कोविड-19 के मद्देनजर भारत से 60 हजार विदेशी नागरिकों को वापस भेजा गया : विदेश मंत्रालय

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बताया कि कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान 72 देशों के करीब 60 हजार विदेशी नागरिकों को भारत से वापस भेजा गया ।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि विदेशों में फंसे भारतीयों को निकालने के मुद्दे पर भी चर्चा की जा रही है और सभी भारतीय मिशन विदेशों में भारतीय समुदाय के लोगों को हर संभव मदद पहुंचा रहे हैं ।
उन्होंने आनलाइन प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘‘इस मामले पर सरकार ध्यान दे रही है। इस स्तर पर मेरे लिए उनकी वापसी की योजना के बारे में बोलना जल्दबाजी होगी।’’
श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘लेकिन मैं आपको यह बता सकता हूं कि इस बारे में विचार-विमर्श चल रहा है। बातचीत चल रही हैं। इसके साथ ही हमारे मिशन हालात पर ध्यान केंद्रित करते हुए असाधारण प्रयास कर रहे हैं।’’
समझा जाता है कि सरकार लॉकडाउन समाप्त होने के बाद खाड़ी एवं अन्य क्षेत्रों में फंसे हजारों की संख्या में भारतीयों को निकालने के लिये नौसेना के जहाजों के अलावा सैन्य एवं वाणिज्यिक हवाई जहाजों को लगाने की एक वृहद योजना पर काम कर रही है।
बहरहाल, चीन की दो कंपनियों द्वारा कोविड-19 की जांच के लिये आपूर्ति की गई रैपिड टेस्टिंग किट के उपयोग पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की रोक की चीन द्वारा आलोचना किये जाने के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले को आईसीएमआर देख रहा है ।
गौरतलब है कि आईसीएमआर ने सोमवार को राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से चीन की दो कंपनी ग्वांगझू वॉन्डफो बायोटेक एवं झूहाई लिवजॉन डायग्नोस्टिक से खरीदी गई टेस्टिंग किट का उपयोग करने से मना कर दिया था क्योंकि इसके परिणामों में काफी भिन्नता आ रही थी।
श्रीवास्तव ने कहा कि भारत ने अनेक देशों को सहायता के तौर पर 28 लाख हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की टैबलेट और 19 लाख पैरासिटामॉल की टैबलेट मुहैया कराई हैं।

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Gujarat Day 2020: गुजरात स्थापना दिवस विशेष- गुजरात से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्‍य

भारत में ऐसे कई राज्य हैं जो अपने भीतर बेशुमार खूबसूरती और विविधता को समेटे हुए हैं, उनमें से एक ऐसा ही राज्य है जिसे दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैचू ऑफ यूनिटी का गौरव प्राप्‍त है. इसी राज्य में दुनिया का सबसे बड़ा सफेद रेगिस्तान रन ऑफ कच्छ है, जो अपने आप में एक आकर्षण का केंद्र है. जी हां यह राज्य गुजरात है. यहां गिर के शेरों से लेकर सोमनाथ मंदिर तक से जुड़ी तमाम कहानियां लोगों की ज़ुबान पर रहती हैं. गुजरात उत्तर-पश्चिम में पाकिस्तान की सीमाओं, दक्षिण-पश्चिम में अरब सागर, उत्तर में राजस्थान, दक्षिण में महाराष्ट्र और पूर्व में मध्य प्रदेश से लगा भारत का सातवां सबसे बड़ा राज्य है. हर साल 1 मई को गुजराज स्थापना दिवस मनाया जाता है. 1 मई 1960 को गुजरात राज्य की स्थापना हुई और इसे पूर्ण राज्य का दर्जा मिला. 1960 से पहले यह बॉम्बे का हिस्सा था.

संक्षिप्त इतिहास:

गुजरात का इतिहास सदियों पुरानी हड़प्पा सभ्यता से लेकर मुगल काल तक फैला हुआ है. गुजरात का इतिहास 2000 ईपू का माना जाता है जब भगवान कृष्ण ने सौराष्ट्र के पश्चिमी तट पर बसने के लिए मथुरा छोड़ दिया था. इसके बाद इसे द्वारका के रूप में जाना जाने लगा. बाद में यहां कई लोगों का शासन रहा जिसमें मौर्य, गुप्त, प्रतिहार प्रमुख हैं. प्राचीन काल में गुजरात ने सबसे ज्यादा प्रगति और समृद्धि चालुक्य (सोलंकियों) के राज में देखी. इसके बाद गुजरात पर कई वंशों और मुगलों का भी शासन रहा. गुजरात का भारत के स्वतंत्र संग्राम में महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है. इसी प्रदेश ने राष्ट्र को महात्मा गांधी तथा सरदार बल्लभ भाई पटेल जैसे नेता दिए.

