खेल की खबरें | 15 से 20 रन और बनते तो अच्छा रहता: धोनी

अहमदाबाद, 31 मार्च चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने इंडियन प्रीमियर लीग 2023 के पहले मैच में शुक्रवार को यहां गत चैंपियन गुजरात टाइटंस के खिलाफ पांच विकेट की हार के बाद कहा कि अगर उनकी टीम 15 से 20 रन और बनाती तो अच्छा रहता।
सुपरकिंग्स के 179 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए गुजरात की टीम ने सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल (36 गेंद में 63 रन) के अर्धशतक से चार गेंद शेष रहते पांच विकेट पर 182 रन बनाकर जीत दर्ज की।
सुपरकिंग्स ने इससे पहले सलामी बल्लेबाज रुतुराज गायकवाड़ (50 गेंद में 92 रन, नौ छक्के, चार चौके) के अर्धशतक से सात विकेट पर 178 रन बनाए। हालांकि उनके अलावा सिर्फ मोईन अली (23) ही 20 रन के आंकड़े को पार कर पाए।
गुजरात की ओर से लेग स्पिनर राशिद खान ने 26, मोहम्मद शमी ने 29 जबकि अल्जारी जोसेफ ने 33 रन देकर दो-दो विकेट चटकाए।
धोनी ने मैच के बाद कहा, ‘‘15 से 20 रन और बनते तो अच्छा होता। हम सभी जानते थे कि थोड़ी ओस होगी। मैच शाम साढ़े सात बजे शुरू होना था इसलिए गेंद शुरुआत में थोड़ी रुककर आती है। साथ ही हम बीच के ओवरों में बेहतर बल्लेबाजी कर सकते थे।’’
रुतुराज की सराहना करते हुए धोनी ने कहा, ‘‘रुतु को बल्लेबाजी करते हुए देखना शानदार होता है। उसने खुद को बहुत अच्छी तरह से तैयार किया है और दबाव में सही फैसले करता है।’’
चेन्नई के गेंदबाजों ने दो नोबॉल फेंकी जिस पर धोनी ने कहा कि उन्हें इससे बचना होगा क्योकि यह उनके नियंत्रण में है।

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कल बरनाला रोड पर एक ऑल्टो और स्कोडा में टक्कर हुई। … – Latest Tweet by ANI Hindi News

देश की खबरें | राजस्‍थान में फसलों को नुकसान की विशेष गिरदावरी होगी

जयपुर, 31 मार्च राजस्‍थान में बारिश व ओलावृष्टि से फसल खराब होने का शीघ्र आकलन होगा। मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने विशेष गिरदावरी (आकलन) के निर्देश दिए हैं।
एक सरकारी प्रवक्‍ता ने बताया कि मुख्यमंत्री गहलोत ने राज्‍य में हुई बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि से विभिन्न जिलों में रबी की फसलों को लगातार हुए नुकसान की विशेष गिरदावरी शीघ्र करवाकर किसानों को राहत देने के निर्देश दिए हैं।
गहलोत ने निर्देश दिए हैं कि फसल खराबे का आकलन कर प्रभावित किसानों को नियमानुसार मुआवजा देने के लिए विशेष गिरदावरी का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
साथ ही, प्रभावित क्षेत्रों में फसलों की गिरदावरी अविलम्ब करवाकर फसलों के नुकसान की रिपोर्ट भिजवाने के भी निर्देश दिए, ताकि प्रभावित किसानों को तत्काल सहायता उपलब्ध करवायी जा सके।
उल्‍लेखनीय है कि पश्चिमी विक्षोभ के चलते राज्‍य के अनेक इलाकों में बेमौसम बारिश से फसलों को नुकसान के समाचार हैं।

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देश की खबरें | हावड़ा हिंसा को लेकर भाजपा और टीएमसी के बीच जुबानी जंग

