पाकिस्तान शांति में अमेरिका का साथ दे सकता है लेकिन जंग में नहीं: PM इमरान खान

इस्लामाबाद, 1 जुलाई: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने बुधवार को कहा कि एक पाकिस्तानी होने के नाते उन्होंने तब से ज्यादा कभी ”अपमानित” महसूस नहीं किया जब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ जंग में अमेरिका (America) का साथ देने का फैसला किया था. खान ने कहा कि कि उनका देश शांति में तो अमेरिका का साथ दे सकता है लेकिन जंग में नहीं. नये वित्त वर्ष के बजट को बहुमत से मंजूरी दिये जाने के एक दिन बाद नेशनल असेंबली में विभिन्न मुद्दों पर परिचर्चा के दौरान खान ने अमेरिका के साथ भविष्य में सहयोग को लेकर स्पष्ट रेखा खींचते हुए कहा कि यह 9/11 के बाद आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान-अमेरिका की साझेदारी के विपरीत सहयोग पर आधारित होगा, जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान को गंभीर झटका लगा था.

उन्होंने कहा, ” जब हमने इतनी सारी सेवाएं दीं, तो क्या उन्होंने (अमेरिका ने) हमारी प्रशंसा की या हमारे बलिदानों को स्वीकार किया? इसके बजाय, उन्होंने हमें एक पाखंडी कहा और हमें दोष दिया. पाकिस्तान की तारीफ करने की बजाय हमें बुरा-भला कहा.” खान ने कहा कि एक पाकिस्तानी होने के नाते उन्होंने तब से ज्यादा अपमानित कभी महसूस नहीं किया जब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ जंग में अमेरिका का साथ देने का फैसला किया और इस प्रक्रिया में बहुत नुकसान उठाया. यह भी पढ़ें : Jammu Drone Attack: सशस्त्र सीमा बल ने नेपाल बॉर्डर से 8 चीनी ड्रोन के साथ तीन लोगों को पकड़ा, पूछताछ जारी

उन्होंने पूछा, ”हमने आतकंवाद के खिलाफ जंग में अमेरिका का अग्रणी सहयोगी देश बनने का फैसला किया. मैंने बार बार सवाल उठाए. हमारा युद्ध से क्या लेना-देना था? क्या किसी देश ने किसी दूसरे देश के युद्ध में कूदकर 70 हजार लोगों की जान गंवाई? ” खान ने कहा कि पश्चिम एशियाई देशों के साथ आर्थिक संबंध बनाने के लिए पाकिस्तान के लिए अफगानिस्तान में शांति महत्वपूर्ण है.

देश की खबरें | गाज़ीपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं व कृषि कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प

