Maharashtra: महाराष्ट्र को मराठा कोटा देने के लिए तमिलनाडु की पद्धति का अनुसरण करना चाहिए- रामदास आठवले

पालघर, 30 नवंबर : केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले (Ramdas Athawale) ने मराठों को आरक्षण प्रदान करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की एक अलग श्रेणी बनाने का बृहस्पतिवार को समर्थन किया और समुदाय की आरक्षण की मांग को पूरा करने के लिए विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक पारित करने का महाराष्ट्र सरकार को सुझाव दिया.

आठवले ने कहा कि वह सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मराठा समुदाय की मांग का समर्थन करते हैं और इस संबंध में कार्यकर्ता मनोज जरांगे द्वारा शुरू किए गए आंदोलन का भी समर्थन करते हैं. वह एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मुंबई से लगे पालघर जिले के अपने दौरे के दौरान मीडिया से बात कर रहे थे. यह भी पढ़ें : Manipur: मणिपुर के उखरुल में हथियारबंद लोगों ने बैंक से 18.85 करोड़ रुपये लूटे

उन्होंने कहा कि यदि आरक्षण दिया जाता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि मराठा समुदाय में सभी को इसका लाभ मिलेगा क्योंकि ‘क्रीमी लेयर’ मानदंड लागू होगा और केवल वे लोग जिनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम है, आरक्षण के दायरे में आएंगे. केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हमारा रुख यह है कि मराठा समुदाय के सदस्यों को आरक्षण देते समय ओबीसी प्रभावित नहीं होना चाहिए. इसलिए, उनकी आरक्षण की मांग को पूरा करने के लिए (ओबीसी की) एक अलग श्रेणी बनाई जानी चाहिए.’’

विदेश की खबरें | युद्धविराम के सातवें दिन इजराइल ने और फलस्तीनी कैदियों को रिहा किया

सेना ने बताया कि युद्धविराम समझौते के तहत शुक्रवार तड़के इजराइल ने 30 फलस्तीनी कैदियों को रिहा किया।
सात अक्टूबर को इजराइल पर हमास के घातक हमले के बाद इजराइल ने युद्ध का ऐलान किया था। कई हफ्तों तक इजराइली बमबारी और जमीनी अभियान के बाद युद्धविराम का अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ गया था।
युद्ध के दौरान हजारों फलस्तीनी नागरिकों की मौत हुई तथा वहां मानवीय संकट पैदा हो गया है।
इजराइल ने युद्धविराम खत्म होने के बाद हमास को खत्म करने के लक्ष्य के साथ फिर से युद्ध शुरू करने का संकल्प लिया है।
एक वीडियो सामने आया है जिसमें हमास को बंधकों को रेड क्रॉस को सौंपते हुए दिखाया गया है। वहीं, इजराइल द्वारा रिहा किए गए 30 फलस्तीनी कैदियों से भरी बस का वेस्ट बैंक में लोगों ने स्वागत किया।
गाजा पट्टी में आठ सप्ताह की कैद के बाद आठ इजराइली बंधक शुक्रवार तड़के रामल्ला शहर पहुंचे।
इजराइल और हमास के बीच युद्धविराम समझौते के तहत पिछले शुक्रवार से हर रात बंधकों और कैदियों को रिहा किया जा रहा है। युद्धविराम शुक्रवार को समाप्त होने वाला है लेकिन अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थ इसे कम से कम एक दिन और बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं।

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विदेश की खबरें | भारत ने हानि और क्षति कोष के संचालन को लेकर समझौते पर खुशी जताई