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2011 के सेंसस के अनुसार गुजरात की जनसंख्या 6,038,3628 है. यहां का भौगोलिक क्षेत्रफल 196,063 वर्ग किलोमीटर है. यहां गुजराती, हिन्दी और अंग्रेजी बोली जाती है. राज्य की साक्षरता दर 79.31% है. यहां कुल 33 जिले हैं.

प्रसिद्ध पर्यटन स्थल:

धार्मिक स्‍थलों में द्वारका, सोमनाथ, पालीताना, पावागढ़, अंबाजी, भद्रेश्‍वर, शामलाजी, तरंगा, गिरनार प्रमुख हैं. महात्‍मा गांधी की जन्‍मभूमि पोरबंदर, साबरमती आश्रम
पुरातत्‍व और वास्‍तुकला की दृष्टि से उल्‍लेखनीय पाटन, सिद्धपुर, घुरनली, दभाई, वड़नगर, मोधेरा, लोथल और अहमदाबाद जैसे स्‍थान है. अहमदपुर मांडवी, चोरवाड़, और तीथल के सुंदर तट, सतपुड़ा पर्वतीय स्‍थल, गिरि वनों में शेरों का अभयारण्‍य और कच्‍छ में जंगली गधों का अभयारण्‍य भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं.

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गुजरात से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य:

– गुजरात भारत का सबसे प्रमुख नमक उत्पादन राज्य है। यहां देश के कुल नमक का 60 प्रतिशत उत्पादन गुजरात में होता है.
– व्यापार की दृष्टि से समुद्र तटवर्ती प्रदेश होने के नाते इसका बहुत महत्व है. प्रदेश में कुल 40 बंदरगाह हैं, जिनमें कांडला जैसी नवनिर्मित और विकसित बन्दगाह भी शामिल है.
– गुजरात कपास, तंबाकू और मूंगफली का उत्पादन करने वाला देश का प्रमुख राज्य है.
– यह कपड़ा, तेल और साबुन जैसे महत्त्वपूर्ण उद्योगों के लिए कच्चा माल उपलब्ध करता है. अन्य महत्त्वपूर्ण फ़सलें हैं – इसबगोल, धान, गेहूं और बाजरा.
– गुजरात को भारत की पेट्रोलियम राजधानी माना जाता है.
– गुजरात विश्व में प्रसंस्कृत हीरे का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है. 80% हीरे का प्रसंस्करण गुजरात में होता है और 95% प्रसंस्कृत हीरों का निर्यात भारत से दुनिया में होता है. जबकि, सूरत में दुनिया का सबसे बड़ा हीरे की पॉलिशिंग और उसे चमकाने का उद्योग है.
– डेनिम उत्पादन में 65 से 70 प्रतिशत के योगदान के साथ, गुजरात देश में डेनिम का सबसे बड़ा निर्माता है और दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा निर्माता है.
– यहां 42 बंदरगाह, 18 घरेलू हवाई अड्डे और एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है.
– गुजरात में 90 बिलियन अमेरिकी डॉलर के दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे (DMIC) के रूप में बड़े पैमाने पर निवेश की उम्मीद है.
– डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड के अनुसार गुजरात राज्य में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश अप्रैल 2000 से दिसंबर 2019 तक 24.87 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया.
– भारत में समग्र एफडीआई में गुजरात की लगभग पांच प्रतिशत हिस्सेदारी है.
– 2018-19 में राज्य से कुल 67,401 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात हुआ, जो अप्रैल-दिसंबर 2019 में 49,616 मिलियन अमेरिकी डॉलर का रहा.

दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को 21 दिन के लिये पृथक-वास में रखा जायेगा

चंडीगढ़, 30 अप्रैल पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को चिन्हित स्थानों पर 21 दिनों के लिये पृथक—वास में भेजा जायेगा ।
जिले के उपायुक्तों एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री ने पृथक—वास के उद्देश्य से सरपंचों को गांवों में स्कूल एवं अन्य इमारतों की पहचान करने का निर्देश दिया ।
मुख्यमंत्री ने पंचों एवं पंचायतों से कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिये गांव स्तर पर निगरानी बढ़ाने की अपील की ।
उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले किसी भी व्यक्ति को 21 दिन के पृथक—वास अवधि को पूरा किये बगैर घर जाने की अनुमति नहीं दी जायेगी । चूंकि, संक्रमण के लक्षण आम तौर पर कुछ समय बाद दिखते हैं ।
मुख्यमंत्री ने सलाह दी कि जिन लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि होती है और जिनमें नहीं होती है, उन्हें अलग अलग इमारतों में पृथक—वास में रखा जाये ।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार पिछले चार दिन में 3525 श्रद्धालु नांदेड़ से और 153 छात्र कोटा से वापस आये हैं । बयान में कहा गया है कि फाजिल्का से सटे राजस्थान सीमा पर 3085 श्रमिक आये हैं ।
इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन के दौरान दी जाने वाली छूट के बारे में भी चर्चा की ।

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जिलाधिकारी ने तपेदिक रोगी को एंबुलेंस से फेंकने के मामले में दिया जांच का आदेश

नोएडा, 30 अप्रैल गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुभाष एल वाई ने साठ वर्षीय तपेदिक रोगी को जिम्स अस्पताल की एंबुलेंस द्वारा कथित तौर पर सड़क पर फेंकने के मामले में जांच के आदेश दिया है।
उन्होंने अपर जिलाधिकारी (एलए) को इसकी जांच सौंपी है।
जिलाधिकारी ने बताया कि 20 अप्रैल को राजेंद्र कुमार नामक एक व्यक्ति तपेदिक रोग की वजह से जिम्स अस्पताल में भर्ती हुआ था। उनका कोरोना वायरस की जांच के लिए नमूना लिया गया था। उनकी रिपोर्ट 30 अप्रैल को आई जो नकारात्मक है।
उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई तथा अस्पताल की एंबुलेंस उन्हें दादरी स्थित घर तक छोड़ने गई।
उन्होंने बताया कि राजेंद्र शाम में दादरी क्षेत्र में सड़क किनारे पड़े हुए मिले। इस बात की सूचना किसी राहगीर ने पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने 102 एंबुलेंस को बुलाया तथा उन्हें वापस जिम्स अस्पताल में भर्ती कराया।
उन्होंने बताया कि बुजुर्ग व्यक्ति को सड़क पर छोड़ने वाले चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसकी जांच अपर जिलाधिकारी (एलए) को सौंपी गई है।
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महाराष्ट्र ने फंसे हुए लोगों की वापसी के लिए आदेश जारी किया

मुम्बई, 30 अप्रैल महाराष्ट्र सरकार ने फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों, विद्यार्थियों, तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों को उनके मूल राज्यों में वापसी सुनिश्चित करने के आदेश जारी किया और इसके लिए जिलाधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया। गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
एक वीडियो संदेश में देशमुख ने कहा कि जो लोग अपने मूल स्थानों पर लौटना चाहते हैं, वे अपने नाम, मोबाइल फोन नंबर, राज्य, जिला एवं तालुक , जहां वे फंसे हुए हैं, का ब्योरा देते हुए जिलाधिकारियों के पास फार्म जमा करें।
उन्होंने कहा कि फंसे हुए व्यक्ति को यह भी बताना होगा कि वह अकेला है या उसके साथ परिवार या समूह है और उसके पास गाड़ी है या नहीं।
मंत्री ने कहा कि इजाजत जिलाधिकारियों के माध्यम से दी जाएगी और तब ही आप अपने राज्यों को लौट सकते हैं।
उससे पहले दिन में सरकार ने अधिसूचना जारी कर जिलाधिकारियों को इस फंसे हुए राज्य के बाहर या अंदर जाने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया था।
अधिसूचना के अनुसार फंसे हुए लोगों को साथ में नोडल अधिकारी से जारी पत्र की प्रति रखनी होगी।

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COVID-19: झारखंड में सिर्फ राजधानी रांची रेड जोन में, 14 जिलों को ग्रीन जोन में रखा गया