कोलकाता, 31 मार्च पश्चिम बंगाल के हावड़ा शहर में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा को लेकर शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच जुबानी जंग छिड़ गई।
भाजपा ने दावा किया कि सत्तारूढ़ पार्टी की ”तुष्टीकरण की राजनीति” के कारण यह घटना हुई।
दूसरी ओर, टीएमसी ने आरोप लगाया कि राजनीतिक लाभ के लिए समाज का ध्रुवीकरण करने की भाजपा की साजिश के तहत ऐसा हुआ।
नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने प्रेस वार्ता में कहा कि हिंसा ममता बनर्जी सरकार की कथित तुष्टिकरण की राजनीति का नतीजा थी जो “राष्ट्र-विरोधी ताकतों” पर लगाम लगाने में विफल रही है।”
अधिकारी ने कहा कि वह घटना की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच कराने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख करेंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को हिंसा को नियंत्रित करने में विफलता के लिए पद छोड़ देना चाहिए और “हिंदुओं की संपत्तियों पर हमले के लिए उनसे माफी मांगनी चाहिए।”
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि शांति और सद्भाव को भंग करने के भाजपा के प्रयासों के तहत पुलिस की अनुमति के बिना शोभायात्रा निकाली गई।
उन्होंने यह दावा भी किया कि खुफिया जानकारी से पता चलता है कि काजीपाडा में हिंसा भाजपा द्वारा रची गई एक गहरी साजिश थी जो लोगों को राजनीतिक लाभ के लिए धर्म के आधार पर विभाजित करना चाहती है।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल के हावड़ा शहर में बृहस्पतिवार की शाम रामनवमी के मौके पर शोभायात्रा निकाले जाने के दौरान दो समूहों के बीच हिंसा हो गयी थी। घटना तब हुई, जब शोभायात्रा काजीपाडा इलाके से गुजर रही थी। हिंसा के दौरान कई दुकानों और ऑटो-रिक्शा में तोड़फोड़ की गई, जबकि कुछ पुलिस वाहनों सहित कई कार में आग लगा दी गई थी।

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देश की खबरें | सरकारी धन से संचालित मदरसों में मजहबी शिक्षा कैसे दी जा सकती है : अदालत

लखनऊ, 31 मार्च इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने केंद्र व राज्य सरकार से मदरसों में मजहबी शिक्षा दिए जाने के संबंध में पूछा है कि सरकारी धन से संचालित मदरसों में मजहबी शिक्षा कैसे दी जा सकती है।
न्यायालय ने यह भी बताने को कहा है कि क्या यह संविधान में प्रदत्त तमाम मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं है। न्यायालय ने जवाब देने के लिए छह सप्ताह का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने यह आदेश जौनपुर के एजाज अहमद की सेवा संबंधी याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया।
अपने आदेश में न्यायालय ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार बताएं कि सरकारी खर्चे पर या सरकार द्वारा वित्त पोषित करते हुए, मजहबी शिक्षा कैसे दी जा रही है।
न्यायालय ने यह भी पूछा कि क्या यह संविधान के कुछ अनुच्छेदों का उल्लंघन नहीं है। न्यायालय ने कहा कि सचिव, अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय, भारत सरकार व प्रमुख सचिव, अल्पसंख्यक कल्याण व वक्फ, याचिका पर जवाब देने के साथ-साथ हलफनामा दाखिल करते हुए उपरोक्त प्रश्नों के भी उत्तर दें।
याचिकाकर्ता ने खुद को वेतन न दिए जाने का मुद्दा उठाते हुए न्यायालय से हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। याची का कहना है कि वह जौनपुर के शुदनीपुर स्थित एक मदरसे में पढ़ाता है और उसे वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
न्यायालय ने याची के मामले पर यह भी आदेश दिया है कि यदि याची उक्त मदरसे में पढ़ाता है व उक्त मदरसा सरकार से धन प्राप्त करता है तो उसके छह अप्रैल 2016 के नियुक्ति पत्र के अनुसार उसे वेतन का भुगतान किया जाए।

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अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में इंडियन प्रीमियर लीग-2023 के पहले मैच में गुजरात टाइटन्स ने चेन्नई सुपर किंग्स … – Latest Tweet by IANS Hindi

IPL 2023, GT vs CSK: लीग के पहले मुकाबले में गुजरात टाइटंस ने चेन्नई सुपर किंग्स को 5 विकेट से हराया, शुभमन गिल का शानदार प्रदर्शन

अहमदाबाद: सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल (Shubman Gill) के अर्धशतक से गत चैंपियन गुजरात टाइटंस (Gujarat Titans) ने इंडियन प्रीमियर लीग 2023 (Indian Premier League) में अपने अभियान का आगाज जीत के साथ करते हुए शुक्रवार को यहां चेन्नई सुपरकिंग्स (Chennai Super Kings) को पांच विकेट से हराया. सुपरकिंग्स के 179 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए गुजरात की टीम ने गिल (36 गेंद में 63 रन) के अर्धशतक से चार गेंद शेष रहते पांच विकेट पर 182 रन बनाकर जीत दर्ज की जो इस टीम के खिलाफ तीन मैचों में उसकी तीसरी जीत है.