गाज़ियाबाद (उप्र), 30 जून दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित गाज़ीपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं और नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसानों के बीच बुधवार को झड़प हो गई, जिससे दोनों पक्षों के कुछ लोग घायल हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हंगामा उस समय हुआ जब भाजपा कार्यकर्ता उस फ्लाईओवर से अपना जुलूस निकाल रहे थे जहां केन्द्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसान नवंबर 2020 से धरने पर बैठे हुए हैं, जिनमें अधिकतर भारतीय किसान यूनियन के समर्थक हैं।
उन्होंने बताया कि दोपहर करीब 12 बजे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और दोनों पक्षों के बीच लाठी-डंडे चले, जिस वजह से कुछ लोग जख्मी हो गए।
सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं जिनमें कथित रूप से कुछ गाड़ियां क्षतिग्रस्त हालत में दिख रही हैं। ये गाड़ियां भाजपा नेता अमित वाल्मिकी के काफिले का हिस्सा थीं और वाल्मिकी के स्वागत के लिए ही जुलूस निकाला जा रहा था।
किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि यह प्रकरण तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन को कुचलने और इसे बदनाम करने की भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की साजिश है। दूसरी तरफ, भाजपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि अमित वाल्मिकी के स्वागत कार्यक्रम के दौरान उनके खिलाफ जातिगत टिप्पणी की गई और अपशब्द कहे गए, जिसके चलते झगड़ा हुआ।
इस बीच, दोनों पक्षों ने गाजियाबाद पुलिस के पास शिकायत दी है। जिला पुलिस प्रमुख अमित पाठक ने कहा कि कानूनी कार्रवाई करने से पहले मामले की जांच की जाएगी।
संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने दावा किया कि गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने जिला प्रशासन और सरकारी अधिकारियों को सूचित किया था कि वे पार्टी कार्यकर्ताओं को हटाएं क्योंकि वे स्वागत रैली के नाम पर हंगामा कर रहे हैं।
बाजवा ने कहा, “उन्होंने किसानों के साथ दुर्व्यवहार किया और एक साजिश के तहत खुद अपने वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। सरकार की यह साजिश कामयाब नहीं होने वाली है क्योंकि पहले भी किसानों के प्रदर्शन को खत्म करने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाए जा चुके हैं।”
उन्होंने कहा, “हम आज (बुधवार) की घटना को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जा रहे हैं, और अगर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो हम उसके हिसाब से अपनी भविष्य की रणनीति की योजना बनाएंगे।”
बाजवा ने कहा, “हम भाजपा द्वारा किए गए हंगामे की निंदा करते हैं।” उन्होंने कहा कि यह हथकंडे काम नहीं करेंगे, क्योंकि किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से पिछले सात महीनों से चल रहा है और भविष्य में भी जारी रहेगा।
वहीं, गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि अपने दल के झंडे लहराते हुए भाजपा कार्यकर्ता अभद्र का प्रयोग करते हुए किसानों से भिड़ गए।

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जरुरी जानकारी | तांबे के तार और कबाड़ के कारोबार पर 6.4 करोड़ की जीएसटी चोरी का खुलासा

इंदौर (मध्य प्रदेश), 30 जून वस्तु एवं सेवा कर आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने इंदौर में तांबे के तार और इस धातु के कबाड़ के कारोबार पर 6.4 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी के खुलासे के साथ एक निजी कम्पनी के निदेशक को गिरफ्तार किया है।

बुधवार को जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।

विज्ञप्ति के मुताबिक तांबे के तार और कबाड़ के निर्माताओं व कारोबारियों के ठिकानों पर डीजीजीआई के छापों से पता चला कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का बिल बनाए बगैर इस माल की खरीद-फरोख्त की गई जिससे सरकारी खजाने को 6.4 करोड़ रुपये के कर राजस्व का नुकसान हुआ।

विज्ञप्ति में आरोपी की पहचान जाहिर किए बिना बताया गया कि जीएसटी चोरी के इस मामले में मुख्य रूप से शामिल होने के आरोप में एक निजी कम्पनी के निदेशक को गिरफ्तार किया गया। यह कंपनी तांबे के तार बनाती है।

विज्ञप्ति में यह भी बताया गया कि डीजीजीआई के छापों के दौरान निर्माताओं और व्यापारियों के परिसरों से भारी मात्रा में तांबे का तार और इस धातु का कबाड़ जब्त किया गया।

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सरकार ने दिसंबर तक रिफाइंड पामतेल पर आयात प्रतिबंधों को हटाया

नयी दिल्ली, 1 जुलाई : सरकार ने बुधवार को इस साल 31 दिसंबर तक रिफाइंड पाम तेल पर आयात प्रतिबंध हटा दिया है. सरकार की इस पहल से घरेलू बाजार में खाद्य तेल की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों में कमी लाने में मदद मिल सकती है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (Directorate General of Foreign Trade) की एक अधिसूचना के अनुसार, रिफाइंड ब्लीचड डियोडोराइज़्ड पॉमतेल और रिफाइंड ब्लीच्ड डिओडोराइज़्ड पामोलिन की ‘आयात नीति’ को “तत्काल प्रभाव से और 31 दिसंबर, 2021 तक की अवधि की खातिर प्रतिबंधों से मुक्त करने के लिए संशोधित किया गया है.’’ हालांकि, इसमें यह भी कहा गया है कि केरल में किसी भी बंदरगाह के माध्यम से आयात की अनुमति नहीं है. प्रतिबंधित श्रेणी के तहत, एक आयातक को आयातित तेल की खेप मंगाने के लिए डीजीएफटी से लाइसेंस या अनुमति प्राप्त करनी होती है.