दुबई, 30 नवंबर जलवायु संकट में कम योगदान देने के बावजूद इसका खामियाजा भुगतने वाले विकासशील और गरीब देशों को मुआवजा देने के उद्देश्य से हानि और क्षति कोष के संचालन को लेकर हुए समझौते का भारत ने बृहस्पतिवार को “सकारात्मक संकेत” के तौर पर स्वागत किया।
इस कोष को लेकर हुए समझौते पर मिलीजुली प्रतिक्रिया आई, खास कर ‘ग्लोबल साउथ’ से।
संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता सीओपी28 एक सकारात्मक संकेत के साथ शुरू हुई, जिसमें विभिन्न देशों ने हानि और क्षति कोष के संचालन पर शुरुआती समझौता किया। सीओपी के अध्यक्ष डॉ. सुल्तान अल जाबेर ने कहा कि विज्ञान स्पष्ट है और “अब हम सभी के लिये समय आ गया है कि जलवायु कार्रवाई के लिए पर्याप्त रूप से वृहद मार्ग तलाशा जाए।”
निर्णय की घोषणा के तुरंत बाद पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया: “संयुक्त अरब अमीरात में पहले दिन ही सीओपी28 के रफ्तार पकड़ने का सकारात्मक संकेत… हानि और क्षति कोष के संचालन पर ऐतिहासिक निर्णय सीओपी28 के उद्घाटन सत्र में अपनाया गया। भारत हानि एवं क्षति कोष को शुरू करने के फैसले का पुरजोर समर्थन करता है।”
ग्लोबल साउथ लंबे समय से बाढ़, सूखे और गर्मी सहित आपदाओं से निपटने के लिये पर्याप्त धन की कमी की ओर इशारा कर रहे हैं और अमीर देशों को इससे उबरने के लिये पर्याप्त धन नहीं देने का दोषी ठहरा रहे हैं।
ग्लोबल साउथ से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है।
विकासशील देशों ने यह भी दावा किया है कि बदलावों से निपटने में मदद करने की जिम्मेदारी अमीर देशों की है, क्योंकि ऐतिहासिक रूप से ये वही देश हैं जिन्होंने पृथ्वी को गर्म करने वाले कार्बन उत्सर्जन में अधिक योगदान दिया है।
इससे पहले, बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र की मौसम एजेंसी विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने कहा कि 2023 सबसे गर्म वर्ष होना निश्चित है और चिंताजनक प्रवृत्तियां भविष्य में बाढ़, जंगल की आग, हिमनद पिघलने और भीषण गर्मी में वृद्धि का संकेत देती हैं।
डब्ल्यूएमओ ने यह भी चेतावनी दी है कि वर्ष 2023 का औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक काल से लगभग 1.4 डिग्री सेल्सियस ऊपर है।
पिछले साल मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित सीओपी27 में अमीर देशों ने हानि और क्षति कोष स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की थी। हालांकि, धन आवंटन, लाभार्थियों और प्रशासन पर फैसले लटकाए रखे गए थे।
विकासशील देश कोष रखने के लिए एक नयी और स्वतंत्र इकाई चाहते थे, लेकिन अगले चार वर्षों के लिए अस्थायी रूप से ही सही और अनिच्छा से विश्व बैंक को स्वीकार किया था।
इस कोष को चालू करने के निर्णय के तुरंत बाद, संयुक्त अरब अमीरात और जर्मनी ने घोषणा की कि वे इस कोष में 10-10 करोड़ अमेरिकी डॉलर का योगदान देंगे।
एनआरडीसी (प्राकृतिक संसाधन रक्षा परिषद) में अंतरराष्ट्रीय जलवायु वित्त के वरिष्ठ पैरवोकार जो वेट्स ने इसे एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया।
डब्ल्यूआरआई इंडिया में जलवायु परिवर्तन कार्यक्रम निदेशक उल्का केलकर ने कहा कि विकसित देशों को हानि एवं क्षति कोष में नयी और अतिरिक्त धनराशि देने की आवश्यकता है ताकि उन देशों और समुदायों को सहायता प्रदान की जा सके, जहां इसकी तत्काल आवश्यकता है।
क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क इंटरनेशनल में वैश्विक राजनीतिक रणनीति के प्रमुख हरजीत सिंह ने कहा, ‘‘अपनी स्थापना के एक वर्ष के भीतर हानि और क्षति कोष को चालू करने के ऐतिहासिक निर्णय के बीच, अंतर्निहित चिंताओं को संबोधित करना महत्वपूर्ण हो जाता है।’’

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देश की खबरें | भाजपा ने दिल्ली जल बोर्ड मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया

नयी दिल्ली, 30 नवंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बृहस्पतिवार को दिल्ली जल बोर्ड के मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि जल बोर्ड, सीवरेज शोधन संयंत्रों (एसटीपी) के उन्नयन के लिए फर्जी निविदाएं जारी कर ‘‘घोटाला’’ कर रहा है।
दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने पलटवार करते हुए भाजपा के विरोध प्रदर्शन को ‘‘राजनीतिक नाटक’’ करार दिया।
आप ने एक बयान में कहा, ‘‘हर दिन वे एक नए घोटाले का आरोप लगाते हैं, लेकिन वे किसी भी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते हैं, जबकि केंद्र में उनकी सरकार के पास सभी शक्तियां हैं। हर कोई जानता है कि दिल्ली में नौकरशाही भाजपा शासित केंद्र को रिपोर्ट करती है। उनके पास किसी भी अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की शक्तियां हैं।’’
भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि जल बोर्ड का ‘‘घोटाला’’ केजरीवाल सरकार के ‘‘शराब घोटाले’’ से भी बड़ा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि जल बोर्ड में ऐसे कई मामले हैं, जिनमें निविदाएं जारी की गईं, भुगतान भी किया गया, लेकिन कोई काम नहीं किया गया।
सचदेवा ने दावा किया, ‘‘सीवरेज शोधन संयंत्रों की 1,200 करोड़ रुपये की निविदा को 1,546 करोड़ रुपये में जारी की गई और बाद में इसे बढ़ाकर 1,938 करोड़ रुपये बढ़ा दिया। एक पखवाड़ा पहले हमने दस्तावेजों के आधार पर जल बोर्ड में 3,753 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था और आज भी हम इस पर कायम हैं।’’
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कथित भ्रष्टाचार की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की।
आप ने भाजपा पर ‘‘भ्रष्ट अधिकारियों’’ को बचाने का आरोप लगाया।
आप ने दावा किया, ‘‘अब तक भाजपा दिल्ली सरकार के सभी भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने के पक्ष में रही है। दिल्ली सरकार ने स्वयं जल बोर्ड और वित्त विभाग से अब तक प्राप्त शिकायतों के आधार पर दोषी अधिकारियों की पहचान करने को कहा है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है।’’
इसमें कहा गया कि निविदा प्रक्रिया में मंत्रियों की कोई भूमिका नहीं होती है। इस प्रक्रिया को संबंधित अधिकारी ही नियंत्रित करते हैं।

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‘India’ Alliance: झारखंड में ‘इंडिया’ गठबंधन 14 में 13 सीट पर जीत मिलने की उम्मीद कर रहा- हेमंत सोरेन

मेदिनीनगर (झारखंड), 1 दिसंबर : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन को 2024 के लोकसभा चुनाव में राज्य की 14 में से 13 सीट पर जीत मिलने की उम्मीद है. उन्होंने कहा उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन के साथ खड़ी है. यहां चतरा, पलामू, लातेहार और गढ़वा जिले के झामुमो कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सोरेन ने कहा, ‘‘हमने (विपक्षी गठबंधन ने) लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. हमें राज्य में (लोकसभा की) 14 में से 13 सीट पर जीत मिलने की उम्मीद है.’’

उसने कहा, ‘‘झामुमो दृढ़ता से ‘इंडिया’ गठबंधन (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लुसिव अलायंस) के साथ खड़ी है और इस पर किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए.’’ मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) झूठे वादों के कारण जनता के सामने बेनकाब हो गई है और लोग अगले साल लोकसभा चुनाव में उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने वाले हैं. यह भी पढ़ें : Maharashtra: महाराष्ट्र को मराठा कोटा देने के लिए तमिलनाडु की पद्धति का अनुसरण करना चाहिए- रामदास आठवले

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई उनकी सरकार को अस्थिर करने के लिए प्रवर्तन निदेशायल (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और अन्य केंद्रीय एजेंसियों सहित सभी ताकतों का इस्तेमाल कर रही है. भाजपा-ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) गठबंधन ने 2019 के लोकसभा चुनाव में झारखंड में 14 सीट में से 12 पर जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस और झामुमो को एक-एक सीट मिली थी.