सुपरकिंग्स ने इससे पहले सलामी बल्लेबाज रुतुराज गायकवाड़ (50 गेंद में 92 रन, नौ छक्के, चार चौके) के अर्धशतक से सात विकेट पर 178 रन बनाए. उनके अलावा सिर्फ मोईन अली (23) ही 20 रन के आंकड़े को पार कर पाए. गुजरात की ओर से लेग स्पिनर राशिद खान ने 26, मोहम्मद शमी ने 29 जबकि अल्जारी जोसेफ ने 33 रन देकर दो-दो विकेट चटकाए. IPL 2023 GT vs CSK Live Score Update: रोमांचक मुकाबले में गुजरात टाइटंस ने सीएसके को 5 विकेट से रौंदा, सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल ने खेली शानदार पारी

सुपरकिंग्स ने आईपीएल के नए नियम ‘इंपेक्ट प्लेयर’ का सबसे पहले इस्तेमाल करते हुए गुजरात की पारी की शुरुआत में अंबाती रायुडू की जगह तुषार देशपांडे (51 रन पर एक विकेट) को टीम में जगह दी. पारी के दूसरे ओवर में ही रिद्धिमान साहा ने देशपांडे की लगातार गेंदों पर छक्का और चौका मारा जबकि शुभमन गिल ने भी चौका जड़ा.

साहा ने पदार्पण कर रहे राजवर्धन हेंगरगेकर (36 रन पर तीन विकेट) पर चौका मारा लेकिन इसी तेज गेंदबाज की गेंद पर थर्ड मैन पर शिवम दुबे को कैच दे बैठे. उन्होंने 25 रन बनाए. गुजरात ने भी ‘इंपेक्ट प्लेयर’ का इस्तेमाल करते हुए क्षेत्ररक्षण के दौरान चोटिल हुए केन विलियमसन की जगह साई सुदर्शन को मैदान में उतारा.

गिल ने देशपांडे के अगले ओवर में चौका और छक्का जड़ा. गुजरात ने पावर प्ले में एक विकेट पर 65 रन बनाए. गिल और सुदर्शन ने मिशेल सेंटनर पर दो-दो चौके मारे. सुदर्शन (22) हालांकि हेंगरगेकर की ऑफ साइड से बाहर जाती गेंद से छेड़छाड़ की कोशिश में धोनी को कैच दे बैठे.

गिल ने जडेजा की लगातार गेंदों पर चौके और छक्के के साथ 11वें ओवर में टीम का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया और फिर सेंटनर की गेंद पर एक रन के साथ 30 गेंद में अर्धशतक पूरा किया. जडेजा ने गुजरात के कप्तान हार्दिक पंड्या (08) को बोल्ड करके सुपरकिंग्स को वापसी दिलाने का प्रयास किया.

गिल 57 रन के स्कोर पर भाग्यशाली रहे जब देशपांडे की गेंद पर गायकवाड़ ने उनका कैच टपका दिया और गेंद छह रन के लिए चली गई. वह हालांकि इस जीवनदान का फायदा नहीं उठा पाए और अगली गेंद पर गायकवाड़ को ही कैच दे बैठे. गुजरात को अंतिम पांच ओवर में जीत के लिए 41 रन की दरकार थी लेकिन अगले दो ओवर में सिर्फ 11 रन बने.

गुजरात की टीम को अब तीन ओवर में 30 रन की जरूरत थी. विजय शंकर (27) ने हेंगरगेकर पर छक्का जड़ा लेकिन एक गेंद बाद लांग ऑफ पर डेवोन कॉनवे के हाथों लपके गए. इस ओवर में भी सिर्फ सात रन बने. राशिद खान (नाबाद 10) ने 19वें ओवर में चाहर की लगातार गेंदों पर छक्के और चौके के साथ गुजरात का पलड़ा भारी किया.

गुजरात को देशपांडे के अंतिम ओवर में आठ रन की जरूरत थी और राहुल तेवतिया (नाबाद 15) ने लगातार गेंदों पर छक्का और चौका जड़कर टीम को जीत दिला दी. इससे पहले पंड्या ने टॉस जीतकर गेंदबाजी करने का फैसला किया और शमी ने तीसरे ओवर में ही डेवोन कॉनवे (01) को बोल्ड कर दिया.

गायकवाड़ शुरुआत से ही अच्छी लय में दिखे. उन्होंने पंड्या पर दो चौके जड़ने के बाद बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जोश लिटल का स्वागत लगातार गेंदों पर चौके और छक्के के साथ किया. मोईन ने भी शमी के ओवर में दो चौके और एक छक्का मारा. मोईन ने राशिद पर चौके के साथ छठे ओवर में टीम का स्कोर 50 रन तक पहुंचाया लेकिन अगली गेंद पर विकेटकीपर साहा को कैच दे बैठे.