झारखंड में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव नितिन मदन कुलकर्णी (Nitin Madan Kulkarni) ने बृहस्पतिवार को बताया कि केंद्र द्वारा जारी सूची में प्रदेश में सिर्फ राजधानी रांची को रेड जोन (Red Zone) में रखा गया है जबकि नौ अन्य जिलों को ऑरेंज जोन में व शेष चौदह जिलों को ग्रीन जोन में रखा गया है. कुलकर्णी ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राजधानी रांची में प्रदेश के 110 में से सर्वाधिक 80 मामले सामने आये हैं जिसके चलते केन्द्र सरकार ने रांची को रेड जोन घोषित किया है, जबकि अपेक्षाकृत कम मामलों वाले नौ अन्य जिलों को ऑरेंज जोन घोषित किया है एवं जिन 14 जिलों में एक भी मामले नहीं आए हैं उन्हें ग्रीन जोन में रखा गया है.

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार वैसे जिले जो ऑरेंज जोन में हैं, यदि वहां अगले 21 दिनों तक कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं मिलता है, तो उसे ग्रीन जोन में डाल दिया जाएगा. कुलकर्णी ने बताया कि राज्य में अभी कुल 33 निरुद्ध क्षेत्र (कंटेनमेंट जोन) निर्धारित किए गए हैं, जिसमें से 15 रांची में हैं. उन्होंने कहा कि इन निरुद्ध क्षेत्रों में लॉक डाउन का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है. इन जगहों से न किसी को बाहर जाने और न ही किसी को अंदर जाने की अनुमति दी जा रही है. उन्होंने बताया कि राज्य में कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे है.
उन्होंने बताया कि राज्य में फेस मास्क, पीपीई किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं.

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उन्होंने बताया कि राज्य में कोविड-19 की जांच के लिये 4 जांच केंद्र कार्य कर रहे हैं. इसके अलावा राज्य के तीन अन्य मेडिकल संस्थानों में भी जांच प्रयोगशाला का निर्माण कराया जा रहा है, जो जल्द ही तैयार हो जाएंगे. इसके साथ ही आईसीएमआर द्वारा कुछ प्राइवेट जांच घरों को अनुमति देने पर कार्य किया जा रहा है. वहां वैसे लोग जो खुद से अपनी जांच कराना चाहते हैं, वे करवा सकते हैं. उन्होंने बताया कि राज्य में अभी कोरोना वायरस के 84 इलाजरत मरीज हैं. मरीजों की सही से देखभाल के लिये राज्य में अभी 206 वेंटिलेटर बेड भी उपलब्ध हैं.

संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार राज्य में झारखंड के बाहर फंसे लोगों को वापस लाने की व्यवस्था की जा रही है. केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए मापदंडों के अनुरूप ही उनके आवागमन के लिये तैयारी की जा रही है. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अन्य राज्यों ने यह भी कहा था कि जो लोग दूर के राज्यों में फंसे हैं उनको राज्य में वापस लाने में बस की सुविधा पर्याप्त नहीं होगी. इसके लिये राज्य सरकारों ने कुछ विशेष ट्रेन चलाने की बात केंद्र सरकार से की थी.

उन्होंने कहा कि जो राज्य झारखंड के सटे हैं, जहां बसों से आवागमन किया जा सकता है, वहां से राज्य सरकार श्रमिकों एवं छात्रों को लाने की तैयारियां कर रही है. इसके लिये विभाग द्वारा आज से ही बसें भेजने की तैयारियां की जा रहीं है. उन्होंने बताया कि इसके बाद केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार वापस आने वाले लोगों की सबसे पहले स्क्रीनिंग की जाएगी और आवश्यकतानुसार उन्हें घर में पृथक रखा जाएगा या पृथक-वास केंद्र में भेजा जाएगा. ऐसे लोग पृथक-वास की अवधि पूरी करने के बाद ही अपने घर जा सकेंगे तथा सामान्य रूप से रह पाएंगे.

