UP Assembly Elections 2022: जेडीयू यूपी की 200 सीटों पर लड़ेगी चुनाव, NDA से बात नहीं बनी तो अकेले उतरेगी मैदान में

UP Assembly Elections 2022: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई हैं. छोटी बड़ी सभी राजनीतिक पार्टियां इस चुनाव में उतरना चाहती हैं. इसी कड़ी में नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (NDA) की सहयोगी पार्टी जेडीयू की तरफ से शनिवार को बड़ा ऐलान हुआ. पार्टी की तरफ से हुए ऐलान के अनुसार जेडीयू (JDU) यूपी चुनाव में एनडीए के साथ चुनाव लड़ना चाहती हैं. लेकिन यदि एनडीए के साथ जेडीयू का सीटों का तालमेल नहीं बैठता है तो जेडीयू चुनाव मैदान में अकेले उतर सकती हैं.

यूपी चुनाव को लेकर जेडीयू नेता केसी त्यागी (KC Tyagi) ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आगामी राज्यों के चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी की तरफ से लिया गया है. हमारी प्राथमिकता एनडीए के तहत चुनाव लड़ना है. अगर हमें सम्मानजनक सीटों की संख्या मिली तो हम एनडीए के साथ लड़ेंगे नहीं तो हम अकेले लड़ेंगे. चूंकि मैं यूपी का प्रभारी हूं, इसलिए हम करीब 200 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. हम मणिपुर में भी चुनाव लड़ेंगे. जेडीयू नेता केसी त्यागी दिल्ली में जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी. यह भी पढ़े: UP Assembly Elections 2022: चुनाव से पहले मायावती का बड़ा दांव, ब्राह्मण वोट बैंक को साधने में जुटी बीएसपी

जेडीयू यूपी में लड़ेगी चुनाव:

केसी त्यागी ने बताया कि हमने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जाति आधारित जनगणना जारी रखने का प्रस्ताव पारित किया है. उन्होंने कहा कि कल यानी शुक्रवार को विपक्षी दल के नेताओं ने सीएम से मुलाकात की और इसकी मांग की है. जेडीयू का संसदीय दल भी इस मामले में प्रधानमंत्री से मुलाकात के लिए समय मांगेगा और जाति आधारित जनगणना की मांग को रखेगा.

वहीं बिहार में एनडीए गठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी (VIP) भी यूपी विधानसभा चुनाव में उतरने वाली हैं. हालांकि यूपी चुनाव में अकेले उतरेगी. वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी ने अकेले के दम पर 150 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.

देश की खबरें | टाटा संस की सहायक कंपनी ने तेजस नेटवर्क की 16.8 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी

कंपनी ने शनिवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि यह समझौता 404 करोड़ रुपये में हुआ है।
पैनाटोन ने शेयर बाजार के माध्यम से तेजस नेटवर्क के शेयरों का अधिग्रहण किया। जिसमें तेजस नेटवर्क के मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी, प्रबंध निदेशक संजय नायक समेत मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी कुमार एन शिवराजन और कार्यकारी निदेशक अर्नब रॉय के शेयरों की बिक्री शामिल है।
पैनाटोन फिनवेस्ट ने कहा, ‘‘यह आप सबको बताने के लिए है कि हमने 30 जुलाई, 2021 को तेजस नेटवर्क लिमिटेड के 1,56,97,667 इक्विटी शेयरों का अधिग्रहण किया है।’’
इससे पहले तेजस नेटवर्क ने 28 जुलाई को बताया था कि एक बहुचरणीय सौदे के तहत टाटा संस की इकाई लगभग 1,890 करोड़ रुपये में उसकी नियंत्रण हिस्सेदारी हासिल करेगी।
समझौते के तहत तेजस नेटवर्क, पैनाटोन को तरजीही आधार पर 258 रुपये प्रति शेयर की दर से 1.94 करोड़ इक्विटी शेयर जारी करेगी, जो कुल 500 करोड़ रुपये के होंगे।

