देश की खबरें | राजग में वापसी के संकेत के बीच मांझी ने बैठक स्थगित की

पटना, 31 अगस्त राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापसी में स्पष्ट संकेत के बीच हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) (एचएएम) ने बिहार चुनाव पर चर्चा के लिए उसके अध्यक्ष जीतन राम मांझी द्वारा बुलायी गयी प्रस्तावित तीसरे मोर्चे की बैठक सोमवार को स्थगित कर दी।
पार्टी ने एक बयान में कहा कि बुधवार को यह बैठक बुलायी गयी थी जिसे स्थगित कर दिया गया है।
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एचएएम के प्रमुख ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति पर चर्चा करने के लिए पूर्व सांसद पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी समेत गैर राजग और गैर महागठबंधन दलों को निमंत्रित किया था।
पार्टी के सूत्रों ने बताया कि राजद नीत महागठबंधन से अलग होने के बाद मांझी जनता दल यूनाईटेड (जदयू), भाजपा और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के साथ जाने पर निर्णय लेने से पहले विकल्पों का मूल्यांकन कर रहे हैं।
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असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम के साथ भी पहले बातचीत हुई थी। वर्ष 2019 के किशनगंज उपचुनाव को जीतने के बाद एआईएमआईएम सीमांचल क्षेत्र में बड़ी संख्या में उम्मीदवार उताने की तैयारी में है।
वैसे बुधवार की बैठक स्थगित करने का कोई कारण नहीं बताया गया है लेकिन एचएएम के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले जदयू के साथ उत्साहजनक बातचीत चल रही है तब ऐसी चर्चा में लग जाने का कोई तुक नहीं है।
मांझी ने पिछले बृहस्पतिवार को कुमार से भेंट की थी। समझा जाता है कि दोनों के बीच सीटों के बंटवारे पर चर्चा हुई।
लगता है कि भाजपा ने मांझी के राजग में लौट आने को हरी झंडी दे दी है। प्रदेश भाजपा प्रमुख संजय जायसवाल ने शनिवार को कहा कि जो भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्वास प्रकट करता है, उसका गठबंधन में स्वागत है।

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देश की खबरें | मध्य प्रदेश में अब रविवार को नहीं रहेगा लॉकडाउन : मिश्रा

भोपाल, 31 अगस्त मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को कहा कि मध्य प्रदेश में अब रविवार को लॉकडाउन नहीं रहेगा। इसे समाप्त कर दिया गया है।
मिश्रा ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘आज से रविवार का लॉकडाउन प्रदेश में नहीं रहेगा। रविवार का लॉकडाउन भी ‘अनलॉक-4’ में समाप्त किया जा रहा है।’’
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हालांकि, मिश्रा ने कहा कि निषिद्ध क्षेत्र जहां पर होगा, सिर्फ वहां पर लॉकडाउन लग सकता है। बाकी कहीं भी लॉकडाउन नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि यह भी निर्णय लिया गया कि अब उद्योगों को 100 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित किया जा सकेगा।
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मिश्रा ने बताया कि अब प्रदेश में आने-जाने के लिए ई-पास की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थानों एवं शॉपिंग मॉल को खोल दिया गया है।
मिश्रा ने बताया कि इसके अलावा, 21 सितंबर से 9वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र परामर्श लेने के लिए स्कूल जा सकेंगे।

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देश की खबरें | उत्तर, पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत में अगले तीन दिन भारी बारिश का अनुमान