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Maharashtra Day 2020: जानें वीर छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमि से जुड़ी रोचक बातें

महाराष्‍ट्र का नाम आते ही ऊंची-ऊंची इमारतें, इकोनॉमिक कॉरिडोर, शिक्षण संस्‍थान और एक से बढ़ कर एक पर्यटन स्थल ज़हन में आते हैं. और इन सबके बीच छत्रपति शिवाजी और मुंबई यानी आर्थिक राजधानी का जिक्र तो जरूर होता है. महाराष्‍ट्र जिसे उद्योगों का राज्य कहा जाता है, अरब सागर के समुद्री तट से लगा हुआ है. और यही कारण है कि सदियों से यह जगह व्यापारियों का गढ़ रही है. 1 मई को महाराष्‍ट्र का स्थापना दिवस है. इस साल कोविड-19 के संक्रमण के चलते महाराष्‍ट्र दिवस फीका रहेगा, लेकिन हां इसमें कोई शक नहीं है कि पूरा प्रदेश कोरोना को हराने की पुरजोर कोशिश में जुटा है.

इतिहास के पन्नों की एक झलक:

महाराष्ट्र के पहले प्रसिद्ध शासक सातवाहन थे, उन्होंने ही महाराष्ट्र की स्थापना की थी. उनके बाद वाकाटक आए, जिन्होंने सर्व-भारतीय साम्राज्य बनाया. उनके शासनकाल में महाराष्ट्र में शिक्षा, कला तथा धर्म सभी का चौ‍तरफा विकास हुआ. उनके कार्यकाल से लेकर शिवाजी के शासन तक इस राज्य को अनगिनत चीजें विरासत में मिलीं. शिवाजी के नेतृत्व में राज्य का सर्वांगीण विकास हुआ. शिवाजी ने लोगों के अंदर स्वराज तथा राष्ट्रीयता की एक नई भावना पैदा की. पेशवाओं ने दक्षिण के पठार से लेकर पंजाब पर हमला बोलकर मराठाओं का आधिपत्य स्थापित किया. स्वतंत्रता संग्राम में भी महाराष्ट्र अग्रणी भूमिका निभाई.

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देश के राज्यों के भाषायी पुनर्गठन के फलस्वरूप 1 मई, 1960 को महाराष्ट्र राज्य का प्रशासनिक रूप से गठन हुआ. इस राज्य का गठन आसपास के मराठी भाषी क्षेत्रों को मिलाकर किया गया. इनमें मूल ब्रिटिश मुंबई प्रांत में शामिल दमन और गोवा के बीच का जिला, हैदराबाद के निज़ाम की रियासत के पांच जिले, मध्य प्रांत (मध्य प्रदेश) के दक्षिण आठ जिले तथा आसपास की ऐसी अनेक छोटी-छोटी रियासतें शामिल थीं, जो समीपवर्ती जिलों में मिल गईं थीं.

1956 में उठी अलग राज्य बनाने की मांग:

मराठी भाषी लोगों के लिए एक अलग राज्य बनाने की मांग के साथ वर्ष 1956 में संयुक्त महाराष्‍ट्र आंदोलन की शुरुआत हुई. यह आंदोलन 1960 में राज्‍य के गठन के साथ खत्म हुआ. 1 मई 1960 को महाराष्‍ट्र के साथ-साथ गुजरात को भी एक अलग राज्य का दर्जा दिया गया. इस आंदोलन के समानांतर गुजरात के लिए भी आंदोलन चला था.

राज्‍य का कुल क्षेत्रफल 3.08 लाख वर्ग किलोमीटर है. यहां मराठी, कोंकणी, हिन्दी व अंग्रेजी भाषा बोली जाती है. वहीं कर्नाटक से लगे कुछ हिस्सों में कन्नड़ भाषा भी बोलते हैं. 2011 के सेंसस के अनुसार राज्य की शैक्षिक दर 82.3 प्रतिशत है. इस राज्य में फार्मास्‍युटिकल्‍स, बायोटेक्नोलॉजी, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, इलेक्‍ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, ऑयल एंड गैस, एग्रो फूड प्रोसेसिंग, जेम्स एंड ज्‍वेलरी, वित्‍तीय सेवाओं, टेक्‍सटाइल, आदि के उद्योग प्रमुख रूप से हैं. और हां देश का सबसे बड़ा फिल्म उद्योग यानी बॉलीवुड भी इसी राज्य के दिल यानी मुंबई में बसता है.