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जम्मू-कश्मीर में फिर देखे गए संदिग्ध ड्रोन ने सांबा से पाकिस्तान की ओर उड़ान भरी, शुरू हुई जांच

जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर ड्रोन देखा गया है. ड्रोन दिखने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है. घटना सांबा घगवाल और चचवाल इलाके की है. यहां स्थानीय लोगों द्वारा गया कि इलाके में आज शाम सांबा घगवाल और चावल इलाकों में दो ड्रोन देखें गए हैं. इस घटना के फौरन बाद पुलिस की सूचना दी गई. वहीं इस मामले में सांबा के एसएसपी राजेश शर्मा ने बताया कि इलाके में दो ड्रोन देखें गए हैं और ड्रोन ने बाद में पाकिस्तान की ओर उड़ान भरी.

बता दें कि इससे पहले बीते दिनों जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में ही तीन अलग-अलग स्थानों पर संदिग्ध पाकिस्तानी ड्रोन मंडराते हुए देखे गए थे. इस मामले में अधिकारियों ने बताया था कि ये ड्रोन गुरुवार रात करीब साढ़े आठ बजे बारी-ब्राह्मण, चिलाद्या और गगवाल इलाकों में एक ही समय पर देखे गए थे.

उन्होंने बताया कि ये ड्रोन ऐसे समय देखे गए हैं जब करीब एक हफ्ते पहले पुलिस ने यहां पास के सीमावर्ती कनचक इलाके में पांच किलोग्राम आईईडी सामग्री ले जा रहे एक पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया था. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने पाकिस्तान की ओर लौट रहे एक ड्रोन पर चिलाद्या में कुछ गोलियां भी चलाईं थी.

इनमें से अन्य दो ड्रोन बारी ब्राह्मणा और गगवाल में जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर संवेदनशील सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर मंडराने के तुरंत बाद आसमान से गायब हो गए थे. बता दें कि बीते महीने ड्रोन से जम्मू एयर स्टेशन पर ड्रोन से हमले के बाद राज्य में ड्रोन दिखने की घटनाएं तेजी से बढ़ी है.

देश की खबरें | सैन्य वार्ता: भारत का हॉटस्प्रिंग्स, गोगरा एवं अन्य बिन्दुओं से सैनिकों की जल्द वापसी पर जोर