राशिद ने अगले ओवर में बेन स्टोक्स (07) को भी साहा के हाथों कैच कराके सुपरकिंग्स का स्कोर तीन विकेट पर 70 रन किया. गायकवाड़ ने पंड्या पर लगातार दो छक्के जड़े और फिर जोसेफ पर तीन छक्कों के साथ सिर्फ 23 गेंद में अर्धशतक पूरा किया. गायकवाड़ ने लिटल पर छक्के के साथ 11वें ओवर में टीम के रनों का सैकड़ा पूरा किया.

अंबाती रायुडू (12) ने यश दयाल की गेंद को दर्शकों के बीच पहुंचाया लेकिन लिटल ने उन्हें बोल्ड करके अपना पहला आईपीएल विकेट हासिल किया. शिवम दुबे बिलकुल भी लय में नजर नहीं आए और उनकी धीमी बल्लेबाजी का खामियाना टीम ने गायकवाड़ का विकेट गंवाकर उठाया जो जोसेफ की फुलटॉस पर गिल को कैच दे बैठे. रविंद्र जडेजा (01) भी इसी ओवर में बाउंड्री पर विजय शंकर को कैच दे बैठे. दुबे (19) ने शमी पर छक्का जड़ा लेकिन अगली गेंद को हवा में लहराकर राशिद को कैच दे बैठे. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (सात गेंद में नाबाद 14) ने अंतिम ओवर में लिटल की लगातार गेंदों पर छक्का और चौका मारकर स्कोर 180 रन के करीब पहुंचाया.

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ऊंची उड़ान वाली पतंगों से पवन ऊर्जा को पकड़ने की कोशिश

बहुत ऊंचाई पर बहने वाली हवा अक्सर अक्षय ऊर्जा का ऐसा स्रोत है जिसका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. हालांकि इस स्रोत तक पहुंचने के लिए कोशिशें तेजी से जारी हैं.किसी बच्चे के लिए पतंग उड़ाने का काम बेहद रोमांचक होता है, दौड़ना और मांझे को खींचना ताकि वो हवा में और ऊपर जाए, इतना ऊपर जहां वो अपनी ही धुन पर नाच सके.

युवा कल्पनाओं को लुभाने वाली वही हवाएं अब उन शोधकर्ताओं पर भी जादू दिखा रही हैं जो ऊंचाई वाली हवाओं पर काम कर रहे हैं. 200 मीटर या उससे भी ज्यादा ऊंचाई पर हवाएं जमीन के आस-पास की तुलना में काफी तेज होती हैं.

ये हवाएं इतनी तेज होती हैं कि हम इनसे अपनी जरूरत से ज्यादा बिजली पैदा कर सकते हैं. वास्तव में जितना हम जमीन पर टर्बाइन चलाकर हवा से बिजली पैदा करते हैं, उससे भी ज्यादा. हवा की रफ्तार के दोगुना हो जाने से वह आठ गुना ज्यादा बिजली पैदा कर सकती है.

एक पवनचक्की लगाने में 7 साल का वक्त

यूनिवर्सिटी ऑफ फ्राइबुर्ग में माइक्रोसिस्टम इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख मोरित्स डील कहते हैं कि ऊंचाई वाली हवाओं का उपयोग भविष्य में अक्षय ऊर्जा के उत्पादन की ‘सबसे आशाजनक' तकनीक है.

वो कहते हैं, "आप परंपरागत टर्बाइनों के ऊपर सारा आकाश देखते हैं और आपको लगता है कि ये सारी पवन ऊर्जा सिर्फ यहीं बह रही है और यह इस्तेमाल नहीं हो रही है.”

जर्मन पवन ऊर्जा कंपनी स्काईसेल्स-पॉवर के सीईओ स्टीफेन रेज इसे बदलना चाहते हैं और ‘अब तक के इस सबसे बड़े अप्रयुक्त अक्षय ऊर्जा स्रोत को दुनिया भर में' व्यापक इस्तेमाल के लिए पहुंचाना चाहते हैं.

ऐसा करने वाले वो अकेले नहीं हैं. कई साल से, इंजीनियर, कई स्टार्ट अप्स और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां ऊंचाई वाली हवाओं को कम कीमत पर जमीन पर उतारने की होड़ में लगी हुई हैं. कई तो इस प्रयास में असफल हो चुके हैं और कुछ तो दिवालिया तक हो चुके हैं. लेकिन अन्य लोग अपने फ्लाइंग पॉवर प्लांट को मार्केट में लाने के लिए लगभग तैयार हैं.