सरकार ने मंगलवार को कच्चे पाम तेल पर मूल सीमा शुल्क को घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया. खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “इन कदमों से घरेलू उपभोक्ताओं के लिए खाद्य तेलों की कीमतें कम होने की उम्मीद है.” रिफाइंड ब्लीच्ड डिओडोराइज्ड पाम ऑयल को कच्चे पामतेल को रिफाइन करके बनाया जाता है. विश्व में वनस्पति तेलों का सबसे बड़ा आयातक देश, भारत सालाना लगभग 1.5 करोड़ टन तेल खरीदता है. इसमें से पामतेल की मात्रा 90 लाख टन और बाकी 60 लाख टन सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल होते हैं. यह भी पढ़ें : Odisha Shocker: खाना डिलीवर करने गए ढाबा मालिक के बेटे ने महिला डॉक्टर को बनाया हवस का शिकार, जानिए पूरा मामला

इंडोनेशिया और मलेशिया दो ऐसे देश हैं जो पाम तेल की आपूर्ति करते हैं. घरेलू खाद्य तेल की कीमतें पिछले एक साल में दोगुने से ज्यादा हो गई हैं. भारत अपनी खाद्य तेल की मांग का लगभग दो-तिहाई आयात के माध्यम से पूरा करता है. उद्योग निकाय एसईए के आंकड़ों के अनुसार, कच्चे पाम तेल के अधिक आयात होने के कारण, भारत के पामतेल का आयात मई 2021 में 48 प्रतिशत बढ़कर 7,69,602 टन हो गया. दुनिया के प्रमुख वनस्पति तेल खरीदार भारत ने मई 2020 में 4,00,506 टन पाम तेल का आयात किया था.

Workout के दौरान जान्हवी और खुशी कपूर के बीच हुई मस्ती भरी फाईट, फनी वीडियो जीत लेगा आपका दिल

बॉलीवुड एक्ट्रेस जान्हवी कपूर (Janhvi Kapoor) अपने वर्कआउट को लेकर बेहद ही सीरियस हैं. इसलिए पैपराजी उन्हें हर रोज जिम जाते हुए स्पॉट करता है. जान्हवी की तरह उनकी बहन खुशी कपूर (Khushi Kapoor) भी इंडस्ट्री में अपना नाम बनाना चाहती हैं. ऐसे में खुशी भी अपने बहन की राह चल पड़ी है. वो भी जिम में पहुंचकर खुद को फिट रखने पर जोर दे रही हैं. ऐसे में जब जान्हवी और ख़ुशी का एक साथ वर्कआउट करते हुए वीडियो आया है. जिसमें ये दोनों झगड़े करते दिखाई दे रहे हैं. जान्हवी और खुशी का ये फनी वीडियो बेहद ही मजेदार है.

इस दौरान जान्हवी ने लाल और पर्पल कलर की ड्रेस पहन रखी है जबकि ख़ुशी ने ग्रे कलर का टॉप और ब्लैक कलर की लेगिंग पहनी है. जिम में दोनों वर्कआउट कम और मस्ती ज्यादा करते नजर आ रहे हैं. इस दौरान जान्हवी खुशी की टांग खींचते दिखाई दे रही हैं वहीं खुशी अपनी हंसी नहीं रोक पा रही हैं. इस वीडियो में दोनों ट्रेनर नम्रता पुरोहित भी नजर आ रही हैं. इस वीडियो को जान्हवी ने अपने इंस्टा स्टोरी में शेयर किया है. जिसे फैंस काफी पसंद कर रहे हैं.


वर्कफ्रंट की बात करें तो जान्हवी कपूर के हाथ में कई प्रोजेक्ट्स हैं. जिसमें सबसे अहम् दोस्ताना 2 और तख्त है. इन दोनों ही फिल्मों को करण जौहर डायरेक्ट कर रहे हैं.