देश की खबरें | हिमाचल के मुख्यमंत्री ने सोलन में आपदा प्रभावित परिवारों को 11.31 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित किया

शिमला, 30 नवंबर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोलन जिले में बारिश और बाढ़ से प्रभावित परिवारों को ‘पुनर्वास’ योजना के तहत बृहस्पतिवार को 11.31 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि वितरित की।
मुआवजे में उन 377 परिवारों में से प्रत्येक को तीन लाख रुपये की पहली किस्त शामिल है जिनके घर मॉनसून के दौरान आपदा के कारण पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए थे।
एक बयान में कहा गया कि सोलन जिले के आपदा प्रभावित लोगों को 42.53 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। बयान में कहा गया है कि सोलन में आपदा के कारण लगभग 8,700 परिवार प्रभावित हुए, जिससे जिले में 377 मकान पूरी तरह से नष्ट हो गए और लगभग 500 मकानों को आंशिक क्षति हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी तरह नष्ट हुए मकानों के लिए मुआवजा राशि 1.30 लाख रुपये से बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दी गयी है।
सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार हर प्रभावित व्यक्ति का दर्द समझती है और हर आपदा प्रभावित को पर्याप्त सहायता प्रदान की जा रही है। राज्य सरकार की ओर से प्रभावित लोगों की मदद के लिए 4,500 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा की गई है।
बयान के अनुसार, सुक्खू ने सोलन में ‘मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना’ के तहत 11 लाभार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये। जिले में योजना के 205 लाभार्थी हैं। ‘श्रीनिवास रामानुजन डिजिटल स्टूडेंट स्कीम’ के तहत जिले में 26 विद्यार्थियों को ‘टैबलेट’ उपलब्ध कराए गए।

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देश की खबरें | डीयू ने शिक्षकों के विरोध के बीच पदोन्नति संबंधी नए दिशानिर्देशों को मंजूरी दी

नयी दिल्ली, 30 नवंबर दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की अकादमिक परिषद ने बृहस्पतिवार को कुछ संशोधनों के साथ अपने विभागों और केंद्रों के शिक्षकों की पदोन्नति के लिए नए दिशानिर्देशों को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। डीयू के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा, ‘‘दिल्ली विश्वविद्यालय के विभागों/केंद्रों के शिक्षकों की पदोन्नति से संबंधित दिशानिर्देश कुछ संशोधनों के साथ स्वीकार किए गए हैं।’’
विभिन्न शिक्षक समूहों और स्वतंत्र कार्यकर्ताओं ने पदोन्नति के लिए नए दिशानिर्देशों का विरोध किया है।
विभाग के शिक्षकों की पदोन्नति के लिए प्रस्तावित नियमों को लेकर शिक्षकों के प्रतिनिधियों के विरोध के बीच अकादमिक परिषद की बैठक शुरू होने पर थोड़ी देर के लिए रुक गई।
परिषद की बैठक को कुलपति योगेश सिंह ने स्थगित कर दिया क्योंकि नियमों में बदलाव के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए कुछ प्रतिनिधि शून्यकाल के दौरान सभागार के बीचोंबीच पहुंच गए थे।
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने नये नियमों से जुड़े प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि यह एक जुलाई, 2024 के बाद सेवाओं में शामिल होने वालों के लिए भेदभावपूर्ण है।

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विदेश की खबरें | विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दुबई पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी

दुबई, 30 नवंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बृहस्पतिवार को दुबई पहुंचे।
दिल्ली से रवाना होने से पहले, मोदी ने विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में सक्षम बनाने के लिए पर्याप्त जलवायु वित्तपोषण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का आह्वान किया।
मोदी ने कहा कि उन्हें यह देखकर खुशी हुई कि यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अध्यक्षता में आयोजित किया जा रहा है, जो जलवायु कार्रवाई के क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार है।
मोदी ने कहा, ‘‘अपने सभ्यतागत लोकाचार को ध्यान में रखते हुए भारत ने हमेशा जलवायु कार्रवाई पर जोर दिया है, यहां तक कि हम सामाजिक और आर्थिक विकास को आगे बढ़ा रहे हैं।’’
उन्होंने दिल्ली से रवाना होने पहले अपने बयान में कहा, ‘‘जी20 की हमारी अध्यक्षता के दौरान जलवायु हमारी प्राथमिकता में सबसे ऊपर थी। नयी दिल्ली घोषणापत्र में जलवायु कार्रवाई और सतत विकास पर कई ठोस कदम शामिल हैं। मैं इन मुद्दों पर आम सहमति को सीओपी28 में आगे बढ़ाये जाने की उम्मीद करता हूं।’’
मोदी जलवायु पर संयुक्त राष्ट्र के ‘कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज’ के दौरान शुक्रवार को विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जिसे सीओपी28 के नाम से जाना जाता है।

