नयी दिल्ली, 28 फरवरी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भरोसेमंद सहयोगियों मनीष सिसोदिया एवं सत्येंद्र जैन ने उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच मंगलवार को कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आम आदमी पार्टी (आप) पर अपने हमले तेज कर दिए।
उच्चतम न्यायालय ने आबकारी नीति मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका पर विचार करने से मंगलवार को इनकार कर दिया। इसके तुरंत बाद सिसोदिया और जैन ने इस्तीफा दे दिया। सिसोदिया वर्तमान में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में हैं।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने कहा, ‘‘हम मौजूदा स्थिति में अनुच्छेद 32 के तहत याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं।’’
पीठ ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि घटना दिल्ली में हुई है, सिसोदिया सीधे शीर्ष अदालत में नहीं आ सकते हैं। पीठ ने कहा कि उनके पास संबंधित निचली अदालत के साथ-साथ दिल्ली उच्च न्यायालय के पास जाने के भी उपाय हैं।
केजरीवाल ने सिसोदिया और जैन के इस्तीफे स्वीकार कर लिए। इसके कुछ घंटों बाद ‘आप’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ‘‘बहुत जल्द’’ दो नए मंत्री नियुक्त किए जाएंगे।
भारद्वाज ने कहा, ‘‘दिल्ली में मंत्रिमंडल काफी छोटा है और ज्यादातर महत्वपूर्ण विभाग सत्येंद्र जैन तथा मनीष सिसोदिया के पास थे। काम में पिछड़ने से बचने के लिए बहुत जल्द दो नए मंत्रियों को नियुक्त किया जाएगा।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ‘‘विकास के लिए निरंतर काम करने वाली’’ राज्य सरकारों को ‘‘निशाना’’ बना रहा है।
आप नेता ने कहा, ‘‘यह पूरे देश के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपने काम के लिए पहचाने जाने वाले और लोकप्रिय नेताओं को फंसाया गया। केंद्र उन राज्य सरकारों पर निशाना साध रहा है, जो विकास के लिए कड़ी मेहनत और निरंतर काम करती हैं।’’
प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन के एक मामले में जैन को पिछले साल मई में गिरफ्तार किया था। इसके बाद से विपक्षी भाजपा उनके इस्तीफे की मांग कर रही थी।
सिसोदिया भी अगस्त 2022 में आबकारी नीति घोटाले में उनका नाम सामने आने पर जांच के घेरे में आ गए। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने वर्ष 2021-22 के लिए शराब नीति बनाने और उसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर सिसोदिया को रविवार शाम गिरफ्तार किया था। यह नीति अब रद्द की जा चुकी है।
उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के पास दिल्ली सरकार के 33 में से 18 विभागों की जिम्मेदारी थी, जिनमें स्वास्थ्य, वित्त, शिक्षा एवं गृह विभाग शामिल थे। जैन अपनी गिरफ्तारी के बाद भी सरकार में मंत्री बने हुए थे, लेकिन उनके पास कोई विभाग नहीं था। स्वास्थ्य, गृह एवं शहरी विकास समेत उनके विभाग सिसोदिया को सौंपे दिए गए थे।
जैन की गिरफ्तारी के बाद से सिसोदिया का कार्यभार लगभग दोगुना हो गया था और उनके पास दिल्ली सरकार के अधिकतर अहम विभागों की जिम्मेदारी थी।
भाजपा ने सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद से ‘आप’ पर हमले तेज कर दिए थे और वह उनके एवं जैन के इस्तीफे की मांग कर रही थी। ‘आप’ ने इन मामलों को ‘‘फर्जी’’ बताया और कहा कि यह ‘‘राजनीतिक बदले की भावना’’ से की गई कार्रवाई है।
भाजपा ने ‘आप’ को ‘कट, कमीशन और भ्रष्टाचार’ की पार्टी करार दिया और कहा कि इसके नेताओं सिसोदिया और जैन को बहुत पहले तभी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देना चाहिए था जब भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए थे।
केजरीवाल पर निशाना साधते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जिन लोगों ने ‘‘भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के ध्वजवाहक’’ होने का दावा किया था, उन्होंने ऐसा शासन सुनिश्चित किया जिससे दिल्ली में शराब पीने वालों की संख्या बढ़े।
किसी पार्टी का नाम लिए बिना प्रसाद ने कहा कि उन्हें लगता था कि “कट और कमीशन” केवल एक राजनीतिक दल की विरासत है। उन्होंने कहा कि आप नेताओं ने अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को बदनाम किया है।
उन्होंने कहा, “उन्हें पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था। जैन और सिसोदिया को उसी समय इस्तीफा दे देना चाहिए था जब उनके खिलाफ आरोप सामने आए थे।”
दिल्ली में शराब घोटाला मामले को ‘भ्रष्टाचार का तय ‘टेक्स्ट बुक केस’ करार देते हुए प्रसाद ने कहा कि भाजपा इस मुद्दे को देश के हर कोने में उठाएगी।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के सबसे प्रमुख चेहरों में से एक को कोई छूट देने से इनकार कर दिया।
प्रसाद ने कहा, ”यह स्पष्ट रूप से सिसोदिया की याचिका के गुण-दोष को इंगित करता है कि शीर्ष अदालत ने कोई राहत देने से इनकार कर दिया।”
दिल्ली सरकार के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सिसोदिया के विभागों को राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत और समाज कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद को आवंटित किया जा सकता है।
भाजपा की दिल्ली इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, ‘‘भाजपा को संघर्ष का प्रतिफल मिला है। हम कह रहे थे कि मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को इस्तीफा देना होगा और जेल भी जाना होगा तथा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शर्मनाक स्थिति के कारण उनका इस्तीफा स्वीकार करना होगा। यह भाजपा कार्यकर्ताओं, सच्चाई की जीत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शराब घोटाला आपकी मिलीभगत से और आपकी नाक के नीचे हुआ। आप इसके लिए जिम्मेदार हैं। केजरीवाल के इस्तीफे के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा।’’
कांग्रेस ने कहा कि सिसोदिया को ‘‘साफ-साफ भ्रष्टाचार के मामले में’’ गिरफ्तार किया गया है। कांग्रेस ने केजरीवाल से भी इस्तीफा देने की मांग की।
कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी मुद्दे पर अपनी पार्टी बनाने वालों को आबकारी नीति पर उठे सवालों का जवाब देना चाहिए, जो उनके द्वारा गठित समिति की सिफारिशों के पूर्ण विपरीत बनाई गई थी।
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