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महाराष्‍ट्र से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्‍य:

– महाराष्‍ट्र में स्थापना दिवस को महाराष्‍ट्र दिवस के रूप में मनाया जाता है.
– महाराष्‍ट्र की स्थापना बॉम्बे रीऑर्गनाइजेशन ऐक्ट के तहत की गई.
-2017-18 में राज्‍य की जीएसडीपी देश की जीडीपी की 14.89 प्रतिशत रही, जो सभी राज्यों में सबसे अधिक रही.
– राज्‍य की जीसडीपी 2018-19 में 405.35 बिलियन डॉलर रही.
– राजधानी मुंबई अगर फाइनेंशियल हब है, तो पुणे एजूकेशनल हब है.
– महाराष्‍ट्र में कुल 16 एयरपोर्ट हैं, दो बड़े बंदरगाह व 48 छोटे बंदरगाह हैं.
– समुद्री मार्ग के जरि देश के कुल कार्गो ट्रांसपोर्ट का 22 प्रतिशत केवल महाराष्‍ट्र से होता है.
– जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट देश का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट है.
– राज्य में 303,000 किलोमीटर का रोड नेटवर्क और 6,165 किमी का रेल नेटवर्क है.
– अप्रैल 2000 से जून 2019 तक महाराष्‍ट्र में कुल विदेशी निवेश 128.85 बिलियन डॉलर रहा.
-2018-19 के बीच यहां का मर्केंडाइज एक्‍सपोर्ट 74 बिलियन डॉलर रहा और अप्रैल से सितंबर 2019 के बीच 33 बिलियन डॉलर रहा.
– मार्च 2019 में यहां के सिंधुदुर्ग एयरपोर्ट का संचालन शुरू हुआ। यह तटीय कोंकण क्षेत्र का पहला एयरपोर्ट है.
– महाराष्‍ट्र में 2017-18 में 6.55 मिलियन बेल कॉटन का उत्पादन हुआ. वहीं 2018-19 में यह 7.83 मिलियन बेल रहा. आपको बता दें कि एक बेल में 170 किलोग्राम होता है.
– राज्‍य में 2018-19 में कुल 519 मीट्रिक टन रॉ सिल्क का उत्‍पादन हुआ.
-2018-19 में महाराष्‍ट्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कोऑपरेशन, सिडको और सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया ने 37 आईटी पार्क विकसित किये और 527 प्राइवेट आईटी पार्कों को स्‍वीकृति दी. 527 में से 193 आईटी पार्क 19927 करोड़ रुपए के निवेश के साथ संचालित हैं. यहां 10.81 लाख रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है.
– देश में ऑटोमोबाइल क्षेत्र के कुल उत्पादन का करीब 35.1 प्रतिशत महाराष्‍ट्र में होता है.
– महाराष्‍ट्र में मौजूद बिजली संयंत्रों की कुल क्षमता 43,000 मेगावॉट की है.
– टेक्सटाइल के क्षेत्र में रोजगार देने वाले राज्यों में महाराष्‍ट्र दूसरे स्थान पर है.
– भारत से एक्सपोर्ट होने वाले सॉफ्टवेयर का 20 प्रतिशत महाराष्‍ट्र से होता है.

कोविड-19 निषिद्ध क्षेत्रों में रह रहे सभी लोगों की जांच करेगी दिल्ली सरकार

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल दिल्ली सरकार ने बृहस्पतिवार को आदेश दिया कि कोविड-19 निषिद्ध क्षेत्रों की पहचान के 14 दिन के भीतर कम से कम तीन बार इन क्षेत्रों में रह रहे सभी लोगों की जांच कराई जाए।
इन क्षेत्रों में प्रतिबंध लागू होने के बावजूद कोरोना वायरस संक्रमण के कई मामले सामने आने की पृष्ठभूमि में यह आदेश दिया गया है।
दिल्ली में इस समय 100 निषिद्ध क्षेत्र हैं।
मुख्य सचिव विजय देव द्वारा जारी आदेशानुसार इन क्षेत्रों में रहने वाले हर व्यक्ति को ‘आरोग्य सेतु’ ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
आदेश में कहा गया है, ‘‘निषिद्ध क्षेत्र की अधिसूचना जारी होने के 14 दिन के भीतर कम से कम तीन बाद इन क्षेत्रों में सभी निवासियों की जांच की जाएगी।’’
दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बुधवार को बढ़कर 3,439 हो गए, और वायरस से दो और लोगों की मौत हो गई है।

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कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने के प्रबंध कर रही दिल्ली सरकार: केजरीवाल

