विदेश की खबरें | पाकिस्तान : मस्जिद में हुए विस्फोट में मृतकों की संख्या बढ़कर 100 हुई

पेशावर, 31 जनवरी पाकिस्तान के पेशावर में सोमवार को एक मस्जिद में नमाज के दौरान हुए आत्मघाती हमले में मृतकों की संख्या बढ़कर 100 हो गई है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मंगलवार को मलबे से और शवों को निकाला गया और अब जांच कर्ता यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आत्मघाती हमलावर कैसे पेशावर शहर के सबसे सुरक्षित इलाके में दाखिल हुआ।
सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, हमलावर दोपहर की नमाज के समय अग्रिम पंक्ति में था, जब उसने विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया। विस्फोट से मस्जिद की छत गिर पड़ी, जिससे नमाज पढ़ने वाले मलबे के नीचे दब गए।
अधिकारियों ने बताया कि आत्मघाती हमलावर आगे की कतार में मौजूद था और उसने खुद को उड़ा लिया जिससे मस्जिद की छत नामजियों पर गिर गई।
लेडी रीडिंग हॉस्पिटल (एलआरएच) के प्रवक्ता मोहम्मद असीम ने कहा कि अस्पताल में 100 शव लाए गए। असीम ने कहा कि 53 घायलों का अभी इलाज जारी है, जबकि सात को गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर घायल खतरे से बाहर हैं।
घटना में हताहत हुए ज्यादातर लोग पुलिसकर्मी थे। मृतकों में कम से कम एक पुलिस उपाधीक्षक, पांच उप-निरीक्षक और मस्जिद के इमाम मौलाना साहिबजादा नूरुल अमीन शामिल थे।
पाकिस्तानी तालिबान के नाम से कुख्यात तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली और कहा कि यह पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान में मारे गए टीटीपी कमांडर उमर खालिद खुरासानी के बदले में किए गए हमले का हिस्सा था।
पेशावर पुलिस नियंत्रण कक्ष के अनुसार, 200 से अधिक घायलों को लेडी रीडिंग अस्पताल ले जाया गया।
पेशावर के कैपिटल सिटी पुलिस ऑफिसर (सीसीपीओ) एजाज खान ने ‘जियो टीवी’ को बताया कि विस्फोट स्थल से संदिग्ध आत्मघाती हमलावर का सिर बरामद किया गया है। संदिग्ध हमलावर की पहचान मोहमंद एजेंसी के सलीम खान के 37 वर्षीय पुत्र मोहम्मद अयाज के रूप में हुई है।
खान ने कहा ‘‘यह संभव है कि हमलावर विस्फोट से पहले ही पुलिस लाइन में मौजूद था और हो सकता है कि उसने (प्रवेश करने के लिए) एक आधिकारिक वाहन का इस्तेमाल किया हो।’’ उन्होंने कहा आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) मामले की जांच कर रहा है।
बचावकर्मियों ने मंगलवार को मलबे से नौ लोगों को जिंदा निकाला।
खान ने बताया, ‘‘मस्जिद में आमतौर पर 300 से 400 पुलिस कर्मी दोपहर की नमाज पढ़ते हैं। अगर धमाका पुलिस लाइन के भीतर हुआ है तो यह सुरक्षा में चूक है और जांच से इसका विस्तृत खुलासा हो सकता है।’’
हमलावर पुलिस लाइन के अंदर अत्यधिक सुरक्षित मस्जिद में घुस गया, जहां सुरक्षा के चार स्तर थे। प्रांतीय पुलिस प्रमुख मोअज्जम जाह अंसारी ने कहा कि वे विस्फोट की जांच कर रहे हैं और इस बात की भी तहकीकात कर रहे हैं कि हमलावर पुलिस लाइन इलाके में बेहद सुरक्षा वाली मस्जिद में कैसे घुसा।
उन्होंने आशंका जताई कि आत्मघाती हमलावर धमाके से पहले पुलिस लाइन में ही मौजूद हो सकता है क्योंकि भीतर परिवार के लिए सरकारी आवास बने हुए हैं।
अंसारी ने स्वीकार किया है कि यह सुरक्षा में भारी चूक है और धमाके की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।
उन्होंने मंगलवार को मीडिया को बताया कि तलाशी का कार्य पुलिस लाइन के मुख्य गेट तक सीमित था।
उन्होंने बताया कि विस्फोट में 10-12 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया और इसे निर्माण सामग्री के तौर पर पुलिस लाइन लाया गया क्योंकि यहां निर्माण कार्य चल रहा है।
धमाका स्थल के नजदीक ही पेशावर पुलिस, आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी), फ्रंटियर रिजर्व पुलिस, एलिट फोर्स और दूर संचार विभाग का मुख्यालय है।
विस्फोट की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भेज दी गई है। सुरक्षा खामियों पर गौर करने के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है।
इस बीच, मंगलवार को हमले में मारे गए उप पुलिस अधीक्षक सहित छह पुलिस कर्मियों के जनाजे की नमाज पुलिस लाइन में पढ़ी गई। इससे पहले सोमवार को 27 पुलिस कर्मियों के जनाजे की नमाज एक साथ पढ़ी गई थी।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हमले की निंदा की है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी हमले पर दुख जताया।
पिछले साल शहर के कोचा रिसलदार इलाके में एक शिया मस्जिद में ऐसे ही हमले में 63 लोगों की जान चली गयी थी। टीटीपी पाकिस्तान सरकार के साथ संघर्षविराम से पीछे हट गया है और उसने अपने आतंकवादियों को देशभर में आतंकवादी हमला करने का हुक्म जारी किया है। उस पर 2009 में सेना मुख्यालय, सैन्य अड्डों पर हमले, 2008 में मैरियट होटल में बम विस्फोट समेत कई घातक हमलों में शामिल होने का आरोप है। इसे अल कायदा का करीबी बताया जाता है।