 

जरुरी जानकारी | जालान कालरॉक समूह जेट एयरवेज में 1,375 करोड़ रुपये डालेगा, रिणदाताओं को मिलेगा बहुत कम

नयी दिल्ली, 30 जून बंद पड़ी जेट एयरवेज के लिये सफल बोली लगाने वाला जालान कालरॉक समूह एयरलाइन में 1,375 करोड़ रुपये की नकद राशि डालेगा। इसमें रिणदाताओं को अपने कर्ज के एवज में भारी कटौती झेलनी पड़ेगी क्योंकि इस समाधान योजना के तहत उन्हें शुरुआत में केवल 185 करोड़ रुपये ही प्राप्त होंगे।
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने 22 जून को जेट एयरवेज के लिये कालरॉक समूह की समाधान योजना को मंजूरी दे दी थी। जेट एयरवेज जून 2019 से दिवाला समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है। एयरलाइन ने अप्रैल 2019 में उड़ान परिचालन बंद कर दिया था।
जालान कालरॉक समूह ने कुल 1,375 करोड़ रुपये की नकदी डालने का प्रसताव किया था। इसमें वित्तीय रिणदाताओं सहित हितधारकों को भुगतान के लिये 475 करोड़ रुपये भी शामिल हैं।
न्यायाधिकरण द्वारा बुधवार को प्रकाशित किये गये विस्तृत आदेश के मुताबिक एयरलाइन के सुनियोजित ढंग से काम करने के लिये कार्यशल पूंजी जरूरतों और पूंजी वयय के लिये 900 करोड़ रुपये की राशि निवेश की जायेगी। वहीं 475 करोड़ रुपये की राशि में कंपनी दिवाला समाधान प्रक्रिया की लागत भी शामिल है।
एयरलाइन के वित्तीय रिणदाताओं ने 7,807.75 करोड़ रुपचये का दावा किया था। इस लिहाज से उन्हें समाधान योजना में भारी कटौती का सामना करना होगा।

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जरुरी जानकारी | पंजीकरण प्रमाण पत्र निर्गमन का अधिकार काजू निर्यात संवधन परिषद को लौटाने की मांग

नयी दिल्ली, 30 जून काजू उद्योग निकायों ने बुधवार को सरकार से भारतीय काजू निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसीआई) की अपने सदस्यों को पंजीकरण सह-सदस्यता प्रमाणपत्र (आरसीएमसी) जारी करने या नवीनीकृत करने के लिए शक्ति को फिर से बहाल करने का आग्रह किया है।
उन्होंने घरेलू उद्योग के अस्तित्व की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैयार और अर्ध-निर्मित काजू गीरी के सभी प्रकार के आयात पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की।
इस संबंध में विभिन्न राज्यों के काजू संघों के साथ-साथ भारतीय काजू उद्योग संघ (एफआईसीआई) द्वारा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को एक ज्ञापन दिया गया है।
इस साल 14 जून को, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने पंजीकरण सह-सदस्यता प्रमाणपत्र (आरसीएमसी) जारी करने के भारतीय काजू निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसीआई) के पास निहित शक्ति को खत्म कर दिया और इसके लिए सरकारी निकाय कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास एजेंसी (एपीडा) को अधिकृत किया।
केरल स्थित मुख्यालय वाले सीईपीसीआई के अध्यक्ष नूरदीन अब्दुल ने कहा, ‘‘काजू निर्यातकों और प्रसंस्करणकर्ताओं को आरसीएमसी जारी करने की परिषद के साथ निहित शक्ति को डीजीएफटी द्वारा निलंबित करने का निर्णय क्यों लिया गया इस बारे में सीईपीसीआई को पूरी तरह से अंधेरे में है।’’
आय से कर्मचारियों के वेतन, प्रशासनिक खर्च और निर्यात संवर्धन गतिविधियों का संचालन किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस शक्ति के निलंबन से परिषद की वित्तीय स्थिरता सवालों के घेरे में है।
तमिलनाडु काजू प्रोसेसर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के सचिव रामकृष्णन ने कहा, ‘‘यह निर्णय प्रभावी रूप से परिषद को पंगु बना रहा है, जो घरेलू काजू उद्योग के हितों की रक्षा में सक्रिय रूप से संलग्न है।’’
एफआईसीआई सचिव मोहम्मद खुरैश ने कहा कि सीईपीसीआई की शक्तियों को खत्म करने का कारण ‘‘काजू आयात लॉबी है जो तैयार / अर्ध-तैयार काजू गरी के कपटपूर्ण आयात को रोकने में परिषद की भागीदारी और सतर्कता के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई थी।’’
काजू प्रसंस्करण का काम मुख्य रूप से केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात में होता है। भारत में काजू प्रसंस्करण ज्यादातर हाथों से ही किया जाता है और इसलिए प्रतिस्पर्धी देशों की तुलना में यह महंगा है। काजू उद्योग में 10 लाख से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।