नयी दिल्ली, 31 जुलाई भारत ने चीन के साथ शनिवार को हुई 12वें दौर की सैन्य वार्ता में हॉट स्प्रिंग, गोगरा और पूर्वी लद्दाख में विभिन्न तनाव वाले बिन्दुओं से सैनिकों की तत्काल वापसी पर जोर दिया। सुरक्षा प्रतिष्ठानों के सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों के बीच यह वार्ता करीब नौ घंटे चली।
विस्तृत जानकारी दिए बगैर उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों के बीच विस्तृत विचार-चिमर्श और व्यापक चर्चा हुई।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीन की ओर स्थित मोल्डो सीमा बिन्दु पर हुई वार्ता के परिणाम पर अभी तक कोई औपचारिक टिप्पणी/बयान नहीं आया है। आशा की जा रही थी कि आज की वार्ता से गोगरा और हॉट स्प्रिंग से सैनिकों की वापसी प्रक्रिया की दिशा में कुछ महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रगति होगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दोनों पक्षों ने ‘‘बाकी तनाव बिन्दुओं पर शांति लाने, सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पर आगे बढ़ने और संयुक्त रूप से जमीनी स्तर पर स्थिरता बनाए रखने’’ पर चर्चा की।
सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत पूर्वाह्न साढ़े दस बजे (10:30) शुरू हुई और शाम साढ़े सात बजे (7:30) तक चली।
एक सूत्र ने बताया कि भारतीय पक्ष ने गतिरोध के तुरंत समाधान पर जोर दिया और विशेष रूप से हॉट स्प्रिंग और गोगरा से सैनिकों की जल्दी वापसी पर बल दिया।
वार्ता से पहले सूत्रों ने कहा था कि भारत को सैनिकों की वापसी प्रक्रिया को लेकर सकारात्मक परिणाम निकलने की आशा है।
भारत लगातार जोर दे रहा है कि दोनों पक्षों के बीच समग्र संबंधों के लिए देपसांग, हॉट स्प्रिंग और गोगरा सहित सभी लंबित मुद्दों के समाधान की आवश्यकता है।
आज की वार्ता साढ़े तीन महीने से भी ज्यादा समय के अंतराल पर हुई है। दोनों पक्षों के बीच 11वें दौर की सैन्य वार्ता नौ अप्रैल को एलएसी के भारतीय सीमा में चुशुल सीमा बिन्दु पर हुई थी, जो करीब 13 घंटों तक चली थी।
गौरतलब है कि 12वें दौर की सैन्य वार्ता से करीब दो सप्ताह पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से स्पष्ट रूप में कहा था कि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध जारी रहना, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है।
दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच 14 जुलाई को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) सम्मेलन से इतर करीब एक घंटे लंबी द्विपक्षीय वार्ता हुई थी।
बैठक में जयशंकर ने वांग से कहा था कि एलएसी पर कोई भी एकतरफा बदलाव भारत को ‘‘अस्वीकार्य’’ है और पूर्वी लद्दाख में शांति और स्थिरता की बहाली के बाद ही संबंध पूरी तरह विकसित हो सकेंगे।
क्षेत्र में तनाव को कम करने के लक्ष्य से सैन्य वार्ता के पिछले दौर में दोनों पक्षों ने हॉट स्प्रिंग, गोगरा और देपसांग से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। हालांकि, सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया में कोई प्रगति नहीं हुई है।
आज हुई वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह में तैनात 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने किया।
भारत और चीन की सेनाओं के बीच सीमा पर यह गतिरोध पिछले साल मई में पैंगोंग झील इलाके में संघर्ष से शुरू हुआ था और दोनों पक्षों ने उसके बाद से वहां अपने सैनिकों और भारी हथियारों की तैनाती बढ़ायी है।
फिलहाल एलएसी पर संवेदनशील सेक्टरों में दोनों पक्षों में से प्रत्येक की ओर से 50 से 60 हजार सैनिक तैनात हैं।

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विदेश की खबरें | सीपीसी है ‘सर्वेसर्वा’, आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को तेज करे चीनी सेना : शी चिनफिंग

बीजिंग, 31 जुलाई चीन के सेना दिवस की पूर्व संध्या पर देश के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शनिवार को कहा कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ‘‘सर्वेसर्वा’’ है और सेना अमेरिका की तर्ज पर 2027 तक विश्व की सर्वश्रेष्ठ सेना बनने के लिए ठोस प्रयास करे।
पिछले साल चिनफिंग (68) के नेतृत्व में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के सम्मेलन में चीनी सेना को 2027 तक अमेरिका की तर्ज पर एक पूर्ण आधुनिक सेना बनाने संबंधी योजना को अंतिम रूप दिया गया था।
पिछले साल अक्टूबर में हुए सीपीसी के पूर्ण अधिवेशन के बाद मीडिया में आईं खबरों में कहा गया था कि चीनी सेना की स्थापना के शताब्दी वर्ष 2027 तक चीन अपनी सेना को पूरी तरह आधुनिक सेना बनाएगा।
सीपीसी और केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के प्रमुख चिनफिंग ने शनिवार को सत्तारूढ़ पार्टी के राजनीतिक ब्यूरो के अध्ययन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि 2027 में मनाए जाने वाले चीनी सेना के शताब्दी वर्ष तक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति एवं समर्पण के साथ कार्य किया जाए।
सीएमसी चीनी सेना ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ (पीएलए) का सर्वोच्च संगठन है।
गत एक जुलाई को अपना शताब्दी वर्ष मनाने वाली सीपीसी के इतिहास को याद करते हुए चिनफिंग ने कहा, ‘‘पार्टी सर्वेसर्वा’’ है और सेना को 2027 तक विश्व की सर्वश्रेष्ठ सेना बनने के लिए ठोस प्रयास करना चाहिए तथा आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को तेज करना चाहिए।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा कि चिनफिंग ने एक अगस्त को मनाए जाने वाले सेना के 94वें स्थापना दिवस से पहले शनिवार को हुई बैठक में अधिकारियों, सैनिकों और पीएलए से जुड़े आम लोगों तथा सशस्त्र पुलिस बलों और मिलिशिया तथा आरक्षित सेवाओं के सदस्यों के प्रति सम्मान व्यक्त किया।