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी के उन छात्रों को वापस लाने के प्रबंध कर रही है जो लॉकडाउन की वजह से राजस्थान के कोटा में फंसे हैं।
एक सरकारी पदाधिकारी ने कहा कि सरकार ने कोटा से छात्रों को वापस लाने के तौर-तरीकों पर काम शुरू कर दिया है और परिवहन विभाग इस उद्देश्य के लिये निजी बस संचालकों के संपर्क में है।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली सरकार कोटा में फंसे दिल्ली के छात्रों को जल्द वापस लाने के लिए प्रबंध कर रही है।’’
दिल्ली सरकार के अधिकारी छात्रों को वहां से निकालने के मुद्दे पर अपने राजस्थान के समकक्षों के संपर्क में हैं और चर्चा कर रहे हैं।
दिल्ली के वहां फंसे छात्रों की सूची तैयार की जा रही है। अधिकारियों ने कहा कि ऐसे छात्रों की संख्या करीब एक हजार है।
ऑल इंडिया लग्जरी बस असोसिएशन के अध्यक्ष श्यामलाल गोला ने दावा किया कि दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने उनसे बसों की मांग की है।
गोला ने कहा, “हमसे शुक्रवार सुबह तक 30 बसें तैयार करने को कहा गया है। बसों को सैनिटाइज किया जा रहा है लेकिन सरकार को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि बस कर्मियों की सुरक्षा के लिये पर्याप्त कदम उठाए जाएंगे।”
दिल्ली में चलने वाली दिल्ली परिवहन निगम और क्लस्टर बसे सीएनजी पर चलती हैं जो बिना ईंधन भरवाए ज्यादा दूरी तय नहीं कर सकतीं। इसलिये निजी बस संचालकों की सेवा की जरूरत पड़ रही है।
छात्रों के अभिभावकों द्वारा अनुरोध किये जाने के अलावा दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने भी केजरीवाल को पत्र लिखकर कोटा में फंसे दिल्ली के छात्रों को जल्द वापस लाने की मांग की थी।

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प्रवासी मजदूरों के आवागमन के लिए राज्यों की तैयारी शुरू, मरीजों के ठीक होने की दर 25 प्रतिशत से अधिक

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पिछले एक महीने से ज्यादा समय से लागू लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न भागों में फंसे प्रवासी मजदूरों और छात्रों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए राज्यों ने बृहस्पतिवार को तैयारी शुरू कर दी। उधर देश में संक्रमण के 33,600 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और मृतकों की संख्या 1100 के करीब पहुंच गयी है।
हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोविड-19 के मरीजों के ठीक होने की दर भी एक पखवाड़ा पहले के करीब 13 प्रतिशत से बेहतर होकर तकरीबन 25.2 प्रतिशत हो गयी है ।
राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का दूसरा चरण रविवार को खत्म हो रहा है ऐसे में लोग आगे इस पर और स्पष्टता के लिए सरकार के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं । इस बीच, भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और जानेमाने अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने लॉकडाउन के बाद आर्थिक गतिविधियां जल्द खोलने की पैरवी करते हुए कहा है कि कोरोना वायरस से निपटने के साथ ही लोगों की जीविका की सुरक्षा करनी होगी।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किए गए संवाद के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि देश के गरीबों, मजदूरों और किसानों की प्रत्यक्ष अंतरण के माध्यम से वित्तीय मदद करनी होगी जिसमें 65 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
गांधी के एक प्रश्न के उत्तर में राजन ने कहा कि सामाजिक सौहार्द में लोगों की भलाई है और इस चुनौतीपूर्ण समय में हम विभाजित रहने का जोखिम नहीं उठा सकते।
देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है । पहले 14 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन की घोषणा की गयी थी । इसके बाद इसे तीन मई के लिए बढ़ा दिया गया ।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शाम के अपडेट में कहा कि बुधवार शाम से 67 लोगों की मौत के मामले सामने आने के साथ मृतकों की संख्या 1075 हो गयी है । पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 1823 मामले सामने आने के साथ संक्रमित लोगों की संख्या 33610 हो गयी है ।
हालांकि, विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से मिली खबरों के आधार पर शाम पौने सात बजे पीटीआई- की तालिका के मुताबिक कम से कम 1093 लोगों की मौत हुई है ।

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