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देश की खबरें | उपराज्यपाल के ‘अग्रसक्रिय रुख’ के कारण 6,000 शिक्षकों की नियुक्तियां हुईं: उपराज्यपाल कार्यालय

नयी दिल्ली, 31 जनवरी दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना के कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि उपराज्यपाल के ‘‘अग्रसक्रिय रुख’’ के कारण पिछले चार महीनों में दिल्ली सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में 6,000 से अधिक शिक्षकों की नियुक्तियां की गईं।
उपराज्यपाल कार्यालय ने एक बयान में कहा कि मार्च तक 2,200 और नियुक्तियां की जाएंगी।
सक्सेना के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘उपराज्यपाल के कहने पर दिल्ली सरकार के स्कूलों में केवल चार महीनों में 6,112 शिक्षकों की नियुक्तियां की गईं – अन्य 2,200 को मार्च तक नियुक्त किया जाएगा।’’
उपराज्यपाल कार्यालय के इन दावों पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
बयान में कहा गया है, ‘‘शिक्षा विभाग द्वारा डीएसएसएसबी (दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड) से अनुरोध नहीं किए जाने के कारण 24,003 शिक्षक पद रिक्त हैं।’’
उनके कार्यालय ने बयान में दावा किया, ‘‘उपराज्यपाल वी के सक्सेना के अग्रसक्रिय रवैये और निरंतर दबाव के कारण पिछले चार महीने में दिल्ली सरकार के स्कूलों में शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों, उप प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों को अभूतपूर्व गति से भरा गया।’’

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GST Collection: जीएसटी संग्रह जनवरी में 1.55 लाख करोड़ रुपए, अब तक की दूसरी सबसे बड़ी शानदार बढ़त

GST Collection: वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि जनवरी में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह बढ़कर 1.55 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया, जो अब तक का दूसरा सबसे बड़ा संग्रह है.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘जनवरी 2023 में 31 तारीख को शाम पांच बजे तक सकल जीएसटी राजस्व 1,55,922 करोड़ रुपये है। इसमें सीजीएसटी 28,963 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 36,730 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 79,599 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्रित 37,118 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 10,630 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्रित 768 करोड़ रुपये सहित) है.
जनवरी 2023 तक चालू वित्त वर्ष में राजस्व पिछले वर्ष की समान अवधि के जीएसटी राजस्व से 24 प्रतिशत अधिक है. यह तीसरी बार है कि चालू वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह ने 1.50 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया है। जनवरी 2023 में जीएसटी संग्रह अप्रैल 2022 में दर्ज किए गए 1.68 लाख करोड़ रुपये के सकल राजस्व के बाद दूसरा सबसे अधिक संग्रह है. यह भी पढ़े: Good News For Economy: बजट के पहले ख़ुशी से झूम उठने वाली खबर, भारत का जीएसटी संग्रह जनवरी 2022 में सालाना आधार पर 15 फीसदी बढ़ा
अक्टूबर-दिसंबर 2022 तिमाही में महीने के अंत तक कुल 2.42 करोड़ जीएसटी रिटर्न दाखिल किए गए, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह संख्या 2.19 करोड़ थी। मंत्रालय ने कहा कि यह अनुपालन में सुधार के लिए वर्ष के दौरान शुरू किए गए विभिन्न नीतिगत परिवर्तनों के कारण हुआ.

