन्य घायल हो गए थे. सूत्रों ने बताया कि एक की मौत गोली लगने हुई थी जबकि दूसरे की मौत खुद की देसी बंदूक से गोली चेहरे पर लगने से हुई.

इस बीच, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने चुराचांदपुर में तत्काल प्रभाव से आपातकालीन बंद का आह्वान किया है. आईटीएलएफ के एक बयान में कहा गया है कि पानी और चिकित्सा आपूर्ति सहित आवश्यक सेवाओं को बंद के दायरे से छूट दी गई है.

आईटीएलएफ ने एक अलग बयान में दावा किया गया कि पीड़ितों में गायक एलएस मंगबोई लुंगडिम (50) भी शामिल हैं, जिन्होंने तीन मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद ‘आई गम हिलौ हैम’ (क्या यह हमारी भूमि नहीं है?) गीत तैयार किया था और यह आदिवासी एकता का नारा बन गया था.

मणिपुर पुलिस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि सुरक्षा बलों द्वारा कांगपोकपी, थौबल, चुराचांदपुर और इंफाल-पश्चिम जिलों के सीमांत और संवेदनशील इलाकों में तलाशी अभियान चलाया गया. इस दौरान पांच हथियार, 31 गोला-बारूद, 19 विस्फोटक, आईईडी सामग्री के तीन पैक बरामद किए गये.

पुलिस ने विभिन्न जिलों में 130 नाके भी लगाए हैं और नियमों का उल्लंघन करने पर 1,646 लोगों को हिरासत में लिया है. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

राज्य की आबादी में मेइती समुदाय की हिस्सेदारी लगभग 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और उनमें से ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं.

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Green Hydrogen Producer: सीएम योगी का दावा, यूपी बनेगा देश का सबसे बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन निर्माता

लखनऊ, 31 अगस्त: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन के दृष्टिगत प्रदेश में स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा उत्पादन स्रोतों को प्रोत्साहित करने के लिए यूपीनेडा के अधिकारियों के साथ यूपी ग्रीन हाइड्रोजन नीति-2023 की तैयारियों की समीक्षा की.

बैठक में सीएम योगी ने अधिकारियों को नई ग्रीन हाइड्रोजन नीति के ड्राफ़्ट में संशोधन करते हुए एक प्रभावी ड्राफ़्ट तैयार करने के निर्देश दिए. साथ ही इस क्षेत्र में काम करने वाले स्टेक होल्डर से भी परामर्श लेने के निर्देश दिए, ताकि नीति के तहत निवेशकों और उपयोगकर्ताओं को इसका ज़्यादा से ज़्यादा फ़ायदा मिल सके.

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन एक स्वच्छ ऊर्जा एवं औद्योगिक ईधन होने के कारण नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होगा. ऐसे में ग्रीन हाइड्रोजन नीति को लेकर विभाग भारत सरकार की नीति का गहन अध्यन कर एक प्रभावी नीति तैयार करे.