नयी दिल्ली, 31 अगस्त मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को उत्तर और दक्षिण भारत के साथ ही पूर्वोत्तर के कई हिस्सों में अगले तीन दिन के लिए भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है।
विभाग ने कहा है कि पश्चिमी राजस्थान के दूर-दराज के इलाकों में मंगलवार को भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है।
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मौसम विभाग ने कहा कि पंजाब, पूर्वी राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के दूर-दराज के इलाकों में भी भारी बारिश हो सकती है।
इसी तरह, मंगलवार को रायलसीमा (आंध्र प्रदेश), कर्नाटक के तटीय एवं दक्षिणी सुदूरवर्ती क्षेत्रों, तमिलनाडु, पुदुचेरी, केरल में भी भारी बारिश का पूर्वानुमान है।
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मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम अरब सागर पर 45-55 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से तेज हवाएं चलने की संभावना है। ऐसे में मछुआरों को इन क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
वहीं, ओडिशा, दक्षिण सुदूरवर्ती कर्नाटक, तमिलनाडु, पुदुचेरी, कराईकल, केरल और माहे क्षेत्र में बुधवार को भी भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है।
विभाग के मुताबिक, इसी दिन जम्मू-कश्मीर के दूरदराज के क्षेत्रों, लद्दाख, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी भारी बारिश का पूर्वानुमान है।
विभाग ने छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, असम, मेघालय, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, तटीय कर्नाटक और लक्षद्वीप के लिए बुधवार को इसी तरह का पूर्वानुमान जताया है।
वहीं, बाढ़ के संबंध में परामर्श के तहत केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने कहा कि अगले 24 घंटे बारिश जारी रहने के पूर्वानुमान के मद्देनजर मध्य प्रदेश में चंबल एवं इसकी सहायक नदियां और माही नदी के उफान पर रहने की आशंका है।
सीडब्ल्यूसी ने कहा कि गुजरात में नर्मदा, माही और साबरमती नदियां और कोंकण और गोवा में पश्चिम को बहने वाली नदियां में जलस्तर बढ़ने की आशंका है।

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जरुरी जानकारी | कृषि क्षेत्र से जुड़े स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिये योजना तैयार करें: महाराषट्र मुख्यमंत्री

मुंबई, 31 अगस्त महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्वव ठाकरे ने सोमवार को अधिकारियों को कृषि क्षेत्र से जुड़े स्टार्टअप और कंपनियों को प्रोत्साहित करने के वास्ते समयबद्ध योजना तैयार करने का निर्देश दिया।
एक सरकारी विज्ञप्ति में इसकी जानकारी देते हुये हा गया है कि ठाकरे ने कहा कि किसानों को केवल गारंटी ही नहीं यदि उनके फसल के उचित दाम मिलते हैं तो उन्हें फायदा होगा।
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मुख्यमंत्री ने दक्षिण मुंबई स्थित अपने सरकारी आवास वर्षा में हुई बैठक में यह बातें कही।
ठाकरे ने प्रबंधन की पढ़ाई में कृषि संबंधी प्रबंधन की पढ़ाई पर जोर दिया।
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उन्होंने कहा कि फसल कटाई के बाद का प्रबंधन काफी महत्वपूर्ण है। इसके लिये उन्होंने गोदाम और शीत भंडारगृह जैसी मूलभूत सुविधाओं में निवेश बढ़ाने पर जोर दिया।
वक्तव्य में कहा गया है कि राज्य में करीब 50,000 कृषि क्षेत्र से जुड़े स्टार्ट अप हैं। इसके साथ ही 3,064 कृषि उत्पादन कंपनियां और 78,000 किसान समूह हैं।

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जरुरी जानकारी | एल एंड टी के ऑटोमेशन कारोबार का अधिग्रह पूरा किया श्नाइडर इलेक्ट्रिक ने