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Black & Yellow Fungus: ब्लैक, येलो फंगस पीड़ितों के लिए मुआवजे की याचिका पर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

Black & Yellow Fungus: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को उस याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा, जिसमें ब्लैक (Black) या येलो फंगस (Yellow Fungus) से मरने वाले कोविड-19 रोगियों के परिवार के सदस्यों को चार लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की गई थी. इससे पहले दिन में, शीर्ष अदालत ने अधिवक्ता रीपक कंसल द्वारा दायर एक अन्य याचिका पर अपने फैसले में और कोविड मृतक के परिवारों के लिए 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की मांग करते हुए कहा था कि केंद्र धारा 12 के तहत अपना वैधानिक कर्तव्य निभाने में विफल रहा है.

आपदा प्रबंधन अधिनियम (डीएमए), इस संबंध में राहत के न्यूनतम मानकों को जारी करने के लिए. इसने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) को 6 सप्ताह के भीतर इस तरह की अनुग्रह सहायता के लिए दिशा-निर्देशों की सिफारिश करने का निर्देश दिया. यह भी पढ़ें: Madhya Pradesh: सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ब्लैक फंगस की दवा ‘Amphotericin B’ के उत्पादन का उद्घाटन किया

जस्टिस अशोक भूषण, एमआर शाह और विनीत सरन की पीठ ने कंसल द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया, जिसमें अदालत से केंद्र और राज्यों को यह निर्देश देने का आग्रह किया गया कि वे उन लोगों के परिवार के सदस्यों को अनुग्रह राशि प्रदान करें, जिन्होंने साइड इफेक्ट या पोस्ट कोविड-19 की जटिलताएं यानी ब्लैक, ह्वाइट और येलो फंगस के कारण दम तोड़ दिया.

COVID-19: पीएम मोदी ने मंत्रिपरिषद के सहयोगियों के साथ की बैठक, कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के उपायों पर की चर्चा

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिपरिषद के अपने सहयोगियों को देश में ऐसा माहौल बनाने को कहा कि जहां हर कोई सख्ती से कोविड दिशानिर्देशों (COVID-19 Guidelines) का पालन करे और टीकाकरण कराए, ताकि महामारी की तीसरी लहर (Third Wave of Coronavirus) को रोका जा सके. केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री ने देश में कोविड-19 (COVID-19) की स्थिति की समीक्षा की और टीकाकरण अभियान पर विचार-विमर्श किया और साथ ही मंत्रियों को बताया कि महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है, इसलिए युद्धस्तर पर टीकाकरण होते रहना चाहिए.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री ने मंत्रिपरिषद के अपने सहयोगियों से टीकाकरण तथा कोविड दिशानिर्देशों का पालन करने के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक बनाने को कहा. सूत्रों के मुताबिक बैठक में प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से कहा कि उन्होंने जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया है या फिर आधारशीला रखी हैं, उनका उद्घाटन भी वही करें. यह भी पढ़ें: COVID-19 Third-Wave: कितनी गंभीर होगी कोरोना की तीसरी लहर? जानें क्या कहती है स्टडी

उन्होंने मंत्रियों से कहा कि वह सभी परियोजनाओं की निगरानी करें और सुनिश्चित करें कि इनके पूरा होने में देरी ना हो. प्रधानमंत्री ने बैठक के दौरान मंत्रियों से कोविड-19 महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में सुझाव भी मांगे. उन्होंने सभी मंत्रियों से अपने-अपने मंत्रालय में ‘‘मिशन मोड’’ में काम करने का आह्वान किया.