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देश की खबरें | केरल में इजराइली महिला मृत मिली, पुलिस को हत्या का संदेह

कोल्लम (केरल), 30 नवंबर केरल के कोल्लम जिले में 36 वर्षीय एक इजराइली महिला बृहस्पतिवार को अपने आवास पर मृत मिली। यह जानकारी पुलिस ने दी।
पुलिस को संदेह है कि महिला के 70 वर्षीय ‘लिव-इन पार्टनर’ ने उसकी हत्या की है और उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।
कोट्टियम पुलिस थाने के एक अधिकारी ने आरोपी द्वारा दिये गए बयान का विवरण दिया, जो खुद को योग का आचार्य बताता है। अधिकारी ने बताया कि व्यक्ति ने अपने बयान में कहा है कि उन दोनों (जोड़े) ने आत्महत्या करने का फैसला किया और उसी के तहत महिला ने अपना गला रेत लिया।
पुलिस ने कहा कि व्यक्ति ने दावा किया कि उसने भी अपनी गर्दन और बाद में अपने पेट पर चाकू से वार किया।
पुलिस ने बताया कि हालांकि, महिला की गर्दन के अलावा शरीर के अन्य हिस्सों पर चाकू के कई घाव थे।
अधिकारी ने कहा कि उक्त व्यक्ति के खिलाफ धारा 309(आत्महत्या का प्रयास) के तहत भी मामला दर्ज किया गया है और वह फिलहाल अस्पताल में भर्ती है और पुलिस की निगरानी में है।
घटना बृहस्पतिवार दोपहर हुई और इस बारे में तब पता चला, जब आरोपी के रिश्तेदार ने जोड़े को उनके कमरे में घायल अवस्था में पाया।
अधिकारी ने बताया कि आरोपी के मुताबिक, महिला अवसाद में थी और उससे योग सीखने के बावजूद बेहतर महसूस नहीं कर रही थी।

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देश की खबरें | उत्तर प्रदेश: कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के खिलाफ आपराधिक मामला वापस

प्रयागराज, 30 नवंबर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद के खिलाफ 2015 में गोरखपुर में दर्ज आपराधिक मामले को वापस लेने की अर्जी मंजूर कर ली है। इस मामले में निषाद पर रेलवे लाइन पर धरना-प्रदर्शन की अगुवाई करने का आरोप था।
राज्य सरकार की ओर से दायर एक आपराधिक पुनर्विचार अर्जी मंजूर करते हुए न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, गोरखपुर के 29 सितंबर 2023 के आदेश को दरकिनार कर दिया। इस आदेश में डॉ. संजय निषाद के खिलाफ आपराधिक मामले को वापस लेने के लिए विशेष सरकारी वकील द्वारा दायर आवेदन खारिज कर दिया गया था।
अदालत ने कहा, ‘‘आरोप की प्रकृति और तथ्यों पर विचार करते हुए मुकदमा वापस लेने का मामला बनता है। इस मामले के तथ्यों से स्पष्ट है कि सरकारी वकील ने स्वतंत्र रूप से दिमाग का इस्तेमाल किया और कानून के अनुसार अपने विवेक का प्रयोग किया है।’’
उक्त मामला गोरखपुर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) पोस्ट में रेलवे अधिनियम की धारा 174 के तहत दर्ज किया गया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि निषाद ने निषाद समुदाय के अन्य लोगों के साथ मिलकर सात जून 2015 को रेलवे ट्रैक पर धरना प्रदर्शन किया जिसकी वजह से मगहर और सहजांवा के बीच रेल यातायात बाधित हुआ।
सरकारी अभियोजक ने निचली अदालत में इस मामले को वापस लेने के लिए आवेदन किया जिसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि शीर्ष अदालत द्वारा निर्धारित कानून के मद्देनजर कि किसी मौजूदा या पूर्व सांसद या विधायक के खिलाफ कोई भी मुकदमा उच्च न्यायालय की अनुमति के बिना वापस नहीं लिया जाएगा।
हालांकि, राज्य सरकार के अधिवक्ता ने दलील दी कि उच्च न्यायालय ने 21 मार्च 2023 के आदेश के जरिए राज्य को इस मुकदमे को वापस लेने की अनुमति दे दी है।

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