एल एंड टी के इलेक्ट्रिकल एंड ऑटोमेशन कारोबार के लिए ऊर्जा प्रबंधन से जुड़ी कंपनी श्नाइडर ने मई 2018 में समझौता किया था। आवश्‍यक विनियामक मंजूरी मिलने और जरूरी शर्तों को पूरा करने के बाद, अब यह बिक्री प्रक्रिया पूरी हो गयी है। यह समूह का गैर-प्रमुख कारोबार से हटने की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है।
यह सौदा 14,000 करोड़ रुपये का है।
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श्नाइडर ने कहा है कि उसने भारत में अपनी निम्न वोल्टेज और औद्योगिक आटोमेशन कारोबार को एल एंड टी के इलेक्ट्रिक और आटोमेशन कारोबार के साथ मिलाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इससे राजस्व की दृष्टि से भारत श्नाइडर इलेक्ट्रिक के लिए तीसरा बड़ा बाजार बन जाएगा।
· श्नाइडर ने अनिल चौधरी को इस नए संयुक्त कारोबार/ श्नाइटर इलेक्ट्रिक इंडया प्रा.लि. का मुख्य अधिशासी अधिकारी (सीईओ) बनाने की भी घोषणा की है।
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एल एंड टी ने एक बयान में कहा, ‘‘ इंजीनियरिंग, तकनीकी, विनिर्माण एवं वित्‍तीय सेवा से जुड़ा लार्सन एंड टुब्रो ने अपने इलेक्ट्रिकल और ऑटोमेशन (एल एंड टी ई एंड ए) कारोबार का ऊर्जा प्रबंधन एवं ऑटोमेशन के क्षेत्र में दुनिया की प्रमुख कंपनी, श्‍नाइडर इलेक्ट्रिक को बेचने की प्रक्रिया पूरी कर ली है।’’
समझौते के तहत लार्सन एंड टूब्रो के इलेक्ट्रिकल एंड ऑटोमेशन कारोबार के करीब 5,000 कर्मचारी श्नाइडर इलेक्ट्रिक के कर्मचारी होंगे।
बयान के अनुसार कारोबार बिक्री एल एंड टी के भावी विकास को देखते हुए की गयी है।
सौदा पूरा होने पर लार्सन एंड ट्रूब्रो के समूह चेयरमैन ए.एम. नाईक ने , ‘‘ हमें भरोसा है कि एल एंड टी द्वारा दशकों की मेहनत व प्रयास से खड़े किये गये इस कारोबार को श्‍नाइडर और आगे ले जाएगी।”

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देश की खबरें | प्रणब मुखर्जी के मन में हमेशा अपने गांव के प्रति आकर्षण बना रहा

मिराती (पश्चिम बंगाल), 31 अगस्त दिल्ली के सत्ता गलियारे में शीर्ष तक पहुंचने के बावजूद प्रणब मुखर्जी के मन में हमेशा अपने गांव के प्रति आकर्षण बना रहा।
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के मिराती गांव में सोमवार को जब मुखर्जी के निधन की खबर पहुंची तो हर तरफ शोक की लहर दौड़ गई। राजधानी कोलकाता से 200 किलोमीटर दूर यह गांव भारत के 13वें राष्ट्रपति का पैतृक स्थान है।
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मिराती गांव की धूल भरी गलियों से राष्ट्रपति भवन पहुंचने तक के सफर के दौरान मुखर्जी की जिंदगी में अपने गांव के लिए विशेष स्थान रहा, बल्कि बंधन और मजबूत हुआ।
कई सालों में यह पहली बार होगा जब दुर्गा पूजा के दौरान उनकी गैर मौजूदगी महसूस की जाएगी। धोती-कुर्ता पहन कर मुखर्जी मां दुर्गा की आरती किया करते थे।
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मुखर्जी पिछले साल भी दुर्गा पूजा पर अपने गांव में थे, जो पश्चिम बंगाल और पूरे भारत के कोरोना वायरस की चपेट में आने से कुछ महीने पहले की बात है। मुखर्जी भी इस जानलेवा संक्रमण से संक्रमित हो गए थे और उनका ऑपरेशन भी हुआ, जिसके बाद वह कॉमा में चले गए थे।
पूर्व राष्ट्रपति के निधन की खबर सुनकर उनके पैतृक घर पहुंची सुष्मिता ने कहा, ” इस गांव के लोगों के लिए वह प्रणब दा, प्रणब काकू या जेथू (चाचा) थे। उन्होंने कभी हमें यह एहसास नहीं कराया कि वह वरिष्ठ मंत्री या राष्ट्रपति हैं। वह बच्चों से प्यार करते थे। ”
सुष्मिता की तरह ही लगभग हर गांववासी मुखर्जी के यहां होने वाली दुर्गा पूजा में नियमित तौर पर जाता था।
मुखर्जी परिवार के करीबी सहयोगी राबी चट्टोराज ने पीटीआई- से कहा, ” मुखर्जी के घर पर होने वाली दुर्गा पूजा हमारे गांव का सबसे बड़ा कार्यक्रम होता था। पांच दिन के उत्सव के दौरान हम सभी उनके घर पर भोजन करते थे। वह हमारे थे। मिराती में दुर्गा पूजा अब कभी वैसी नहीं होगी। ”

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देश की खबरें | पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन, ‘सहमति बनाने वाले’ को याद कर रहा है राजनीतिक हलका