जनता की मांग है कि जगदलपुर और सरगुजा क्षेत्र में नई ट्रेनें चलाई जाएं। … – Latest Tweet by ANI Hindi News

देश की खबरें | अडाणी समूह ने इजराइल के हाइफा बंदरगाह का किया अधिग्रहण, नेतन्याहू ने ‘‘मील का पत्थर’’ बताया

हाइफा (इजराइल), 31 जनवरी भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले अडाणी समूह ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इजराइल के हाइफा बंदरगाह का मंगलवार को 1.2 अरब डॉलर में अधिग्रहण कर लिया। इस सौदे के तहत अडाणी समूह तेल अवीव में कृत्रिम मेधा (एआई) प्रयोगशाला भी स्थापित करेगा।
अडाणी ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मौजूदगी में हाइफा बंदरगाह के अधिग्रहण का समझौता किया और निवेश अवसरों के बारे में बात की। अमेरिकी निवेश शोध कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट में गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद अडाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई है।
नेतन्याहू ने हाइफा बंदरगाह के अधिग्रहण को ‘‘मील का पत्थर’’ बताते हुए कहा कि इससे भारत और इजराइल के बीच कई माध्यमों से संपर्क बढ़ेगा। हाइफा बंदरगाह मालवाहक पोतों के संबंध में इजराइल में दूसरा बड़ा बंदरगाह है जबकि पर्यटक पोतों के मामले में यह सबसे बड़ा बंदरगाह है।
नेतन्याहू ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह मील का पत्थर है। लगभग 100 सालों से और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों ने हाइफा शहर को आजादी हासिल करने में मदद की थी। उसी भारत के निवेशक हाइफा बंदरगाह को आजाद करने में मदद कर रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने अपने ‘‘अच्छे दोस्त’’ एवं भारतीय समकक्ष नरेन्द्र मोदी के साथ ‘‘दोनों देशों के बीच परिवहन लाइन, हवाई मार्गों और समुद्री मार्गों समेत कई माध्यमों से संपर्क बढ़ाने के बारे में चर्चा की थी… और यह आज हो रहा है।’’
उन्होंने कहा कि आज जो हो रहा है, उसका ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि ‘‘हम जो देख रहे हैं, वह शांति को बढ़ावा देता है।’’
नेतन्याहू ने कहा कि यह क्षेत्र बड़ी संख्या में सामानों के लिए एक प्रवेश बिंदु और निकास बिंदु बनेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘दरअसल, सीधे बोलूं, तो यह बहुत अच्छा निवेश है।’’
इस मौके पर अडाणी ने कहा कि उनका समूह हाइफा में रियल एस्टेट परियोजना भी विकसित करेगा। अडाणी ने कहा, ‘‘हम तेल अवीव में एक एआई प्रयोगशाला भी स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं, जो भारत और अमेरिका में स्थित हमारी नई एआई प्रयोगशालाओं के साथ करीबी सहयोग बनाकर काम करेगी।’’
अडाणी समूह ने पिछले छह साल में एल्बिट सिस्टम्स, इजराइल वेपन सिस्टम्स और इजराइल इनोवेशन अथॉरिटी जैसी कंपनियों के साथ महत्वपूर्ण साझेदारियां की हैं।

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Jharkhand Fire: धनबाद में बड़ा हादसा, आशीर्वाद टावर में लगी भीषण आग में 14 लोगों की मौत, CM सोरेन ने जताया शोक, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी (Watch Video)

Jharkhand Fire: झारखंड के धनबाद जिले में बड़ा हादसा हुआ है. शक्ति मंदिर रोड स्थित आशीर्वाद अपार्टमेंट के तीसरे फ्लोर पर मंगलवार रात भीषण आग लग गई. आग पर काबू पाने के लिए अग्निसमन की टीम मौके पर मौजूद है. आग लगने के बाद से अपार्टमेंट में काफी लोग फंसे हुए हैं जिसके चलते चारो तरह चीख पुकार मची हुई है. जानकारी के अनुसार इस हादसे में अब तक 14 लोगों की मौत हुई है. फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन अभी अभी जारी है. धनबाद में घटित इस हादसे पर सीएम हेमंत सोरेन ने दुख जताया है.

हेमंत सोरेन ने लिखा, धनबाद के आशीर्वाद टावर अपार्टमेंट में आग लगने से लोगों की मृत्यु अत्यंत मर्माहत करने वाली है. जिला प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है तथा हादसे में घायल लोगों को उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है. मैं खुद पूरे मामले को देख रहा हूं.

वहीं दूसरे ट्वीट में लिखा,परमात्मा दिवगंत आत्माओं को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवारों को दुःख की विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दे. घायलों को शीघ्र चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए हर संभव कार्य किया जा रहा है.