फ्लाइंग विंड टर्बाइन

इस तरह ध्यान आकर्षित वाले पहले प्रोजेक्ट को अमरीकी कंपनी अल्टेरॉस ने साल 2010 में लॉन्च किया था. उनका प्रोटोटाइप हीलियम गुब्बारे से लगा एक जेनरेटर था या यों कहें कि यह बिना किसी भारी आधार और टॉवर का एक विंड टर्बाइन था.

इसका परीक्षण अलास्का में किया गया और इसे जमीन से एक केबल के जरिए कनेक्ट किया गया था. कंपनी के मुताबिक, इसके जरिए 600 मीटर की ऊंचाई पर करीब पचास परिवारों के लिए बिजली पैदा की गई.

3 साल में पवन ऊर्जा क्षमता को दोगुना करेगी चीन

लगभग उसी समय जर्मन कंपनी स्काईसेल्स ने पूरे कंटेनर शिप्स को खींचने के लिए हाई-अल्टीट्यूड पतंग बनाया. इसके पीछे विचार था कि इंजन चलाने के लिए दस फीसदी तक डीजल बचाया जा सकता है.

हालांकि पतंग के साथ परीक्षण सफल रहा लेकिन शिपिंग कंपनी दिवालिया हो गई और ना तो पतंग और ना ही हीलियम विंड टर्बाइन बाजार में जगह बना सके. हालांकि इन दोनों प्रोटोटाइप्स ने एक बात की ओर इशारा किया- अत्यंत ऊंचाई पर हवाओं को काटने के लिए फ्लाइंग पॉवर प्लांट की जरूरत होती है.

गूगल के निवेश से प्रचार हुआ लेकिन काम नहीं

अब यहां गूगल कदम रखती है. 2013 में इस बड़ी टेक कंपनी ने अमरीका की एयरबोर्न विंड एनर्जी कंपनी मकानी को खरीदा. कितने में खरीदा, यह पता नहीं है लेकिन इस खरीद ने इस क्षेत्र में तहलका मचा दिया. एक छोटे विमान के आकार का इनका फ्लाइंग पॉवर प्लांट करीब तीन सौ मीटर की ऊंचाई पर पहुंचा दिया गया जहां एक स्वचालित लूप में वो लगातार चक्कर लगाने लगा.

हवा की तेज गति ने पंखों पर लगे पहियों को चलाया जिससे बिजली पैदा हुई. उस समय मोरित्स डील सोच रहे थे कि ये एक वाहियात आईडिया है लेकिन यह आईडिया काम कर गया. मकानी कहते हैं कि सिर्फ एक फ्लाइंग पॉवर प्लांट ने तीन सौ परिवारों के लिए पर्याप्त बिजली पैदा कर दी.

ऐसा लग रहा था कि हर कोई सफलता की प्रतीक्षा कर रहा था जब तक कि यह यंत्र टेस्ट मिशन के दौरान समुद्र में क्रैश नहीं कर गया. गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट ने बाद में इस परियोजना को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि यह आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं है.

पर्याप्त पवन ऊर्जा आखिर मिलेगी कहां

यह अंत नहीं था, बल्कि शुरुआत थी

मकानी के अंत का मतलब हवाई पवन ऊर्जा का अंत नहीं था. कई स्टार्टअप इस दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं जो कम सामग्री के उपयोग से छोटे उपकरण बना रहे हैं. कुछ ने तो मकानी के ही दृष्टिकोण को अपनाया है जबकि दूसरों ने अपने ड्रोन को एक रस्सी से जोड़ा है जो कि जेनरेटर को खींच रहा है. कुछ दूसरे भी इसी तरह कर रहे हैं, फर्क सिर्फ यह है कि वो ड्रोन की जगह पतंग का इस्तेमाल कर रहे हैं.

इन्हीं में से एक है स्काईसेल्स-पॉवर- दिवालिया जर्मन कंपनी की उत्तराधिकारी जो कि पतंग का इस्तेमाल कर रही है. ऊर्जा उत्पादन में विशेषज्ञता के साथ इसने एक और उपकरण बनाया है जो बिजली उत्पन्न करने के लिए ‘पंपिंग साइकिल' का उपयोग करता है. पतंग अपने आप उड़ती है, खुद को हवा के खिलाफ निर्देश देती है और एक जेनरेटर से रस्सी को खोलती है. यह 8 की आकृति में उड़ते हुए लगातार रस्सी को खींचती है और इसी से बिजली पैदा होती है.