नयी दिल्ली, 31 अगस्त भारत के सर्वाधिक सम्मानित राजनेताओं में एक पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार की शाम निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे।
मुखर्जी को गत 10 अगस्त को सेना के ‘रिसर्च एंड रेफ्रल हास्पिटल’ में भर्ती कराया गया था। उसी दिन उनके मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी। उनके परिवार में दो पुत्र और एक पुत्री हैं।
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लंबे समय तक कांग्रेस के नेता रहे मुखर्जी सात बार सांसद रहे। अस्पताल में भर्ती कराये जाने के समय वह कोविड-19 से संक्रमित पाये गए थे। साथ ही उनके फेफड़ों के संक्रमण का भी इलाज किया जा रहा था। उन्हें इसके चलते रविवार को ‘सेप्टिक शॉक’ आया था। चिकित्सकों ने कहा कि शाम साढ़े चार बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।
आज सुबह जारी स्वास्थ्य बुलेटिन में उनके बारे में कहा गया था कि वह गहरे कोमा में वेंटिलेटर पर हैं।
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मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने उनके निधन की सबसे पहले जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भारी मन से आपको सूचित करना है कि मेरे पिता श्री प्रणब मुखर्जी का अभी कुछ समय पहले निधन हो गया। आरआर अस्पताल के डॉक्टरों के सर्वोत्तम प्रयासों और पूरे भारत के लोगों की प्रार्थनाओं और दुआओं के लिए मैं आप सभी को हाथ जोड़कर धन्यवाद देता हूं।’’
परिवार ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार मंगलवार दोपहर दो बजे लोधी रोड श्मशान घाट में होगा।
सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि दिवंगत सम्मानीय नेता के सम्मान में भारत में 31 अगस्त से लेकर छह सितंबर तक राजकीय शोक रहेगा। इस दौरान देश भर में उन सभी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा जहां ध्वज लगा रहता है।
मुखर्जी 2012 से 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति थे। उनके निधन पर तमाम खास-ओ-आम ने शोक जताया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुखर्जी के निधन को एक युग का अंत बताया।
कोविंद ने ट्विटर पर कहा, ‘‘उन्होंने सार्वजनिक जीवन में एक विराट कद हासिल किया, उन्होंने भारत माता की सेवा एक संत की तरह की। एक विलक्षण सपूत के चले जाने से समूचा राष्ट्र शोकाकुल है। उनके परिजनों, मित्रों और सभी नागरिकों के प्रति संवेदनाएं।’’
कोविंद ने कहा, ‘‘असाधारण विवेक के धनी, भारत रत्न मुखर्जी के व्यक्तित्व में परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम था।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुए उन्हें सर्वोत्कृष्ट विद्वान और उच्च कोटि का राजनीतिज्ञ बताया जिनकी सभी राजनीतिक दलों और समाज के सभी वर्गों द्वारा प्रशंसा की जाती थी।’’
मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के निधन पर भारत आज दुखी है। देश के विकास में वह अमिट छाप छोड़ गए हैं। वह एक सर्वोत्कृष्ट विद्वान और उच्च कोटि के राजनीतिज्ञ थे जिनकी सभी राजनीतिक दलों और समाज के सभी वर्गों द्वारा प्रशंसा की जाती थी।’’
प्रसिद्ध पश्चिम बंगाल में जन्मे मुखर्जी ने कांग्रेस नेता के तौर पांच दशक सक्रिय राजनीति में गुजारा और वह राजनीतिक दलों के बीच सहमति बनाने के लिए जाने जाते थे । इसका उदाहरण यह है कि प्रधानमंत्री मोदी और प्रणब मुखर्जी दोनों बिल्कुल अलग-अलग पृष्ठभूमि से आए, उसके बावजूद दोनों ने साथ मिलकर काम किया।
मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘उनके परिवार, मित्रों और देश भर में उनके प्रशंसकों व समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं है। ओम शांति।’’
मोदी ने कहा कि साल 2014 में जब वह प्रधानमंत्री बने तो वह दिल्ली के लिए बिल्कुल नए थे। उन्होंने कहा, ‘‘पहले दिन से मुझे मुखर्जी का मार्गदर्शन, समर्थन और आशीर्वाद मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उनके साथ अपनी यादों को मैं हमेशा संजो कर रखूंगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रमुख नीतिगत मुद्दों पर उनका ज्ञानपूर्ण परामर्श मैं कभी भी नहीं भूल पाऊंगा।’’ प्रधानमंत्री ने मुखर्जी के साथ अपनी कुछ तस्वीरें भी साझा कीं। इनमें से एक तस्वीर में वह मुखर्जी के पैर छूकर प्रणाम करते दिख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत के राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने राष्ट्रपति भवन तक आम आदमी की पहुंच सरल बना दी। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति भवन को उन्होंने ज्ञान, नवाचार, संस्कृति, विज्ञान और साहित्य का केंद्र बनाया।’’