उन्होंने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन के निर्माण में पानी का महत्वपूर्ण योगदान रहता है. उत्तर प्रदेश में नदियों की भरमार है. हम इसका फ़ायदा उठाकर देश के सबसे बड़े ग्रीन हाइड्रोजन निर्माता बन सकते हैं. इसके लिए उन्होंने विभाग को सिंचाई विभाग से समन्वय बनाकर प्रदेश की छोटी बड़ी नदियों के पास रिज़र्व वॉटर बनाकर बरसात के पानी का उपयोग ग्रीन हाइड्रोजन बनाने के लिए करने को निर्देशित किया. साथ ही ग्रीन हाइड्रोजन एनर्जी पर काम करने वाली फ़र्मों को ज़्यादा से ज़्यादा इंसेंटिव देकर प्रोत्साहित करने के भी निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) 2023 के दौरान ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र में इकाइयां स्थापित करने के लिए यूपी को 20 कंपनियों से 2.73 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं. इससे 60,000 से अधिक लोगों के लिए नौकरी के अवसर पैदा होंगे. प्रदेश सरकार जीआईएस-2023 में हुये सभी एमओयू को ईमानदारी से लागू करने के लिये प्रतिबद्ध है. ऐसे में हमें अपनी जवाबदेही तय करने के लिए जल्द से जल्द ग्रीन हाइड्रोजन नीति लागू करनी है.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वह ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए रिफॉर्म के लिये तैयार रहें. इसके लिए प्रदेश में हर स्तर पर निवेशकों के लिए हर द्वार खोलने होंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्राकृतिक गैस का उपयोग कर उत्पादित की जा रही ग्रे हाइड्रोजन की तुलना में ग्रीन हाइड्रोजन की उत्पादन लागत अधिक है. अतः ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं को गति प्रदान करने के लिए प्रारम्भिक अवस्था में विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान किया जाना आवश्यक एवं औचित्यपूर्ण है. ऐसे में उत्तर प्रदेश ग्रीन हाइड्रोजन नीति 2023 के ड्राफ़्ट में राज्य के विकास और रोजगार को बढ़ावा देने के साथ-साथ कार्बन उत्सर्जन रहित एवं जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों के सापेक्ष राज्य के योगदान को पूर्ण करने के साथ ही ग्रीन हाइड्रोजन/अमोनिया उत्पादन, बाजार निर्माण और मांग एकत्रीकरण को बढ़ावा देने पर विशेष फ़ोकस किया जाए, जिससे प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन/अमोनिया अर्थव्यवस्था बनाने के लिण्‍ अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र तैयार हो सके.

Parliament Special Session History: भारत के संसदीय इतिहास में कितनी बार बुलाया गया विशेष सत्र? इस बार कौन सा बिल होगा पास

Parliament Special Session History: सरकार ने कुछ विशेष विधायी कामकाज होने की अटकलों के बीच 18 से 22 सितंबर के बीच संसद का विशेष सत्र बुलाया है. सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि विशेष सत्र के दौरान कोई प्रश्‍नकाल, कोई शून्यकाल और कोई निजी सदस्य कार्य नहीं होगा.

सूत्रों ने आगे कहा कि राष्ट्रपति, जो आम तौर पर संसद सत्र बुलाते हैं, संविधान के अनुच्छेद 85 (1) के तहत इस विशेष सत्र को भी बुलाएंगे. राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीपीए) ने विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लिया और इसकी विधिवत जानकारी संसद को दी. One Nation-One Election! मास्टर स्ट्रोक की तैयारी में मोदी सरकार, संसद के विशेष सत्र में ला सकती है ‘एक देश-एक चुनाव’ बिल

सूत्रों ने कहा कि चूंकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस समय छत्तीसगढ़ के दौरे पर हैं, इसलिए वह लौटते ही विशेष सत्र बुलाने का आदेश जारी करेंगी. विशेष सत्र की खबर ने काफी राजनीतिक बहस छेड़ दी है, क्योंकि मानसून सत्र समाप्त होने के कुछ ही दिन बाद अचानक इसकी घोषणा की गई है.

ऐसी संभावना है कि राष्ट्रपति नए संसद भवन में दोनों सदनों को संबोधित कर सकती हैं. सूत्रों ने यह भी कहा कि सरकार विशेष सत्र के दौरान भारत की जी20 अध्यक्षता और जी20 शिखर सम्मेलन पर चर्चा कर सकती है, जो 9 और 10 सितंबर को होने वाला है.

इस संदर्भ में यह जानना दिलचस्प होगा कि भारत के संसदीय इतिहास में ऐसे कितने विशेष सत्र हुए हैं. तमिलनाडु और नगालैंड में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने के लिए फरवरी 1977 में दो दिनों के लिए राज्यसभा का विशेष सत्र आयोजित किया गया था.

इसके बाद अनुच्छेद 356(3) के प्रावधान के तहत हरियाणा में राष्ट्रपति शासन की मंजूरी के लिए 3 जून, 1991 को एक और दो दिवसीय विशेष सत्र (158वां सत्र) आयोजित किया गया.