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देश की खबरें | मोरबी पुल का संचालन करने वाली कंपनी के प्रबंध निदेशक ने अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया, गिरफ्तार

मोरबी (गुजरात), 31 जनवरी पिछले साल मोरबी में पुल टूटने की घटना में आरोपी ओरेवा समूह के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल ने मंगलवार को एक अदालत में आत्मसमर्पण किया। पुलिस ने बताया कि पटेल को शाम में गिरफ्तार कर लिया गया।
पिछले साल 30 अक्टूबर को गुजरात के मोरबी शहर में पुल के टूट जाने से कम से कम 135 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।
पटेल की कंपनी पर पुल के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी थी। पटेल ने मोरबी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) एम जे खान की अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, जिसने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। अदालत ने कारोबारी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया और इसके बाद उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
मोरबी के पुलिस अधीक्षक राहुल त्रिपाठी ने कहा, ‘‘अदालत द्वारा हिरासत की अनुमति दिए जाने के बाद हमने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। हम उचित समय पर उनकी हिरासत का अनुरोध करेंगे।’’
पुलिस द्वारा 27 जनवरी को दाखिल आरोप पत्र में पटेल को दसवें आरोपी के रूप में नामजद किया गया था। अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा ग्रुप) मोरबी में मच्छू नदी पर ब्रिटिश काल के झूलता पुल के संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार थी, जो मरम्मत के कुछ दिनों बाद पिछले साल 30 अक्टूबर को टूट गया था।
जैसे ही ओरेवा समूह के प्रबंध निदेशक आत्मसमर्पण के लिए पहुंचे, अदालत के बाहर एकत्र पीड़ितों के नाराज परिजन उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे। आत्मसमर्पण के बाद पटेल को चिकित्सीय जांच के लिए ले जाया गया।
मोरबी के पुलिस अधीक्षक राहुल त्रिपाठी ने कहा, ‘‘जयसुख पटेल ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। हम जल्द ही अदालत से उनकी हिरासत मांगने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।’’ आत्मसमर्पण के बाद पटेल को चिकित्सकीय जांच के लिए ले जाया गया।
सीजेएम की अदालत में पुलिस उपाधीक्षक पी एस जाला द्वारा दाखिल 1,200 से अधिक पन्नों के आरोप पत्र में, पटेल का जिक्र दसवें आरोपी के रूप में किया गया था। उन्होंने गिरफ्तारी की आशंका के मद्देनजर अग्रिम जमानत याचिका भी दायर की थी।
पुल टूटने की घटना के एक दिन बाद 31 अक्टूबर को पुलिस ने मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें ओरेवा समूह के दो प्रबंधक, टिकट बेचने वाले दो क्लर्क, पुल की मरम्मत करने वाले दो उप-ठेकेदार और भीड़ प्रबंधन करने वाले तीन सुरक्षा गार्ड थे।
पटेल सहित सभी दस आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 336 (मानव जीवन को खतरे में डालने वाला कृत्य), 337 (लापरवाह कृत्य से किसी को चोट पहुंचाना) और 338 (लापरवाह कृत्य से गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत आरोप लगाया गया था।
जांच रिपोर्ट से यह भी पता चला कि अहमदाबाद के ओरेवा समूह ने मरम्मत और नवीनीकरण कार्य के बाद लोगों के लिए खोलने से पहले पुल की भार वहन क्षमता का आकलन करने के लिए किसी विशेषज्ञ एजेंसी को नियुक्त नहीं किया था।

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अपार्टमेंट में लगी आग में 14 लोगों की मृत्यु हो गई और 12 अन्य घायल हो गए। … – Latest Tweet by ANI Hindi News

देश की खबरें | औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने के फैसले से पहले आपत्तियां, सुझाव मांगे गये: अदालत

मुंबई, 31 जनवरी बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार से यह जानना चाहा कि क्या उसने राज्य में औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहरों का नया नाम रखने का फैसला करने से पहले आपत्तियां या सुझाव मांगे थे।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एस वी गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की खंड पीठ ने केंद्र सरकार को भी निर्देश दिया कि वह इस बारे में बताये कि क्या राज्य सरकार ने नाम परिवर्तन को लेकर कोई प्रस्ताव सौंपा है।
अदालत ने राज्य सरकार से सवाल किया कि नाम परिवर्तन किये जाने की अंतिम प्रक्रिया पूरी हुए बगैर क्या प्राधिकार नये नाम का उपयोग आधिकारिक पत्राचार में कर सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने पिछले साल औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदल कर क्रमश: संभाजी नगर और धाराशिव रखने को मंजूरी दी थी।
इस फैसले को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में दो जनहित याचिकाएं दायर की गई थी।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान पीठ ने केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील से सवाल किया, ‘‘क्या उसने आपत्तियां मांगी है।’’ वकील ने कहा, ‘‘हमें अभी यह प्रस्ताव प्राप्त हुआ है।’’
पीठ ने याचिकाओं की सुनवाई 15 फरवरी के लिए निर्धारित कर दी।

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