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुखर्जी की पुत्री शर्मिष्ठा को भेजे शोक संदेश में सोनिया ने परिवार के प्रति गहरी संवेदना भी प्रकट की।
उन्होंने कहा, ‘‘ प्रणब दा पांच दशकों से अधिक समय तक सार्वजनिक जीवन, कांग्रेस पार्टी और केंद्र सरकार का अभिन्न हिस्सा रहे। उन्होंने हर पद पर आसीन होने के साथ उसे सुशोभित करने का काम किया और अपने साथियों के साथ उनकी वास्तव में घनिष्ठता थी। उनका पिछले 50 वर्षों से अधिक का जीवन भारत के 50 वर्षों के इतिहास को प्रतिबिंबित करता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उनके साथ काम करने को लेकर मेरी निजी तौर पर बहुत सारी सुखद यादें हैं। कांग्रेस पार्टी उनके निधन पर गहरा शोक प्रकट करती है और उनकी स्मृति का सदैव सम्मान करेगी।’’
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुखर्जी के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि देश ने स्वतंत्र भारत के एक महान नेता को खो दिया है।
सिंह ने एक बयान में कहा, ‘‘ पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन के बारे में सुनकर गहरा दुख हुआ। हमारे देश ने स्वतंत्र भारत के एक महान नेता को खो दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम दोनों ने भारत सरकार में बहुत नजदीकी से काम किया। मैं उनके विवेक, व्यापक ज्ञान और सार्वजनिक जीवन के उनके अनुभव पर निर्भर करता था।’’
वामपंथी दलों ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर दुख प्रकट किया और राजनीतिक पार्टियों से इतर उनके सौहार्दपूर्ण संबंधों तथा विभिन्न सरकारों की तरफ से निभाई गई उनकी वार्ताकार की भूमिका को याद किया।
माकपा ने एक बयान में कहा कि मुखर्जी देश के एक ऐसे अग्रणी राजनीतिक व्यक्तित्व थे जिन्होंने अलग-अलग भूमिकाओं में भारत के लिए योगदान दिया।
भाकपा महासचिव डी राजा ने कहा कि मुखर्जी को विभिन्न पदों पर रहते हुए लोगों की सेवा करने के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘‘हमारे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी के दुखद निधन की खबर मिली। देश बहुत दुखी है। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने में खुद को देश के साथ जोड़ता हूं। उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।’’
पश्चिम बंगाल में जन्मे इन राजनीतिज्ञ के नाम कई ऐसी महत्वपूर्ण उपलब्धियां हैं जो उन्हें दूसरों से अलग बनाती हैं। वह चलते फिरते ‘इनसाइक्लोपीडिया’ थे और हर कोई उनकी याददाश्त क्षमता, तीक्ष्ण बुद्धि और मुद्दों की गहरी समझ का मुरीद था।
साल 1982 में वे भारत के सबसे युवा वित्त मंत्री बने। तब वह 47 साल के थे। आगे चलकर उन्होंने विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और वित्त व वाणिज्य मंत्री के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। वे भारत के पहले ऐसे राष्ट्रपति थे जो इतने पदों को सुशोभित करते हुए इस शीर्ष संवैधानिक पद पर पहुंचे।
मुखर्जी भारत के एकमात्र ऐसे नेता थे जो देश के प्रधानमंत्री पद पर न रहते हुए भी आठ वर्षों तक लोकसभा के नेता रहे। वे 1980 से 1985 के बीच राज्यसभा में भी कांग्रेस पार्टी के नेता रहे।
मुखर्जी जब 2012 में देश के राष्ट्रपति बने तो उस समय वे केंद्र सरकार के मंत्री के तौर पर कुल 39 मंत्री समूहों में से 24 का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। साल 2004 से 2012 के दौरान उन्होंने 95 मंत्री समूहों की अध्यक्षता की।
सत्ता के गलियारों में रहने के बावजूद मुखर्जी कभी अपनी जड़ों को नहीं भूले। यही वजह थी कि राष्ट्रपति बनने के बाद भी दुर्गा पूजा के समय वह अपने गांव जरूर जाया करते थे। मंत्री और राष्ट्रपति रहते पारंपरिक धोती पहने पूजा करते उनकी तस्वीरें अक्सर लोगों का ध्यान आकर्षित करती थीं।
राष्ट्रपति के रूप में भी उन्होंने एक अमिट छाप छोड़ी। इस दौरान उन्होंने दया याचिकाओं पर सख्त रुख अपनाया। उनके सम्मुख 34 दया याचिकाएं आईं और इनमें से 30 को उन्होंने खारिज कर दिया।
अर्पणा राजकुमार