राज्यसभा के रिकॉर्ड के अनुसार, इन दोनों अवसरों पर, उच्च सदन की बैठक तब हुई जब लोकसभा भंग थी. यूपीए शासन के दौरान वामपंथी दलों द्वारा तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद विश्‍वास मत के लिए जुलाई 2008 में लोकसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था.

पिछली सरकारों ने संविधान दिवस, भारत छोड़ो आंदोलन और ऐसे अन्य विशेष अवसरों को मनाने के लिए दोनों सदनों के कई विशेष सत्र और बैठकें बुलाई हैं.

सूत्रों ने बताया कि स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए अगस्त 1997 से सितंबर 1997 तक संसद का एक विशेष सत्र आयोजित किया गया था.

इसके अलावा, कुछ अवसरों को मनाने के लिए संसद में कुछ विशेष बैठकें भी आयोजित की गई हैं. आइए, उन पर एक नजर डालते हैं :

संविधान दिवस मनाने के लिए 26 और 27 नवंबर, 2015 को विशेष बैठकें (विशेष सत्र से भ्रमित न हों) आयोजित की गईं.

हालांकि, इसके बाद 30 नवंबर, 2015 से नियमित शीतकालीन सत्र शुरू हुआ, इसलिए इन दो दिनों को विशेष बैठक के रूप में बुलाया गया.

9 अगस्त, 2017 को चल रहे मानसून सत्र के बीच भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए एक विशेष बैठक आयोजित की गई थी.

सूत्रों ने बताया कि मौजूदा शीतकालीन सत्र के बीच संविधान की 70वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 26 नवंबर, 2019 को संसद के सेंट्रल हॉल में एक और विशेष बैठक आयोजित की गई थी.

विदेश की खबरें | नक्शा विवाद को लेकर काठमांडू के मेयर ने चीन यात्रा रद्द की

काठमांडू, 31 अगस्त काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के मेयर बालेंद्र शाह ने नेपाल के नए राजनीतिक मानचित्र को स्वीकार करने में चीन की विफलता पर वहां की अपनी पूर्व निर्धारित यात्रा रद्द कर दी है।
शाह को चीन में आयोजित एक सांस्कृतिक उत्सव के समापन समारोह में भाग लेने के लिए वहां जाना था।
सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में, मेयर शाह ने कहा कि उन्होंने चीन द्वारा सोमवार को एक नया नक्शा जारी किए जाने की पृष्ठभूमि में अपनी यात्रा रद्द कर दी है। चीन के नये नक्शे में लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख क्षेत्रों को भारत के हिस्से के रूप में दिखाया गया है जबकि नेपाल इन्हें अपना हिस्सा मानता है।
काठमांडू के मेयर ने कहा, ”नेपाल से पूछे बिना नेपाली क्षेत्र को भारत का बताने को हम अपनी संवेदनशीलता के खिलाफ एक गलत कदम मानते हैं।”
उन्होंने कहा, ”इसलिए, नैतिकता के आधार पर मैंने चीन के निमंत्रण पर पांच दिवसीय यात्रा पर नहीं जाने का फैसला किया है।”
काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी (केएमसी) के प्रवक्ता नवीन मनंधर के मुताबिक, यात्रा निजी कारणों से रद्द कर दी गई।
कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के बाद उप महापौर सुनीता डांगोल पहले ही चीन से लौट आई हैं।
काठमांडू द्वारा 2020 में एक नया राजनीतिक मानचित्र प्रकाशित किए जाने के बाद भारत और नेपाल के बीच संबंधों में तनाव आ गया था, जिसमें तीन भारतीय क्षेत्रों – लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख – को नेपाल के हिस्से के रूप में दिखाया गया था।
उसी साल, नेपाल की तत्कालीन राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने देश के नए राजनीतिक मानचित्र को अद्यतन करने के लिए एक संविधान संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर किये जिसमें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण तीन भारतीय क्षेत्रों को शामिल किया गया।
भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे “एकतरफा कृत्य” बताया और काठमांडू को आगाह किया कि क्षेत्रीय दावों का ऐसा “कृत्रिम विस्तार” उसे स्वीकार्य नहीं होगा।

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