पतंग को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह कई घंटे, कई दिन और यहां तक कि हफ्ते हवा में रह सकती है. खराब मौसम या फिर खतरनाक स्थिति में एक अलार्म बजता है और इसे वापस बुलाया जा सकता है.

मौजूदा पवन ऊर्जा को बदलने कि लिए डिजाइन नहीं किया गया है

हालांकि इस क्षेत्र में काफी निवेश और एअर ट्रैफिक से संबंधित कई तरह के क्लियरेंस की जरूरत है, लेकिन रेज (Wrage) कहते हैं कि यह तकनीक दुनिया भर में 1.4 अरब लोगों की मदद कर सकती है जो बिना बिजली के रहते हैं और अपने घरों को रोशन करने के लिए अक्सर डीजल वाले जेनरेटर का इस्तेमाल करते हैं.

विंड इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के एक अध्ययन के मुताबिक, हवाई पवन ऊर्जा डीजल की तुलना में काफी सस्ती हो सकती है और यहां तक कि परंपरागत पवन ऊर्जा से भी ज्यादा सस्ती हो सकती है.

स्काईसेल्स-पॉवर इस समय इस क्षेत्र की अग्रणी कंपनी है. कंपनी ने अपनी पहली यूनिट मॉरिशस को बेची है. कंपनी पूर्वी अफ्रीका में एक हाई-अल्टीट्यूड विंड हब बनाना चाहती है और समुद्र तट पर काइट विंड फार्म्स का संचालन करना चाहती है.

स्काईसेल्स का कहना है कि इस तरह की सिर्फ एक पतंग पांच सौ परिवारों तक के लिए बिजली पैदा कर सकती है और इसमें परंपरागत विंड टर्बाइन्स की तुलना में 90 फीसदी कम चीजों की जरूरत पड़ती है. इसके अलावा और भी कई फायदे हैं. इसे किसी एक जगह पर फिक्स करने की भी जरूरत नहीं पड़ती.

डील कहते हैं, "आप इन्हें जंगल के ऊपर भी ऑपरेट कर सकते हैं. यदि ऊपर पक्षियों का झुंड जा रहा हो तो आप इनके ऑपरेशन को उस वक्त बंद भी कर सकते हैं या फिर पतंग को नीचे उतार सकते हैं.”

डेल्फ्ट यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में एरोस्पेस इंजीनियरिंग रिसर्चर ऋषिकेश जोशी कहते हैं, "तकनीक में बदलाव लाने में अभी भी कुछ साल लग जाएंगे. पवन ऊर्जा उद्योग को भी इतना सस्ता बनने में करीब चालीस साल लग गये.”

इस बीच, परंपरागत टर्बाइन अपना काम कर रही हैं. और हवाई पवन ऊर्जा सेक्टर के इतने एडवांस होने के बावजूद, मौजूदा टर्बाइनों को बदलने का कोई विचार नहीं है बल्कि आईडिया यह है कि हवा का ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो.

भारत के लिए खतरे की घंटी है भूटान के रुख में आया बदलाव

भूटान के प्रधानमंत्री लोते शेरिंग ने कहा है कि डोकलाम विवाद को सुलझाने में भूटान, भारत और चीन बराबर के साझेदार हैं और तीनों देशों को मिलकर इसका हल निकालना होगा. भूटान के ताजा रुख ने केंद्र सरकार की चिंता बढ़ा दी है.भूटान का रुख भारत के लिए झटके से कम नहीं है. भारत मानता है कि चीन ने अवैध रूप से इस इलाके पर कब्जा किया है. छह साल पहले डोकलाम में चीनी सैनिकों के अतिक्रमण को लेकर भारत-चीन के बीच तनाव काफी बढ़ गया था और लंबे समय तक भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने थे. दोनों देशों के बीच लंबी कूटनीतिक वार्ता के बाद डोकलाम में चीनी सैनिक पीछे हटे थे.

भूटान का ताजा बयान

भूटान के प्रधानमंत्री ने हाल में बेल्जियम के एक अखबार ला लिबरे को दिए गए इंटरव्यू में डोकलाम पर अपना रुख एकदम बदल लिया है. शेरिंग ने कहा है कि डोकलाम विवाद को हल करने में चीन की भी समान भूमिका है. भारत, चीन और भूटान पर इस विवाद का समाधान तलाशने की समान जिम्मेदारी है.भूटानी प्रधानमंत्री ने वर्ष 2019 में अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू' को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि डोकलाम में कोई भी देश एकतरफा तौर पर बदलाव नहीं कर सकता.