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जरुरी जानकारी | सरकार 15 नये प्रौद्योगिकी केन्द्रों की स्थापना कर रही है: गडकरी

नयी दिल्ली, 31 अगस्त केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि देश को विनिर्माण गतिविधियों का बड़ा केन्द्र बनाने के प्रयास के तहत कुशल मानवशक्ति सृजित करने के वास्ते 15 नये प्रौद्योगिकी केन्द्र स्थापित किये जा रहे हैं और 18 मौजूदा केन्द्रों का उन्नयन किया जा रहा है।
गडकरी ने वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये राजस्थान के अलवर जिले में भिवाड़ी में एक प्रौद्योगिकी केन्द्र का उद्घाटन किया। गडकरी के पास राजमार्ग एवं सड़क मंत्रालय के साथ साथ सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) का भी प्रभार है।
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गडकरी ने प्रौद्योगिकी केन्द्रों का विस्तार करने के लिये राज्यों से जमीन और अन्य जरूरी सुविधायें और समर्थन उपलब्ध कराने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि ये विस्तार केन्द्र क्षेत्र के मौजूदा और नये उद्योगों की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।
इस अवसर पर उन्होंने कहा, ‘‘कुशल मानवबल तैयार करने के लिये हम 15 नये प्रौद्योगिकी केन्द्र बना रहे हैं और साथ ही 18 मौजूदा प्रोद्योगिकी केन्द्रों को उन्नत कर रहे हैं।’’
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इस बीच एमएसएमई मंत्रालय के तहत आने वाले खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने सोमवार को कहा कि उसे भारतीय रेडक्रास सोसायटी से 10.5 लाख मास्क का अब तक का सबसे बड़ा आर्डर प्राप्त हुआ है। सोसायटी से उसे दूसरी बार यह आर्डर मिला है।
एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने मास्क बनाकर सतत् रोजगार के अवसर पैदा करने के लिये सीवीआईसी के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि चेहरे पर पहने जाने वाला मास्क जहां एक तरफ कोविड- 19 से बचने का सबसे प्रभावी उपाय है वहीं इनके उत्पादन से कारीगरों को बड़ी मात्रा में रोजगार भी उपलब्ध हुआ है।

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NEET And JEE 2020 Update: मुंबई में जेईई मेंस और नीट की परीक्षा के लिए अभ्यर्थी और अभिभावक एग्जाम के दिन कर सकेंगे स्पेशल लोकल सर्विस से यात्रा

मुंबई: भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने सोमवार को NEET और JEE परीक्षा के लिए उपस्थित होने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों को परीक्षा के दिनों में रेलवे ने मुंबई में स्पेशल लोकल सर्विस (Special Local Services) द्वारा यात्रा करने की अनुमति दी है. छात्रों के अभिभावक NEET 2020 और JEE 2020 परीक्षा के दिनों में स्थानीय ट्रेनों में यात्रा कर सकते हैं.

केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने एक ट्वीट में कहा, “नीट और जेईई परीक्षा के लिए उपस्थित होने वाले छात्रों का समर्थन करते हुए, रेलवे ने उन्हें और उनके अभिभावकों को परीक्षा के दिनों में मुंबई में विशेष उपनगरीय सेवाओं द्वारा यात्रा करने की अनुमति दी है. सामान्य यात्रियों से अनुरोध है कि वे यात्रा न करें. यह भी पढ़ें | JEE Main 2020 From Tomorrow: एग्जाम हॉल के अंदर छात्र ले जा सकते हैं ये चीजें, इन वस्तुओं की नहीं है इजाजत- यहां देखें लिस्ट. 

लोकल ट्रेनों में सवार होने के लिए छात्रों को स्टेशनों पर अपने एडमिट कार्ड दिखाना आवश्यक है. इसी के बाद उन्हें यात्रा के लिए टिकट दिया जाएगा. रेलवे ने आम जनता को इन विशेष लोकल ट्रेनों से यात्रा नहीं करने के लिए कहा है. रेलवे ने लोगों से यह भी अपील की कि वे शहर में लोकल ट्रेनों के सामान्य परिचालन को फिर से शुरू करने की किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें.

जेईई 2020 परीक्षाएं मंगलवार से शुरू हो रही हैं, JEE एग्जाम्स 1 सितंबर से 6 सितंबर तक होंगे. इस बीच, NEET 2020 परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित की जाएगी. दोनों प्रवेश परीक्षाएं राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित की जाएगी.

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नागपुर, 31 अगस्त राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोक प्रकट किया और उन्हें ‘एक महान विद्वान और देशभक्त’ बताया। उन्होंने कहा कि उनके निधन से हुई क्षति की पूर्ति नहीं की जा सकती है।
भागवत ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘ भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी का निधन उन सभी स्वयंसेवकों के लिए बहुत बड़ी क्षति है जो उनके संपर्क में आये थे। जब वह राष्ट्रपति थे तब मैं उसने दो बार मिला था और उसके बाद मैं उनसे तीन-चार बार मिला।’’
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उन्होंने कहा कि पहली मुलाकात के दौरान वह उनके सौम्य आचरण के चलते भूल ही जाते थे कि वह भारत के राष्ट्रपति के साथ बातचीत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगा कि जैसे मैं अपने परिवार के किसी बड़े सदस्य से बातचीत कर रहा हूं। ’’
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भागवत ने कांग्रेस के कई नेताओं की आलोचनाओं के बीच सात जून, 2018 को यहां रेशिमबाग मैदान में संघ के महत्वपूर्ण कार्यक्रम (तृतीय वर्ष प्रशिक्षण कार्यक्रम) में मुखर्जी के पधारने को याद किया।
संघ प्रमुख ने कहा, ‘‘ जब वह अपना परिचय देने के लिए स्वयं आगे आये और खड़े होकर कहा कि ‘चूंकि हम सभी एक दूसरे को जानने के लिए एकत्रित हुए हैं, तो सबसे पहले मैं आपके सामने अपना परिचय दूं’ तब सभी उनकी सादगी और सौहार्द्रपूर्ण आचरण के कायल हो गये थे।’’
उन्होंने कहा कि मुखर्जी बहुत ही अनुभवी और ज्ञानवान व्यक्ति थे जो सभी के मार्गदर्शक थे।
उन्होंने कहा, ‘‘ यदि हमें उनसे मिलने और बतियाने का मौका मिलता था तो हमें लगता था कि उनके साथ बातचीत करते रहें और उन्हें सुनते रहें।’’
भागवत ने कहा, ‘‘ वह बहुत सफल राजनेता थे और उनकी बहुत सफल राजनीतिक यात्रा रही। वह सभी राजनीतिक रणनीतियां जानते थे लेकिन वह राजनीति से ऊपर उठे और सदैव उन्होंने राष्ट्रहित में सभी को अपना समझा। जब राजनीतिक टकराव होता था तो भी वह लोगों को एकसाथ लाते थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने एक विद्वान एवं देशभक्त खो दिया है जो मार्गदर्शन के सच्चे स्रोत थे। यह क्षति कभी भरी नहीं जा सकती है। प्रणब दा मुझ जैसे लोगों के जीवन में बहुत कम समय के लिए आये लेकिन वह हमेशा याद किये जाएंगे। हम दुख की इस घड़ी में उनके परिवार के साथ हैं।’’

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