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Koo App Yellow Tick Verification: कू ऐप पर अब आप भी पा सकते हैं वेरिफिकेशन का पीला ‘एमिनेंस’ टिक, जानें कैसे करें अप्लाई

Koo App Yellow Tick Verification:  घरेलू सोशल मीडिया मंच कू ने मंगलवार को अपनी प्रतिद्वंद्वी टि्वटर के ब्लू बैज की तर्ज पर पीला यानी येलो टिक (निशान) पेश किया है.  सत्यापित प्रयोगकर्ताओं के लिए पेश इस पीले टिक को कू ने ‘एमिनेंस’ का नाम दिया है. कू ने मंगलवार को कहा कि येलो टिक कला, खेल, कारोबार जगत या राजनीतिक क्षेत्र की प्रमुख हस्तियों की पहचान को बताता है. कू के प्रयोगकर्ताओं की संख्या करीब 60 लाख है.

बयान में कहा गया है कि ‘एमिनेंस’ कू की पारदर्शिता की विचारधारा के अनुरूप जानी-मानी हस्तियों को आगे बढ़ाता है.  सोशल मीडिया मंच ने कहा कि एमिनेंस के लिए आवेदनों का आकलन आंतरिक शोध, तीसरे पक्ष के संसाधनों तथा भारतीय परिप्रेक्ष्य में किया जाता है. यह भी पढ़े: ट्विटर हुआ पुराना, अब मेड इन इंडिया ‘Koo App’ पर बढ़ा लोगों का रुझान
कू ने कहा कि यह सुनिश्चित किया गया है कि एमिनेंस का दुरुपयोग न हो और न ही यह इच्छा के अनूरूप किसी को प्रदान किया जाए. इस बारे में संपर्क करने पार कू के सह-संस्थापक मयंक बिदावतका ने कहा कि मंच पर करीब 2,500 खातों को पीला टिक प्रदान किया गया है.

देश की खबरें | मानसून सत्र के पहले दो सप्ताहों में राज्यसभा के 40 घंटे हंगामे की भेंट चढ़े

नयी दिल्ली, 31 जुलाई मानसून सत्र में विपक्षी दलों के लगातार हंगामे के चलते राज्य सभा के 50 में से 40 घंटे बेकार हो गए और केवल 10 घंटे ही काम हो सका।
राज्यसभा की कार्यवाही पहले दो सप्ताहों में तय समय का सिर्फ करीब 21.60 प्रतिशत ही चल सकी और दूसरे सप्ताह में यह आंकड़ा 13.70 प्रतिशत का रहा।
अधिकारियों ने बताया कि कुल 50 कार्य घंटों में से 39 घंटे 52 मिनट हंगामे की भेंट चढ़ गए।
पहले दो सप्ताहों में नौ बैठकों के दौरान उच्च सदन में केवल एक घंटे 38 मिनट का प्रश्नकाल ही हो सका। चार विधेयकों को पारित करने के लिए केवल एक घंटे 24 मिनट का विधायी कार्य हो सका।
हंगामे के चलते सदन में केवल एक मिनट का शून्यकाल हुआ और चार मिनट का विशेष उल्लेख।
राज्यसभा सचिवालय ने दैनिक बुलेटिन में सदन में काम न होने से संबंधित जानकारी देने की पहली बार शुरुआत की है।

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शुरू में लोगों में मास्क को लेकर काफी समस्या हुई, अब लोगों का क्या बिहेवियर … – Latest Tweet by आकाशवाणी समाचार

लेकिन बाघों की आबादी कम होने के लिए एक भी अधिकारी से सवाल नहीं किया गया और ना ही किसी को जवाबदेह ठहराया गया। … – Latest Tweet by ANI Hindi News