भूटान घूमना है तो भारतीय सैलानियों को पैसा देना होगा

इससे पहले भूटान ने दावा किया था कि चीन ने उसकी सीमा में कोई गांव नहीं बसाया है. जबकि वर्ष 2020 में सामने आने वाली कुछ सैटेलाइट तस्वीरों में दावा किया गया था कि चीन ने भूटान की सीमा के दो किलोमीटर के अंदर तक गांव बना लिए हैं. हालांकि उस वक्त भूटान सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई थी. लेकिन अब भूटान के प्रधानमंत्री ने इस दावे को खारिज कर दिया है.

क्या है डोकलाम विवाद

डोकलाम भूटान के क्षेत्र में आता है. भारत शुरू से डोकलाम में चीनी घुसपैठ का विरोध करता रहा है. डोकलाम रणनीतिक तौर पर अति संवेदनशील सिलीगुड़ी कॉरिडोर के करीब है. यहां इसे चिकेन नेक कहा जाता है. यही संकरी पट्टी देश के बाकी हिस्सों को पूर्वोत्तर से जोड़ती है.

सामरिक विशेषज्ञों का कहना है कि किसी संभावित युद्ध की स्थिति में सिलीगुड़ी कॉरीडोर को बंद कर पूर्वोत्तर से संपर्क काटना चीन की रणनीति का हिस्सा हो सकता है. यही वजह थी कि जब वर्ष 2017 में चीन ने डोकलाम में सड़क बनाने का काम शुरू किया था तो भारत ने उसे रोक दिया था. तब कोई दो महीने दोनों देशों की सेना आमने-सामने अड़ी रही थी.

उसके बाद से ही यह मामला विवाद के केंद्र में रहा है. चीन चाहता है कि तीनों देशों की सीमाएं जहां मिलती हैं उस जगह को बटांग ला के सात किलोमीटर दक्षिण की ओर बढ़ा दिया जाए. अगर ऐसा होता है तो पूरा डोकलाम इलाका कानूनी तौर पर चीन के कब्जे में चला जाएगा.

वर्ष 1890 के सिक्किम-तिब्बत सीमा समझौते के तहत 14,300 फीट की ऊंचाई पर स्थित माउंट गिपमोची को तिब्बत और सिक्किम की सीमा माना गया था. वर्ष 1904 में अंग्रेजों ने तिब्बत पर कब्जा कर लिया और वर्ष 1906 के एक समझौते के तहत चुम्बी घाटी को तिब्बत को सौंप दिया गया. यह घाटी बटांग ला में डोकलाम के पठार के उत्तरी हिस्से सटी है.

चीन और भूटान की बढ़ती नजदीकियां

भूटान और चीन के रिश्तो में हाल के वर्षो में नजदीकियां बढ़ी हैं. इस साल फरवरी में एक भूटानी प्रतिनिधिमंडल ने सीमा विवाद पर बातचीत के लिए चीन का दौरा किया था. अब जल्दी ही चीन की एक तकनीकी टीम भूटान के दौरे पर आने वाली है. भूटानी प्रधानमंत्री ने कहा है कि कुछ बैठकों के बाद दोनों देश एक सीमा रेखा खींचने पर सहमत हो जाएंगे.

भारत को डर है कि अगर भूटान ने डोकलाम पठार चीन को सौंप दिया तो सामरिक रूप से अहम इस इलाके में चीन की स्थिति बेहद मजबूत हो जाएगी. इससे चीन संवेदनशील सिलीगुड़ी कारीडोर पर निगाह रख सकेगा. चीन ने वर्ष 2012 में तीनों देशों को जोड़ने वाले इलाके पर यथास्थिति बहाल रखने का वादा किया था. लेकिन भूटान के रवैए की वजह से वह अपने वादे से पीछे हट जाएगा.

वर्ष 2017 की तनातनी के बाद डोकलाम में पीछे हटने पर चीनी सेना ने अमो चू नदी घाटी सटे भूटानी इलाके में में घुसपैठ की थी. यह जगह डोकलाम के नजदीक और सीधे पूर्व में है. यहां चीन ने कई गांवों का निर्माणकिया है. उन्होंने इस क्षेत्र को जोड़ने के लिए एक सड़क भी बनाई है जबकि यह इलाका शुरू से ही भूटान का हिस्सा रहा है.