उन्होंने संसद के आगामी सत्र के मद्देनजर सभी मंत्रियों से आंकड़ों और तथ्यों के साथ तैयारी करने को कहा ताकि विपक्ष को करारा जवाब दिया जा सके. लगभग पांच घंटे तक चली इस बैठक के दौरान नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने कोविड-19 महामारी के बारे में एक प्रस्तुति दी. इस दौरान प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि लोगों को बहुत सावधान रहना होगा तभी कोरोना का संक्रमण फैलने से रोका जा सकेगा.

उन्होंने कहा कि देश में ऐसा माहौल बनाया जाना चाहिए जिससे लोग कोरोना दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें और टीका लगवाएं ताकि तीसरी लहर की संभावना ही खत्म हो. इस सिलसिले में उन्होंने मंत्रियों से कहा कि वह जब अपने संसदीय क्षेत्रों में जाए तो मास्क पहनें और लोगों को भी मास्क पहनने के लिए प्रेरित करें. उन्होंने कोरोना संबंधी भ्रांतियों को भी दूर करने की सलाह दी.

भारत में बुधवार में एक दिन में कोविड-19 के 45,951 नए मामले सामने आए. इसके साथ ही कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या 3,03,62,848 पर पहुंच गई जबकि एक दिन में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या लगातार तीसरे दिन 1,000 से कम रही. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार 817 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 3,98,454 हो गयी है. एक दिन में कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले लोगों की यह संख्या 81 दिनों में सबसे कम है. यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका? जानिए इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब

सुबह सात बजे तक प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक 33 करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं. मंत्रालय के मुताबिक कोविड-19 टीके की 73 लाख से अधिक खुराक अभी भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास उपलब्ध है, जबकि 24,65,980 से अधिक खुराक उन्हें अगले तीन दिन के भीतर प्राप्त हो जाएंगी.

कोविड-19 टीकाकरण के तहत सभी के लिए टीके का नया चरण 21 जून को शुरू हुआ था. अधिक टीकों की उपलब्धता के जरिये टीकाकरण अभियान को तेज किया गया है. राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत भारत सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मुफ्त में कोविड के टीके उपलब्ध कराकर उनकी मदद कर रही है.

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जरुरी जानकारी | वोडाफोन आईडिया का मार्च तिमाही में नुकसान घटकर 7,023 करोड़ रहा

कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में उसका घाटा 11,643.5 करोड़ रुपये रहा था।
कंपनी की कुल आय मार्च 31, 2021 को समाप्त तिमाही में 19 प्रतिशत घटकर 9,647.8 करोड़ रुपये रही, जो वित्त वर्ष 2019-20 की समान तिमाही में 11,920.4 करोड़ रुपये थी।
कंपनी का 31 मार्च, 2021 को समाप्त वित्त वर्ष में नुकसान घटकर 44,233.1 करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2019-20 में 73,878.1 करोड़ रुपये रहा था। वहीं कंपनी की एकीकृत आय आठ प्रतिशत की कमी के साथ इस दौरान 42,126.4 करोड़ रुपये रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 45,996.8 करोड़ रुपये थी।
वोडाफोन आईडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष रविंदर ठक्कर ने एक बयान में कहा, ‘‘हम अपने ग्राहकों को प्राथमिकता देने की रणनीति को आगे बढ़ाते हुए नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने के साथ वित्तीय वर्ष 2022 में प्रवेश कर रहे हैं। ’’
उन्होंने कहा कि कंपनी अपने रणनीतिक इरादे को प्राप्त करने को लेकर धन जुटाने के लिए संभावित निवेशकों के साथ सकरात्मक चर्चा कर रही है।

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