अब ऐसे संकेत हैं कि भूटान को उस क्षेत्र को चीन को सौंपने के लिए मजबूर किया गया हो सकता है. शायद यही वजह है कि भूटानी प्रधानमंत्री ने उस इलाके से यह कह पल्ला झाड़ लिया है कि चीन ने भूटान की सीमा के भीतर कोई गांव नहीं बसाया है.

अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विशेषज्ञ प्रोफेसर जीवन लामा कहते हैं, "चीन और भूटाने के रिश्ते बदल रहे हैं. चीन ने कभी भूटान की जमीन पर दावा किया था. लेकिन अब प्रधानमंत्री शेरिंग के बयान से साफ है कि दोनों देशों में जरूर कोई खिचड़ी पक रही है."

सामरिक विशेषज्ञ के.बी. भूटिया कहते हैं, डोकलाम इलाका सामरिक रूप से भारत के लिए बेहद अहम है. इसे किसी भी स्थिति में चीन के कब्जे में नहीं जाने देना चाहिए. अगर ऐसा होता है तो देश और खासकर पूर्वोत्तर की सुरक्षा पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा हो जाएगा."

देश की खबरें | कानपुर में बहुमंजिला टावर में लगी आग, करीब 800 दुकानें जलकर खाक

कानपुर (उप्र), 31 मार्च उत्तर प्रदेश में कानपुर नगर पुलिस आयुक्तालय के बांसमंडी इलाके में एक बहुमंजिला वाणिज्यिक टावर में भीषण आग लग गई और यह आसपास के कई टावर तक फैल गयी। आग की चपेट में आकर करीब 800 दुकानें जलकर खाक हो गईं। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार की मध्यरात्रि को आग लगी। आग एआर (अफाक रसूल) टावर से शुरू हुई और तेजी से मकसूद, हमराज कॉम्प्लेक्स और नफीस टावर में भी फैल गई, जिससे इन चारों टावर में स्थित लगभग 800 दुकानें आग की चपेट में आ गईं।
अधिकारियों ने देर शाम बताया कि कानपुर और पड़ोसी जिलों के दमकल अधिकारियों की कोशिशों के बावजूद देर शाम तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका।
प्रथम दृष्टया तेज आंधी के बाद शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी है।
पुलिस आयुक्त बी.पी. जोगदंड ने कहा, “लगभग 20 घंटे से आग बुझाने के प्रयास जारी हैं। अभियान में 60 दमकल गाड़ियों को लगाया गया है, जिन्हें आग बुझाने के लिए 400 से अधिक बार ‘रिफिल’ किया गया है।’’
वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, आग में करीब 150 करोड़ रुपए का सामान और नकदी जलकर खाक हो गई।
जिलाधिकारी विशाल जी. अय्यर ने बताया कि अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) राजेश कुमार की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जो नुकसान का आकलन और आग लगने के कारणों की जांच करेगी। समिति में अपर नगर आयुक्त, संयुक्त निदेशक व्यापार कर और मुख्य अग्निशमन अधिकारी शामिल हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश के बाद समिति का गठन किया गया है। पाठक ने घटना स्थल का निरीक्षण किया और उन दुकानदारों से मुलाकात की, जिनकी दुकानें और प्रतिष्ठान आग में नष्ट हो गए।
उपमुख्यमंत्री ने कारोबारियों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
पाठक ने पत्रकारों से कहा कि आग पर काबू पाने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि राहत एवं बचाव अभियान के दौरान किसी को नुकसान नहीं पहुंचे।
पाठक ने कहा, “दुख की इस घड़ी में हमारी सरकार व्यापारियों के साथ खड़ी है और हम उन्हें (व्यापारियों को) अकेला नहीं छोड़ेंगे।”
पाठक ने कहा कि मंडलायुक्त और पुलिस आयुक्त को आग से हुए नुकसान की संयुक्त रूप से सरकार को रिपोर्ट देने को कहा गया है।
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि कपड़ा बाजार में आग व्यापारियों के लिए एक और बड़ा झटका है, जो पहले से ही नोटबंदी, जीएसटी छापे और मंदी का दंश झेल रहे हैं।
यादव ने प्रदेश सरकार से व्यापारियों को हुए नुकसान का आकलन करने के बाद सही मुआवजे की घोषणा करने का अनुरोध किया।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) आनंद प्रकाश तिवारी ने पीटीआई- को बताया कि सभी चार टावरों की दुकानें जलकर खाक हो गईं और करोड़ों का सामान पूरी तरह से नष्ट हो गया।

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